हंगामे की वजह से लोकसभा में पेश नहीं हो सका अविश्वास प्रस्ताव
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : लोकसभा में विपक्ष के हंगामे के कारण नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सोमवार को भी पेश नहीं हो पाया। लोकसभा में अजीब ही नजारा दिखा। मोदी सरकार के खिलाफ टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस सदस्यों के साथ मिलकर सदन में हंगामा करते दिखे। अविश्वास प्रस्ताव को लेकर मोदी सरकार पूरे आत्मविश्वास में नजर आई। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सदन में कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव समेत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि हंगामे की स्थिति में अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले लोगों को गि ना नहीं जा सकता है।
हालांकि हंगामे के बावजूद टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस की तरफ से लोकसभा में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्पीकर सुमित्रा महाजन ने स्वीकार कर लिया। सदन में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष के हंगामे के बीच कहा, 'हम अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं और सभी से आग्रह करते हैं कि इस मामले पर चर्चा होनी चाहिए।' इस दौरान कुछ सांसदों के वेल में आकर हंगामा करने के कारण लोकसभा स्पीकर ने प्रस्ताव लाने वाले सदस्यों को गिनने में असमर्थता जताई और सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी।
हंगामा करने वाले टीडीपी और वाईएसआर कांग्रेस के सांसदों का कहना है कि वह हंगामा नहीं कर रहे थे, बल्कि लोकसभा स्पीकर के सामने अपना पक्ष रख रहे थे। वहीं एआईएडीएमके के सांसद कावेरी जल विवाद के मुद्दे पर हंगामा कर रहे थे। संसद परिसर में संसदीय कार्य कार्यमंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार विश्वास मत का सामना करने के लिए तैयार है। संख्याबल सरकार के साथ है। एनडीए को भी मिला दिया जाए तो दो तिहाई बहुमत सरकार को हासिल है।
लोकसभा में इस वक्त भाजपा के 273 सांसद हैं। ऐसे में वह यह आसान परीक्षा को आराम से पास कर लेगी। हालांकि, सरकार के लिए थोड़ी मुश्किल सहयोगी दलों के छिटकने और गठबंधन के साथियों के नाराज होने की खबरों को लेकर जरूर है। विपक्षी एकता एक तरफ लामबंद होने के लिए प्रयास कर रही है और सरकार के सहयोगी दलों का दूर होना जरूर मोदी और भाजपा के रणनीतिकारों के लिए आगामी लोकसभा चुनावों में सिरदर्द बन सकता है।
अविश्वास प्रस्ताव पर कांग्रेस दोनों पार्टियों को समर्थन दे चुकी है। कांग्रेस के 48 सांसद हैं। इस तरह सरकार के खिलाफ प्रस्ताव लाने के लिए जरूरी 50 सांसदों का आंकड़ा आराम से जुट जाएगा। इसके साथ ही वाम दल, आप और बाकी विपक्षी दल भी सरकार के खिलाफ लामबंद हो चुके हैं। इस तरह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने में कोई मुश्किल नहीं होने वाली।