1952 के बाद 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में हुआ सबसे ज्यादा कामकाज
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : संसद में तीन तलाक बिल और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल समेत कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित होने के बाद लोकसभा की पहले सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इस मौके पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि 17वीं लोकसभा के पहले सत्र का मंगलवार को अवसान हो रहा है। 1952 से अब तक के इतिहास में इस सत्र में उल्लेखनीय कामकाज हुआ है। मोदी सरकार-2 के गठन के बाद पहले सत्र में अब तक सबसे ज्यादा 36 विधेयक पारित किए गए। इसके अलावा एक हजार से ज्यादा लोकहित के मुद्दे शून्यकाल में उठाए गए।
लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने सदस्यों को बताया, शून्यकाल में 265 नए सदस्यों में से 229 अपनी बात कहने का मौका मिला. उन्होंने कहा कि 1952 से लेकर 17वीं लोकसभा का यह सत्र लोकसभा का सबसे स्वर्णिम सत्र रहा है। 17वीं लोकसभा का पहला सत्र 17 जून से शुरू होकर 6 अगस्त तक चला। इसमें कुल 37 बैठके हुईं। इसमें करीब विभिन्न विषय पर 280 घंटे चर्चा हुई। 17 और 18 जून को कुल 539 सदस्यों ने शपथ ग्रहण की। 19 जून को लोकसभा अध्यक्ष के निर्वाचन का प्रस्ताव रखा गया।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि 24 जून को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर 13 घंटे तक चर्चा चली। इस सत्र में बजट पर 23 घंटे, रेलवे के अनुदान मांगों पर 13 घंटे, सड़क की अनुदान मांगों पर 7 घंटे समेत कई मंत्रालयों की अनुदान मांगो पर चर्चा हुई। सदन ने करीब 70 घंटे देर तक चर्चा की। इसके साथ ही इस सत्र में नए सांसदों को ज्यादा से ज्यादा प्रश्न पूछने का मौका मिला।