'नए भारत के विकास में भारतवंशी बनें सहभागी'
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : भारतवंशियों को भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित करते हुए केंद्रीय मंत्रियों ने बुधवार को कहा कि सरकार का उद्देश्य देश में सतत विकास बनाए रखना और वैश्विक चुनौतियों से निपटना है। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा ने यहां 12वें प्रवासी भारतीय दिवस के एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘आपको भारत पर भरोसा करना होगा। हमारा देश करोड़ों लोगों को अवसर देने वाला देश है। आइए और मिलकर काम कीजिए।’ उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता विकास को सतत बनाये रखना और घरेलू तथा वैश्विक चुनौतियों से निपटना है। हमने ऐसी प्रणाली विकसित करने का प्रयास किया है जिससे भारत में निवेश के लिहाज से विदेशी निवेशकों को आकर्षित किया जा सके।
नए भारत के विकास में भारतवंशियों की सहभागिता को अहम बताते हुए केंद्रीय शहरी विकास मंत्री कमलनाथ ने कहा कि देश में विकास की चुनौती नहीं बल्कि समावेशी विकास की चुनौती है जहां समाज के सभी तबकों तक विकास का लाभ पहुंचना चाहिए। बिना समावेशी विकास के भारत आगे नहीं बढ़ सकेगा।
शर्मा ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार खुदरा और नागरिक उड्डयन जैसे अनेक महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों में लचीलापन लायी है। शर्मा ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार से निपटने के लिए अनेक कदम उठा रही है। कैबिनेट ने व्हिसल ब्लोअर विधेयक को मंजूरी दे दी है। देश में पारदर्शिता भी उच्च स्तर की है। जल्दी ही देश में एक कोयला नियामक भी होगा। उन्होंने कहा कि भारत में 2002 से 2013 के दौरान 309 अरब डॉलर की एफडीआई आई जिसमें अकेले 2009 से 176 अरब डॉलर की एफडीआई शामिल है।
भारतवंशियों को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा कि भारत के विकास की इबारत शहरी नहीं बल्कि ग्रामीण भारत लिखता है। हमें नये भारत की अवधारणा को स्वीकार करना होगा और इसे अपने अनुकूल बनाना होगा। शासन में सुधारों को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जब वित्त मंत्री रहे तो उन्होंने अर्थव्यवस्था में सुधार किये। आज शासन में सुधार की जरूरत है। शहरी बुनियादी संरचना को एक बड़ी चुनौती बताते हुए कमलनाथ ने कहा कि दिल्ली में मेट्रो के चौथे चरण के बाद 400 किलोमीटर से ज्यादा लंबा नेटवर्क हो जाएगा और यह लंदन मेट्रो को पीछे छोड़ देगा।
सरकार पर नीतियों के मोर्चे पर कमजोर होने के आरोपों की ओर इशारा करते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि ‘पॉलिसी पैरालिसिस शब्द कहां से आया।’ जिस अवधि में यह शब्द आया है, हमने उसी दौरान बड़ी नीतियां बनाई हैं, बड़े फैसले लिये। लाखों रोजगारों का सृजन किया। उन्होंने दिल्ली-मुंबई उद्योग कॉरिडोर को दुनिया में इस तरह की सबसे नवोन्मेषी बुनियादी संरचना वाली परियोजना करार दिया।
उन्होंने कहा, ‘सरकार ने जीडीपी में उत्पादन क्षेत्र का योगदान बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय उत्पादन नीति की घोषणा की है। राष्ट्रीय निवेश और उत्पादन क्षेत्रों की योजना बनाई गयी है। अलग अलग राज्यों में ऐसे 14 क्षेत्रों को मंजूरी मिल गयी है।’ शर्मा ने विकास दर का उल्लेख करते हुए कहा, ‘हम फिर से उच्च विकास दर की ओर लौटेंगे। हमारी प्राथमिकता उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी बनना है।’ एफडीआई के संबंध में उन्होंने भारतीवंशियों से कहा कि सरकार सुधारों के लिए और कदम उठाने को प्रतिबद्ध है।