मोदी सरकार पर राहुल गांधी ने किया सबसे बड़ा हमला, कहा- प्रधानमंत्री चौकीदार नहीं भागीदार हैं
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के समर्थन में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केन्द्र को हर स्तर पर नाकामयाब बताया। उन्होंने भाषण की शुरूआत में ही प्रधानमंत्री के शब्द का मतलब बताने से किया। राहुल ने पीएम को जनता का चौकीदार नहीं बल्कि भागीदार करार दिया। यहां राहुल का इशारा औद्योगिक घरानों से पीएम के बढ़ते रिश्तों की ओर था।
जुमला स्ट्राइकर
उन्होंने तेदेपा द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी बात रखी। कहा- तेलुगू देशम पार्टी 21वीं सदी के राजनैतिक हथियार 'जुमला स्ट्राइक' का शिकार हुई है। जुमला नंबर एक- 15 लाख रुपये हर खाते में कहां हैं और जुमला नंबर 2- दो करोड़ युवाओं को रोजगार के वादे का क्या हुआ। राहुल के संबोधन के दौरान लगातार सदन में नोंकझोक होती रही। एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए राहुल ने कहा कि सिर्फ चार लाख युवाओं को रोजगार मिला है। उन्होंने कहा कि चीन 50,000 युवाओं को 24 घंटे में रोजगार देता हैं और आप (मोदी सरकार) केवल 400 युवाओं को नौकरी देते हैं।
'राफेल डील पर रक्षा मंत्री ने झूठ कहा'
राहुल गांधी ने कहा कि राफेल डील में हमारी सरकार ने 520 करोड़ रुपये प्रति प्लेन की डील की थी, पता नहीं क्या हुआ किससे बात हुई। पीएम फ्रांस गए और जादू से हवाई जहाज की कीमत 1600 करोड़ रुपये प्रति प्लेन हो गई। उन्होंने कहा, 'रक्षा मंत्री ने पहले कहा कि मैं देश को हवाई जहाज का दाम बताऊंगी। उसके बाद रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं यह आंकड़ा नहीं दे सकती क्योंकि फ्रांस और भारत की सरकार के बीच सीक्रेसी पैक्ट है।' राहुल ने कहा, 'मैंने स्वयं फ्रांस के राष्ट्रपति से पूछा कि क्या ऐसी कोई डील हुई है तो उन्होंने बताया कि दोनों देशों में ऐसा कोई सीक्रेट पैक्ट नहीं है।' इस पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कड़ा एतराज जताया और सदन में जोरदार हंगामा हुआ। राहुल ने कहा कि पीएम के दबाव में रक्षा मंत्री ने देश से झूठ बोला है।
'झूठ' बोलने पर सदन में तीखी नोंकझोक हुई। स्पीकर ने बाद में इसे हटाने का निर्देश किया। राहुल ने आरोप लगाया कि एक व्यक्ति को राफेल डील से फायदा पहुंचाया गया। एक कारोबारी को 45,000 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया गया। हर कोई जानता और समझता है कि पीएम की मार्केटिंग में भारी-भरकम पैसा खर्च किया जाता है। भाजपा के अनंत कुमार ने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाने पर कड़ा विरोध जताया। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री अपनी आंख मेरे आंखों में नहीं डाल सकते, इस पर प्रधानमंत्री भी हंसने लगे। दरअसल, राहुल के कहने का मतलब था कि पीएम उनसे आंख नहीं मिला सकते।
पकौड़े, नोटबंदी और बेरोजगारी...
राहुल ने कहा कि जब देश के युवा रोजगार की बात करते हैं तो आप (पीएम) कभी कहते हैं पकौड़े बनाओ, कभी कहते हैं कि दुकान खोल लो पर रोजगार की बातें कोई नहीं करता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे कहा, 'पता नहीं क्या हुआ कि रात के 8 बजे मोदी जी ने काले धन के खिलाफ नोटबंदी का कदम उठा लिया। शायद उन्हें समझ नहीं थी कि किसान और गरीब अपना धंधा कैश में चलाते हैं। सूरत के लोगों ने मुझे बताया कि पीएम ने सबसे ज्यादा चोट उनके धंधे पर पहुंचाई है।' इस पर एक बार फिर सदन में हंगामा शुरू हो गया। राहुल ने कहा कि आज चार साल में बेरोजगारी सबसे ज्यादा है।
जीएसटी ने सब बर्बाद किया
राहुल ने कहा कि जीएसटी कांग्रेस पार्टी लाई थी, आपने (भाजपा) विरोध किया था। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने विरोध किया था। उन्होंने कहा कि हम चाहते थे कि एक जीएसटी हो, पेट्रोल-डीजल उसमें शामिल हो जबकि प्रधानमंत्री की जीएसटी, पांच अलग तरह की जीएसटी है जिसने करोड़ों लोगों को बर्बाद कर दिया। छोटे दुकानदारों के घरों में इनकम टैक्स के लोगों को भेज दिया। राहुल ने आरोप लगाया कि पीएम की बात केवल सूटबूट वालों से होती है। जो पहले छोटा धंधा करते थे आपने उनके जेब में हाथ डाला और उनका पैसा छीन लिया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'जियो के विज्ञापन पर पीएम का फोटो आ सकता है। 10-20 उद्योगपतियों के लिए ये सबकुछ करते हैं और गरीबों के लिए इनके दिल में जगह नहीं है।
डोकलाम पर भी घेरा
राहुल ने कहा, 'प्रधानमंत्री चीन के राष्ट्रपति के साथ गुजरात में नदी के किनारे झूला झूले थे। उसी समय चीनी सैनिक भारत की सरजमीं पर थे। चीनी राष्ट्रपति लौटते हैं तो उनके सैनिक डोकलाम में पहुंच गए। कुछ दिन बाद पीएम चीन जाते हैं और बिना अजेंडा के वुहान गए और डोकलाम का मुद्दा तक नहीं उठाया।' उन्होंने आरोप लगाया कि डोकलाम में सैनिकों ने अपना साहस दिखाया पर प्रधानमंत्री ने चीन के एजेंडे के तहत काम किया। राहुल ने कहा, 'पीएम ने 2.5 लाख करोड़ रुपये से 20-25 बिजनसमैन का कर्जा माफ किया। किसान कहता है कि हमारा भी माफ कर दीजिए पर वित्त मंत्री ने कहा कि नहीं, किसान का कर्जा माफ नहीं होगा।' राहुल ने कहा, दरअसल प्रधानमंत्री अपने मित्रों की जेबें भरना चाहते हैं। प्रधानमंत्री के मित्र का पुत्र अपनी आमदनी को बढ़ाता है तो उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकलता है। मैं कहना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री चौकीदार नहीं हैं, भागीदार हैं।
हिंदू होने का मतलब ये!
अपने भाषण के अंत में राहुल ने भाजपा, आरएसएस पर तंज कसते हुए कहा, 'भाजपा और आरएसएस ने मुझे हिंदू होने का मतलब समझाया। आपके अंदर मेरे लिए गुस्सा है, आपके लिए मैं पप्पू हूं पर मेरे मन में आपके खिलाफ कोई गुस्सा नहीं हैं क्योंकि मैं कांग्रेस हूं। मैं आप सबके भीतर से इस नफरत को निकालकर कांग्रेस बनाऊंगा। भाषण समाप्त कर राहुल गांधी सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास जाकर उनसे गले मिले। पीएम मोदी ने भी अपनी सीट पर बैठे-बैठे राहुल से हाथ मिलाया और कान में कुछ शब्द कहते हुए पीठ थपथपाई।