लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : लोकसभा और राज्यसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी। इस मानसून सत्र में पिछले सत्र के मुकाबले कम काम हुआ। राज्यसभा में 77.94 और लोकसभा में 79.5 फीसदी काम हुआ। सरकार के मुताबिक जो बिल पास हुए हैं वो बहुत महत्वपूर्ण हैं। लोकसभा में 14 और राज्यसभा में 9 बिल पास हुए।
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सुबह प्रश्नकाल पूरा होने के बाद जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाये। इसके पश्चात उन्होंने इस सत्र के दौरान कामकाज का ब्यौरा दिया और उसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की। मानसून सत्र पिछले महीने 17 जुलाई से शुरू हुआ था और इस दौरान सदन की 19 बैंठकें हुईं। लोकसभा अध्यक्ष के मुताबिक सदन की कार्यवाही के दौरान कई अवरोधों की वजह से करीब 30 घंटे का समय बर्बाद हुआ। सदन ने अपने कार्य को पूरा करने के लिए करीब 10 घंटे 36 मिनट का अतिरिक्त समय दिया। इसमें कुछ महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए जाने के साथ ही कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की गयी। महाजन ने सत्र के दौरान सहयोग के लिए सभी सदस्यों का आभार जताया। इस सत्र के दौरान पास किए गए कुछ अहम बिल्स में आईआईआईटी (पीपीपी) बिल 2017, निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (संशोधन) बिल 2017, कंपनी (संशोधन) बिल 2016, बैकिंग विनियमन (संशोधन) बिल 2017 और नाबार्ड (संशोधन) बिल, 2017 शामिल हैं। इस दौरान सदन में मॉब लिंचिंग, जीएसटी, विदेश नीति, किसान आंदोलन, जीडीपी और चीन विवाद जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
दूसरी तरफ, राज्यसभा की कार्यवाही भी शुक्रवार को सभापति एम. वेंकैया नायडू ने अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य सांसदों ने वेंकैया नायडू का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि वह बेहतर तरीके से सदन का संचालन कर सकेंगे। विभिन्न मुद्दों पर विपक्ष के हंगामे के कारण उच्च सदन में करीब 25 घंटे का कामकाज बाधित रहा। इस सत्र में जहां हामिद अंसारी का कार्यकाल पूरा होने पर उन्हें विदाई दी गई, वहीं आज नए सभापति एम. वेंकैया नायडू का स्वागत किया गया। सत्र के दौरान हुई कुल 19 बैठकों में दलितों एवं अल्पसंख्यकों को पीट-पीट कर मार देने की घटनाओं, किसानों एवं कृषि का संकट, गुजरात में विधायकों की कथित खरीद फरोख्त, रसोई गैस सिलेंडर से सब्सिडी को क्रमिक रूप से हटाने, कर्नाटक में एक मंत्री के परिसरों पर आयकर छापे जैसे विभिन्न मुद्दों पर लगभग 25 घंटे तक सदन की कार्यवाही में व्यवधान रहा। हालांकि सदन ने सात घंटे अतिरिक्त काम करके इसकी भरपाई करने का प्रयास किया।
सरकार सत्र के दौरान नौ विधेयकों को पारित कराने या वापस लेने में कामयाब रही। इनमें फुटवियर डिजायन एवं विकास संस्थान विधेयक, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान संशोधन विधेयक, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकीय संस्थान विधेयक, संविधान संशोधन विधेयक, बच्चों को निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार विधेयक, बैंकिंग नियमन विधेयक आदि शामिल हैं। सत्र के दौरान गोवा के भाजपा सदस्य विनय दीनू तेंदुलकर और मध्य प्रदेश की भाजपा सदस्य संपतिया उइके ने सदन की सदस्यता की शपथ हुई। इस दौरान बसपा प्रमुख मायावती एवं वैंकेया नायडू का इस्तीफा भी स्वीकार किया गया। सत्र के दौरान भारत छोड़ो आंदोलन के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर सदन में विशेष चर्चा हुई और एक प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। सत्र के दौरान 13 निजी विधेयक पेश किये गये तथा दो निजी विधेयकों को वापिस लिया गया या खारिज किया।