राज्यसभा में रेणुका ने किये पुराने दिन याद तो नरेश ने इशारों-इशारों में कह डाली मन की बात
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: संसद के उच्च सदन से बुधवार को 40 सांसदों ने विदाई ली। सबने अपने अनुभव साझा किए और कई मसलों पर राय जाहिर की। वहीं विदाई भाषण के बाद राज्यसभा एक बार फिर हंगामे की वजह से स्थगित हो गया। बुधवार को बजट सत्र के दूसरे हिस्से का 17वां दिन है और बुधवार को भी वाईएसआर कांग्रेस की ओर से लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया था लेकिन सदन में ऑर्डर में न होने की वजह से प्रस्ताव नहीं रखा जा सका। लोकसभा की कार्यवाही को 2 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है वहीं राज्यसभा में सांसदों के विदाई भाषण हुए जिसके बाद सदन की कार्यवाही 2 अप्रैल तक के लिए स्थगित करदी गई।
कांग्रेस और एआईएडीएमके के सदस्यों ने अपने अपने मुद्दों को लेकर खूब शोरशराबा किया। जहां कांग्रेस पीएनबी घोटाले को लेकर अड़ी रही वहीं AIADMk सांसद कावेरी मुद्दे को लेकर नारेबाजी करते रहे। दोनों ही पार्टियों के सांसद हंगामा करते हुए वेल में पहुंच गए, जिसके बाद उपसभापति ने कार्यवाही स्थगित कर दी। कांग्रेस सांसद आनंद शर्मा ने सदन में पीएनबी घोटाले पर चर्चा की मांग की। उन्होंने का कि विपक्षी दल कई बार इस मुद्दे पर नोटिस दे चुके हैं लेकिन उसे स्वीकार क्यों नहीं किया जा रहा है। जिस पर उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि आपके नोटिस जब स्वीकार होंगे तब बता दिया जाएगा, लेकिन इसपर फैसला सभापति को लेना है। एआईएडीएमके सांसद नवनीत कृष्णन ने उठाया कावेरी प्रबंधन बोर्ड का मुद्दा उठाया।
सांसदों की विदाई
विदाई भाषण में कई सांसदों ने अपनी आपबीती सुनाई, अपने अनुभव साझा किए तो कई मौकों पर कटाक्ष भी खूब हुए। ऐसा ही तंज कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद गुलाम नबी आजाद ने नरेश अग्रवाल को लेकर किया। तंज ऐसा था कि अग्रवाल झेंप से गए। वहीं कांग्रेस की फायर ब्रांड नेता रेणुका चौधरी ने भी गुजरा जमाना याद किया और सबसे जूनियर सांसद के तौर पर आगाज और सिनीयर के तौर पर रिटायरमेंट लेने को किसी उपलब्धि से कम नहीं माना।
नरेश ऐसे सूरज...जो इधर डूबे तो ऊधर से निकले
इस दौरान सदन में बोलते हुए गुलाम नबी आजाद ने बातों-बातों में नरेश अग्रवाल पर तंज कसा। आजाद ने अपने संबोधन के दौरान नरेश अग्रवाल का जिक्र करते हुए कहा, 'नरेश अग्रवाल जी एक ऐसे सूरज हैं जो इधर डूबे तो उधर निकले। मुझे यकीन है, जिस पार्टी में वह गए हैं वो उनकी क्षमता का पूरा उपयोग करेगी।' दरअसल, अग्रवाल हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव से ऐन पहले समाजवादी पार्टी का दामन छोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं।
अग्रवाल ने इशारों इशारों में लौटने का भरा दम
नरेश अग्रवाल ने अपने विदाई भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का शुक्रिया किया है। नरेश अग्रवाल ने कहा कि मैंने अमित शाह और पीएम मोदी के बारे में कई बार गलत शब्दों का इस्तेमाल किया है, लेकिन इसके बावजूद भी उन्होंने मुझे पार्टी में स्वीकार किया है, इसके लिए मैं इनका धन्यवाद करता हूं। अग्रवाल ने अपने भविष्य के लिए इशारा भी कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर मुझे मौका मिला तो किसी सदन में दोबारा आऊंगा। उन्होंने कहा कि मैंने कभी रिटायर होने की नहीं सोचा था।
यानी उन्होंने इशारों-इशारों में भाजपा को संकेत दे दिया है कि राज्यसभा या लोकसभा में दोबारा आने के इच्छुक हैं और टिकट के लिए खुलेतौर पर बैटिंग शुरू कर दी है।
रेणुका पर वेंकैया नायडू की चुटकी
अपनी हंसी को लेकर चर्चा में रहीं कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने भी अपनी बात कही। उन्होंने सबको अपने अच्छे और बुरे अनुभव बताए। रेणुका ने वित्त मंत्री अरुण जेटली की तारीफ करते हुए उन्हें एक सज्जन पुरुष कहा। उन्होंने कहा, ‘हमारी बहुत से मुद्दों पर बहस हुई, लेकिन उन्होंने हमेशा ही मुझसे अच्छे से बात की। वह एक शानदार जेंटलमैन हैं।’
इस मौके पर उपराष्ट्रपति और राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू ने चुटकी लेते हुए रेणुका चौधरी को वजन कम करने की सलाह भी दी। रेणुका ने जब कहा कि नायडू उन्हें काफी किलो पहले से जानते हैं, तब उपराष्ट्रति ने कांग्रेस नेता से कहा कि वह अपना वजन घटाएं और पार्टी का वजन बढ़ाने का काम करें। नायडू की बात सुनकर सभी सांसद ठहाके मारकर हंसने लगे। इस बात पर रेणुका ने जवाब दिया कि पार्टी का वजन तो ठीक ही है। इसके साथ ही रेणुका ने कहा, ‘मैं सदन में पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ बैठी हू्ं। मैंने बहुत कुछ अनुभव किया है। बहुत से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्रियों का कामकाज देखा है। सबसे अच्छे प्रधानमंत्री मुझे राजीव गांधी लगे। उनके समय में यह हॉल पूरा भरा रहता था।’
रेणुका ने संसद में पालना घर की जरूरत पर भी बल दिया। उन्होंने बताया कि वह बहुत युवा थीं जिस वक्त राज्यसभा आई थीं। उस वक्त उनका तीन महीने का बच्चा भी था, लेकिन पालना-घर नहीं होने के कारण वह उसे घर में छोड़कर आने को मजबूर थीं। विदाई के मौके पर सभापति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सदन के नेता अरूण जेटली तथा विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने उनके योगदान की सराहना की तथा उनके बेहतर भविष्य की कामना की। इस दौरान कई सदस्यों ने सदन में अक्सर होने वाले हंगामे पर अफसोस जताया।