मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह कांड पर लोकसभा में भारी हंगामा, सदन की कार्यवाही बाधित
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह में नाबालिग बच्चियों के साथ हुए दुष्कर्म की घटना को लेकर लोकसभा में सोमवार को भारी हंगामा हुआ और कार्यवाही काफी देर तक बाधित रही। इस मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस ने साक्ष्यों से छेड़छाड़ का आरोप लगाया
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि महिलाओं एवं लड़कियों पर अत्याचार को कोई भी सहन नहीं कर सकता है, साथ ही सरकार से आग्रह किया कि इस मामले की जांच की ठीक तरह से निगरानी हो। शून्यकाल में कांग्रेस की रंजीत रंजन और राजद के जयप्रकाश नारायण यादव ने सदन में इस विषय को उठाया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए 12.30 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर अध्यक्ष ने कहा कि जयप्रकाश नारायण यादव और रंजीत रंजन ने जो विषय उठाये हैं, वह केवल उनका मामला नहीं है बल्कि यह सभी का विषय है। उन्होंने कहा, महिलाओं और लड़कियों पर अत्याचार को कोई भी सहन नहीं कर सकता है। सरकार ने भी इस मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया है।
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि जयप्रकाश नारायण यादव और रंजीत रंजन ने मुजफ्फरपुर के बर्बर मामले में बच्चियों के साथ अत्याचार के विषय को उठाया है। गृह मंत्री इस विषय पर बयान दे चुके हैं। इसके बाद सीबीआई की जांच भी चल रही है। उन्होंने कहा कि सीबीआई जांच निष्पक्ष होगी। सदस्यों ने जो विषय उठाया है, उस विषय को वह गृह मंत्री तक पहुंचा देंगे।
गौरतलब है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह कार्यवाही स्थगित होने से पहले सदन में उपस्थित थे। हंगामे के बीच सदन की बैठक 10 मिनट के लिए स्थगित किये जाने के दौरान वह सदन से चले गये। इस बारे में सदन में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि जब सदस्य इस विषय को उठा रहे थे तब गृह मंत्री जवाब दे सकते थे। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जब सीबीआई जांच चल रही है, तब जवाब क्या देंगे। इसे पहले वह बयान दे चुके हैं। शून्यकाल में रोज जवाब नहीं होता है। इस पर कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राजद और वामदलों के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया।
इससे पहले इस विषय को उठाते हुए कांग्रेस की रंजीत रंजन ने कहा कि मुजफ्फरपुर में जो घटना घटी है, उसके सबूत मिटाने के प्रयास हो रहे हैं। इस बारे में टीआईएसएस की रिपोर्ट 2 महीने तक छिपा कर रखी गयी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज करने से पहले ही कुछ बालिकाओं को मधुबनी एवं अन्य जगहों पर शिफ्ट कर दिया गया। मेडिकल रिपोर्ट डेढ़ महीने बाद दी गई।
रंजीत रंजन ने आरोप लगाया कि इस मामले की मुख्य गवाह गायब है। ऐसे में 14 अन्य संस्थाओं की जांच क्यों नहीं की जा रही है। टीआईएसएस की रिपोर्ट सार्वजनिक क्यों नहीं की जा रही है। कांग्रेस सदस्य इस बारे में गृह मंत्री से बयान देने की मांग करते हुए आसन के समीप आ गईं। उन्होंने महासचिव के टेबल पर रखे कुछ कागजात गिरा दिये। राजद के जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में 39 बच्चियों के साथ दुराचार हुआ है। ऐसे में इस मामले की जांच न्यायालय की निगरानी में हो। बच्चियों को दिल्ली में सुरक्षित स्थान पर रखा जाए।