बजट सत्र 31 जनवरी से, विपक्ष के ऐतराज पर जेटली ने गढ़े तर्क
इस साल संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होगा। मोदी सरकार ने ऐतिहासिक परिवर्तन कर साल 2017-18 के लिए आम बजट एक फरवरी को पेश करने का फैसला किया है। बजट प्रक्रिया में इस बदलाव का फैसला मंगलवार को संसदीय मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में किया गया। राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट भी 31 जनवरी को संसद में रखी जाएगी। विपक्षी दलों ने बजट को समय से पहले पेश करने के सरकार के फैसले का विरोध किया है।
जरा सोचिए! सत्ता पक्ष का कोई सांसद 'बैजयंत जय पांडा' क्यों नहीं बनता?
संसद के शीतकालीन सत्र 2016 में कामकाज ना होने के बाद ओडिशा से बीजू जनता दल के सांसद बैजयंत 'जय' पांडा ने वेतन और दैनिक भत्ता लौटा दिया। रविवार को पांडा ने कहा, संसद में जितने दिन काम नहीं होता मैं उतने दिन का वेतन और भत्ता सरकार को लौटा देता हूं और ये काम चार साल से करता आ रहा हूं। क्या सत्ता पक्ष का कोई सांसद जय पांडा जैसी दिलेरी दिखाने का माद्दा रखता है?
लोकसभा में वाणिज्य पोत परिवहन विधेयक 2016 पेश
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समुद्री व्यापार में आए बदलाव को देखते हुए सरकार ने देश के समुद्री वाणिज्यिक कारोबार को ज्यादा कारगर बनाने के लिए वाणिज्य पोत परिवहन 2016 लोकसभा में पेश कर दिया गया। इसे सत्रावसान के आखिरी दिन टेबल किया गया। जिसमें वाणिज्य पोत परिवहन से संबंधित विधि का संशोधन किया गया हैं।
अंत भला तो सब भला, सत्र के आखिरी दिन चर्चा के बाद LS में पारित हुआ निशक्त बिल
वैसे तो संसद का शीतकालीन सत्र हंगामें की वजह से यूं ही जाया हो गया। लेकिन जाते-जाते एक अहम बिल पास हो गया। सांसदों ने कुछ हद तक वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी की पीड़ा को समझा और उनका मान रखा। बाद में राजद से निष्कासित सांसद राजेश रंजन ने टिप्पणी की - अंत भला तो सब भला।
LS में विपक्ष तो RS में सत्ता पक्ष ने किया हंगामा
संसद को दोनों सदनों की कार्यवाही गुरुवार को भी हंगामे की भेंट चढ़ गई। लोकसभा में विपक्ष ने तो राज्यसभा में सत्ता पक्ष ने कार्यवाही में व्यवधान डाला। नोटबंदी और अगस्ता वेस्टलैंड को लेकर खूब हल्ला मचा। कोशिश खूब हुई लेकिन सदन की कार्यवाही एक दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी।
PM मोदी नहीं रख पाए अपनी बात, लोकसभा एक दिन के लिए स्थगित
उम्मीद थी कि चार दिनों की छुट्टी के बाद बैठी संसद में कोई काम हो पाएगा। संसद के शीतकालीन सत्र के सत्रावसान के आखिरी तीन दिन कोई सार्थक बहस देखने को मिलेगी। लेकिन नजारा पहले जैसा ही रहा। प्रधानमंत्री को बोलने का मौका नहीं मिला। उनकी मौजूदगी में भी संसद में हंगामा बरपा और आखिरकार लोकसभा को एक दिन यानी गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
हंगामे के बीच लोकसभा में अनुदान मांगों को मिली मंजूरी
नोटबंदी के मुद्दे पर लोकसभा में सोमवार को नियम 193 के तहत शुरू हुई चर्चा गुरुवार को भी आगे नहीं बढ़ सकी। वहीं सदन ने हंगामे के बीच वित्त वर्ष 2016-17 की दूसरी पूरक अनुदान मांगों और 2013-14 के लिए बजट सामान्य के संबंध में अतिरिक्त अनुदानों की मांगों को मंजूरी प्रदान की।
नोटबंदी के 30 दिन : विपक्ष ने मनाया ब्लैक-डे, संसद की कार्यवाही ठप
मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले की घोषणा के एक महीने पूरे होने पर विपक्ष ने इसे काला दिवस की संज्ञा दिया। इस दौरान विपक्षी दलों के सांसदों ने गुरुवार को संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास एकत्र होकर काली पट्टी बांधकर मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ विरोध जताया। दूसरी तरफ संसद के दोनों सदनों में नोटबंदी के मुद्दे पर हंगामा पहले की तरह आज भी जारी है।
आगबबूला आडवाणी बोले- सदन को ना तो स्पीकर चला पा रहे, ना ही मंत्री
नोटबंदी को लेकर फिर संसद में कोहराम मचा हुआ है। बुधवार को भी नजारा वैसा ही दिखा। इस बीच सत्ता पक्ष के कद्दावर नेता लाल कृष्ण आडवाणी अपनी ही पार्टी पर झल्लाते दिखे। हंगामे के बीच वो संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार से कहते दिखे कि सदन ठीक से चलाई ही नहीं जा रही।
एक पखवाड़े से नहीं चल पा रही संसद, एक दिन के लिए फिर टली कार्यवाही
सत्ता विमर्श ब्यूरो