गायकवाड़ के बयान पर जवाब से नाखुश शिवसैनिकों ने उड्डयन मंत्री को घेरा
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: एअर इंडिया मैनेजर से मार-पीट के आरोपी रविन्द्र गायकवाड़ ने लोकसभा में अपना पक्ष रखा। खुद को निर्दोष बताते हुए सांसद ने कहा कि वो अपने व्यवहार के लिए क्षमाप्रार्थी तो हूं लेकिन एयर इंडिया से नहीं। गायकवाड़ ने अपने मीडिया ट्रायल पर भी दुख जाहिर किया। इसके साथ ही उन्होंने एअरलाइन्स के खिलाफ भी कार्रवाई किए जाने की मांग की। इस पर नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने एयरलाइन्स की तरफ से सफाई भी दी। खबर है कि जवाब से असंतुष्ट शिवसेना के सांसदों ने ब्रेक के दौरान मंत्री को घेर लिया। जिसे एसएस अहलूवालिया और मंत्री अनंत गीते के हस्तक्षेप से सुलझाया गया।
इससे पहले, उसमानाबाद से सांसद गायकवाड़ के पक्ष में पार्टी नेता और केन्द्र में भारी उद्योग और लोक उद्यम मंत्री अनंत गीते ने भी अपनी राय रखी। उन्होंने मंत्री पर विभिन्न एअरलाइन्स के प्रतिबंध को संसद की गरिमा के विरुद्ध बताया और दोष साबित होने से पहले ही दोषी करार देने को अन्यायपूर्ण बताया। उन्होंने पूछा कि नरेन्द्र मोदी की सरकार बिना जांच के कैसे ये कर सकती है? इस बैन को बतौर मंत्री उन्होंने शर्मनाक करार दिया।
वहीं, सरकार की ओर से नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू पुशापति ने संसद को विश्वास दिलाया कि जांच निष्पक्ष होगी। उन्होंने माना कि सांसद गायकवाड़ ने उन्हें अपना पक्ष रखते हुए चिट्टी दी है जिसे उन्होंने संबंधित विभाग तक बढ़ा दिया है। मंत्री ने कहा कि मंत्रालय मानता है कि ये किसी मंत्री का नहीं बल्कि एक आम यात्री का मामला है और इसी संदर्भ में मामले को देखा जायेगा।
सदन में वीरेन्द्र गायकवाड़ ने पूरे मामले का ब्योरा दिया और खुद को पाक साफ करार दिया। उन्होंने सदन से पूछा कि आखिर उन्हें किस गुनाह की सजा दी जा रही है? उन्होंने सत्य की जीत के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई। गायकवाड़ ने किसी भी तरह की मारपीट को सिरे से खारिज किया। गौरतलब है कि गायकवाड़ पर एक बुजुर्ग मैनेजर को चप्पलों से पीटने का आरोप है। उनके इस व्यवहार के बाद कई कम्पनियों ने उनकी हवाई उड़ान पर रोक लगा दी है। इस मसले को लेकर शिवसेना ने सरकार से अपील की थी कि उन्हें संसद में अपनी बात रखने का मौका दिया जाए।