शीतकालीन सत्र में देरी पर घिरी सरकार, जेटली ने किया कांग्रेस पर पलटवार
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली/राजकोट : संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने में जानबूझकर देरी किए जाने के विपक्ष के आरोपों पर चौतरफा घिरी केंद्र सरकार की ओर से वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कांग्रेस पर पटलवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस भी पहले इस तरह से संसद सत्र की तारीखों में बदलाव करती रही है। उन्हीं से तो हमने सीखा है।
जेटली ने गुजरात के राजकोट में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, 'ऐसा पहले कई बार हुआ है जब चुनावों के दौरान संसद सत्र की तिथि बदली गई है। इसे इस तरह से निर्धारित किया जाता है कि चुनावी अभियान में सत्र के कारण कोई परेशानी न आए। कांग्रेस ने 2011 में ऐसा किया था, यहां तक कि उससे पहले भी संसद के सत्र स्थगित किए गए हैं। संसद का शीत सत्र निश्चित रूप से होगा जिसमें सभी मुद्दों को उठाया जाएगा और कांग्रेस का खुलासा किया जाएगा।'
इससे पहले सोमवार को ही कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा था, पीएम मोदी ने अपने अंहकार के लिए लोकतंत्र के मंदिर (संसद) को ताला लगा दिया है। वे अपने अहंकार के लिए गरीबों का भविष्य भी बर्बाद करने पर तुले हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने नरेंद्र मोदी पर संसद सत्र को 'तुच्छ आधार' पर स्थगित करने का आरोप लगाते हुए कहा, केंद्र सरकार अगामी गुजरात चुनाव की वजह से संसद का सामना करने से बच रही है। सरकार सोचती है कि लोकतंत्र के मंदिर को ताला लगाकर वह संवैधानिक जवाबदेही से बच निकलेगी। उन्होंने आगे कहा, प्रधानमंत्री मोदी जीएसटी के लिए आधी रात को संसद सत्र तो बुला सकते हैं लेकिन आज संसद का सामना करने से भाग रहे हैं।
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने भी शीतकालीन सत्र में देरी पर मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, मोदी सरकार संसद के माध्यम से लोगों के प्रति जवाबदेह होने और भ्रष्टाचार, पारिवारवाद और नोटबंदी-जीएसटी की वजह से आई आर्थिक मंदी पर सवालों का सामना करने से भाग रही है। वरिष्ठ वामपंथी नेता ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, संसद के कम से कम 100 कार्यदिवस तय करने के लिए एक संविधान संशोधन के लिए हम लगातार दबाव बनाते रहे हैं। 2014 से संसद में कार्य दिवसों की संख्या घटी है।