मजबूत लोकतंत्र के लिए PM ने प्रेस की आजादी का किया समर्थन
सत्ता विमर्श डेस्क
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को प्रेस की आजादी का समर्थन करते हुए कहा कि स्वतंत्र प्रेस एक मजबूत लोकतंत्र और समाज को ज्यादा जीवंत बनाता है। विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, स्वतंत्र प्रेस एक मजबूत लोकतंत्र का निर्माण करता है। आज विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर हम एक स्वतंत्र प्रेस का समर्थन करने के लिए अपनी वचनबद्धता दर्शाएं। यह विचारों और मानव अभिव्यक्ति की बहुलता है जो हमें समाज के रूप में अधिक जीवंत बनाता है। उन्होंने आगे कहा कि मैं उन सभी लोगों की प्रशंसा करता हूं जो प्रेस की आजादी को बरकरार रखने के लिए काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा, मैं उन सभी की सराहना करता हूं जो प्रेस की आजादी बनाए रखने की दिशा में अथक परिश्रम कर रहे हैं। यह उन अनगिनत महिलाओं और पुरुषों की वजह से है जिन्होंने प्रेस की आजादी की अवधारणा में वृद्धि की है। मोदी ने प्रेस की आजादी और अभिव्यक्ति को सुरक्षित रखने के लिए सोशल मीडिया से जुड़े लोगों की भूमिका की भी सराहना की।
यूनेस्को की जनरल कॉन्फ्रेंस के सुझाव के बाद 1993 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इसकी शुरुआत की, जिसके बाद से हर साल 3 मई को अंतरराष्ट्रीय प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाने लगा। यूनेस्को महासम्मेलन के 26वें सत्र में इससे संबंधित प्रस्ताव को स्वीकार किया गया था। इससे पहले नामीबिया में विंडहोक में हुए एक सम्मेलन में इस बात पर जोर दिया गया था कि प्रेस की आजादी को मुख्य रूप से बहुवाद और जनसंचार की आजादी की जरूरत के रूप में देखा जाना चाहिए। प्रेस किसी भी समाज का आइना होता है। प्रेस की आजादी से यह बात साबित होती है कि उस देश में अभिव्यक्ति की कितनी स्वतंत्रता है। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में प्रेस की स्वतंत्रता एक मौलिक जरूरत है।