विदेशों में बसे भारतवंशी बड़ी पूंजी : पीएम
सत्ता विमर्श ब्यूरो
गांधीनगर : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया भर में फैले भारतवंशियों से प्रवासी दिवस के मौके पर देश को बदलने में सहयोग देने की अपील की। भारतवंशियों को ‘बड़ी पूंजी’ बताते हुए उन्होंने कहा कि कभी विपरीत परिस्थितियों, साहस और जरूरत की वजह से उनके पूर्वज आजीविका की तलाश में भारत से बाहर जाने के लिए प्रेरित हुए थे लेकिन अब देश ‘बहुत मजबूती के साथ उभरा’ है और यहां ‘बड़े अवसर’ उनका इंतजार कर रहे हैं।
उन्होंने यहां महात्मा मंदिर में 13 वें प्रवासी भारतीय दिवस का औपचारिक उद्घाटन करते हुए कहा, ‘मेरा मानना है कि भारतवंशी वैश्विक संदर्भ में हमारे लिए एक बड़ी पूंजी हैं। हम उन्हें जितना बढ़ावा देंगे दुनिया भर में हमारी मौजूदगी उतनी ही मजबूत होगी।’ इस साल महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के 100 साल पूरे होने के साथ ही इस कार्यक्रम का आयोजन यहां किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया इस समय ‘प्रेम’ के साथ भारत से जुड़ना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘अपनी नयी जिम्मेदारी संभालने के बाद मुझे 50 से अधिक देशों के राष्ट्र प्रमुखों से मिलने का मौका मिला। हमने खुले दिल से बातचीत की। मुझे लगता है कि गरीब से गरीब और अमीर से अमीर देश भारत की ओर आशा से देख रहे हैं। इस तरह का अवसर दुर्लभ होता है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत के लिए दुनिया में कितना प्रेम है इसका पता तब चला जब संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने के मेरे प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। संयुक्त राष्ट्र के 193 में से 177 सदस्य देश उस प्रस्ताव के सह प्रस्तावक बने। उनमें से 40 से अधिक इस्लामी देश थे और यह केवल 100 दिनों में पारित हो गया जो एक तरह का रिकॉर्ड है क्योंकि इस तरह के प्रस्तावों को पारित होने में आमतौर पर दो साल लगते हैं।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया ने भारत के लिए जो प्रेम दिखाया है वह दूसरे देशों में रहने वाले भारतवंशियों की समृद्धि की वजह से नहीं है बल्कि उनकी ‘मूल्य प्रणाली और सांस्कृतिक विरासत’ की वजह से है। उन्होंने हालांकि कहा कि वैश्विक समुदाय भारत से जो उम्मीदें कर रहा है उनपर खरा उतरना एक चुनौती है।
मोदी ने कहा, ‘यह अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम दुनिया की उम्मीदों पर उस आत्मविश्वास के साथ खरा उतरें जैसा महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता आंदोलन के नेतृतव के दौरान सड़कों को साफ करते हुए, खादी को लोकप्रिय बनाते हुए और देश को दूसरी सेवाएं देते हुए किया था।’ उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद करीब 4,000 प्रतिनिधियों से कहा, ‘एक समय था जब आप दुनिया भर के विभिन्न हिस्सों में अवसरों की तलाश के लिए अपने प्रिय देश से निकले थे..अब मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि समय के तेजी से बदलने और भारत के नयी मजबूती के साथ उभरने के साथ बहुत सारी संभावनाएं आपका यहां इंतजार कर रही हैं।’
अपने ‘स्वच्छ भारत’ अभियान की तरफ इशारा करते हुए मोदी ने अपनी एक और प्रिय परियोजना गंगा स्वच्छता मिशन की बात की और भारतवंशियों से इसमें शमिल होने की अपील की। मोदी ने कहा, ‘मुझे पता है कि गंगा मैया की सफाई का मुद्दा आपके दिल के करीब है। गंगा स्वच्छता मिशन का बड़ा ही धार्मिक एवं पर्यावरण संबंधी महत्व है और साथ ही यह देश की आबादी के 40 प्रतिशत हिस्से के आर्थिक विकास की कुंजी भी है।
उन्होंने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि आप इस अभियान में शामिल हों जिससे पर्यावरण संबंधी सुधार होगा एवं उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल के बड़े इलाकों में ग्रामीण विकास को गति मिलेगी..यह आपको गंगा मैया की हजारों सालों की सांस्कृतिक यात्रा से जुड़ने में भी मदद करेगा।’ मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि वह कुछ ‘उम्मीदों’ को पूरा कराने के लिए भारतवंशियों के साथ ज्यादा जुड़ रहे हैं लेकिन ‘ऐसा नहीं है। अपने खुद के लोगों से मिलने से हमें मजबूती मिलती है, अपना दुख और खुशी साझा करने से हमें ऊर्जा मिलती है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रवासी भारतीयों के योगदान हमेशा डॉलर और पाउंड स्टर्लिंग में होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने अफ्रीका के एक देश में जन्मी और कनाडा में बसी भारतीय मूल की एक मुस्लिम लड़की का उदाहरण दिया जिसके माता पिता ने कभी भारत नहीं देखा था और जो 2001 में भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए महीनों कच्छ में रही थी।
मोदी ने कहा, ‘जब भी कोई दुखद घटना, कोई त्रासदी होती है आप सब उसी दुख का अनुभव करते हैं जैसा हम यहां करते हैं। जब कच्छ में विनाशकारी भूकंप आया तो विदेशों में रहने वाला कोई भी भारतीय ऐसा नहीं था जिसने पीड़ितों के आंसू पोंछने की कोशिश ना की हो।’ उन्होंने कहा, ‘आज गुयाना के लोग उसी तरह होली के रंगों में भीगते हैं जैसे हम भीगते है। उनके ‘दिये’ हमें दिवाली पर प्रेरित करते हैं। गंगा मैया के पानी से भरा मॉरिशस की गंगा सागर झील वहां भारतीय मूल के लोगों को अब भी प्रेरित और एकजुट करती है।’
मोदी ने देश के बदलाव में भारतवंशियों के योगदान का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने न्यूयार्क के मैडिसन स्क्वायर गार्डन में अपने संबोधन में पर्सन्स ऑफ इंडियन ओरिजिन और ओवरसीज सिटीजन्स ऑफ इंडिया योजनाओं को मिलाने का जो वादा किया था वह पूरा किया। सरकार ने मंगलवार को दोनों योजनाओं को मिलाने के लिए एक अध्यादेश जारी करने की घोषणा की थी जिससे भारतीय मूल के लोगों को फायदा मिलेगा और उन्हें जीवन पय’त वीजा जैसे लाभ और पुलिस थानों में पेश होने से छूट मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘अब आपको दूतावासों की ओर दौड़ नहीं लगानी होगी और खुद को हर हफ्ते पुलिस के समक्ष पेश नहीं करना होगा। आज प्राधिकारियों को पता है कि हम आपके सम्मान को कितना महत्व देते हैं।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि नयी दिल्ली में स्थित प्रवासी भारतीय केंद्र भी जल्द ही काम करना शुरू कर देगा। मोदी ने अपने भाषण में कई बार महात्मा गांधी का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के आदशो’, विशेषकर मानवता से जुड़े विचारों में दुनिया के सामने मौजूद जटिल समस्याओं का हल करने की ताकत है। वर्ष 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने विदेशों में रहने वाले भारतीयों के साथ जुड़ने के लिए प्रवासी भारतीय दिवस की शुरूआत की थी। सरकार ने महात्मा गांधी के 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के उपलक्ष्य में इसकी शुरूआत की थी।