नोटबंदी को लेकर संसद में हंगामा जारी, दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: संसद में नोटबंदी पर लगातार तीसरे दिन भी घमासान जारी। सदन में हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित हुई, तो राज्यसभा की कार्यवाही बार-बार (चार बार) स्थगित की जाती रही। अंतत उच्च सदन की कार्यवाही भी पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी।
शुक्रवार को सत्तापक्ष एक अलग रणनीति के साथ मैदान में उतरा। दूसरे दिन की कार्यवाही में विपक्ष जहां नोटबंदी पर पीएम मोदी के संसद में बोलने की मांग पर अड़ा था, वहीं शुक्रवार को सदन की पूरी कार्यवाही कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के बयान पर माफी की मांग पर केंद्रित थी। सरकार की नई रणनीति की वजह से हमलावर विपक्ष बैकफुट पर नजर था।
राज्य सभा में भाजपा सांसद नेता विपक्ष आजाद के नोटबंदी के दौरान हुई मौतों की उड़ी हमले से तुलना करने वाले बयान को लेकर विपक्ष पर हमलावर हैं। भाजपा सांसद इस मामले में आजाद की सदन में माफी की मांग कर रहे हैं। तो वहीं लोकसभा में भी भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने आजाद के बयान का मुद्दा उठाया।
सूत्रों के मुताबिक सरकार फिलहाल गुलाम नबी आजाद के बयान को लेकर संसद में हावी रहेगी। इतना ही नहीं सरकार विपक्ष के साथ 'जैसे को तैसा' की रणनीति पर काम कर रही है। विपक्ष के बार-बार पीएम मोदी के संसद में बोलने की मांग पर पलटवार के लिए सरकार ने अब गुलाम नबी आजाद के बयान को लेकर किसी भी तरह की नरमी न दिखाने का फैसला लिया है। साथ ही आजाद से बिना किसी शर्त माफी की मांग की है।
लोकसभा में भाजपा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने गुलाम नबी आजाद से माफी की मांग की। शेखावत ने कहा कि विपक्ष के नेता का बयान जवानों की शहादत का अपमान करता है। उन्हें बिना किसी शर्त माफी मांगनी चाहिए। लोकसभा में केन्द्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि सरकार नोटबंदी के मुद्दे पर बहस के लिए तैयार है। वहीं नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने स्थगन प्रस्ताव को तुरंत लागू करने की मांग की। इस पर अनंत कुमार ने कहा 'सरकार ब्लैक मनी पर अभी इसी वक्त चर्चा को तैयार है।'
भाजपा ने विपक्ष को कड़ा जवाब देने के लिए अपने सभी सांसदों को सदन में रहने को कहा है। इसके लिए बकायदा विप भी जारी की गई है। बता दें कि विपक्षी सांसद नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में पीएम मोदी के बोलने की मांग पर अड़े हुए हैं। सरकार विपक्ष की मांग को पूरा करने के मूड में नजर नहीं आ रही है। सूत्रों के मुताबिक इस मुद्दे पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ही सरकार की तरफ से मोर्चा संभालेंगे, जबकि पीएम मोदी बहस में हिस्सा नहीं लेंगे। कांग्रेस सहित कई पार्टियों ने जहां ऐलान कर दिया है कि जब तक पीएम नहीं बोलेंगे तब तक कार्यवाही नहीं होगी तो वहीं केंद्र के रुख से यह साफ हो रहा है कि पीएम संसद से अगले एक हफ्ते तक दूर ही रहने वाले हैं। हालांकि केंद्र विपक्षियों को मनाने की कोशिश कर सकती है।
सदन में कांग्रेस के साथ ही तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी भी सरकार को घेरने की तैयारी में है। हालांकि सरकार विपक्ष को बाचतीच के जरिए साधने की कोशिश करेगी। इस क्रम में केंद्रीय मंत्री वरिष्ठ नेताओं से भी मिलेंगे। वहीं विपक्ष सरकार को अलग-थलग करने की रणनीति बना रहे हैं। एक तरफ कार्यवाही शुरू होने से पहले ही कांग्रेस ने संसद में बैठक बुलाई है। तो दूसरी ओर, टीएमसी ने गांधी प्रतिमा के सामने नोटबंदी के खिलाफ प्रदर्शन करने का ऐलान कर दिया है।