भारत में आर्थिक सुस्ती को पलटने की क्षमता है : राष्ट्रपति
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत होने के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के दावे का समर्थन करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रवासी भारतीय समुदाय को आश्वस्त किया कि आकर्षक निवेश गंतव्य के तौर पर भारत एक मजबूत देश के रूप में उभर रहा है। राष्ट्रपति ने इस अवसर पर 11 भारतवंशियों को प्रवासी भारतीय सम्मान से विभूषित भी किया। उन्होंने कहा, ‘हमारी अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत बनी हुई है और भारत आकर्षक निवेश गंतव्य के तौर पर फिर से उभर रहा है। मुझे भरोसा है कि आपको हमारे नागरिकों और हमारी अर्थव्यवस्था की गतिशीलता में विश्वास होना चाहिए जिसमें अस्थाई समस्याओं से उबरने की क्षमता है।’
12वें प्रवासी भारतीय दिवस के समापन समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, ‘भारत की अर्थव्यवस्था क्रय शक्ति के लिहाज से दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। पिछले कुछ साल से सतत बनी हुई हमारे देश की विकास दर चीन के बाद दुनिया में दूसरी है।’ राष्ट्रपति ने कहा कि अगर भारत को 12वीं पंचवर्षीय योजना में लक्षित नौ प्रतिशत की विकास दर को हासिल करना है तो देश को सक्षम कारकों को अपनाना होगा जिनमें शिक्षा प्रमुख है। भारत को नये स्वर्णिम युग में ले जाने के लिए शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भारत में और सुधार करने तथा अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने की जरूरत है।
राष्ट्रपति ने नालंदा और तक्षशिला जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों का जिक्र करते हुए कहा कि आज अनेक प्रतिभाशाली भारतीय छात्र विदेशों में पढ़ने जाते हैं। उन्होंने नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिकों हरगोविंद खुराना, एस चंद्रशेखर, वेंकटरमन और अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का भी उल्लेख करते हुए कहा कि 125 करोड़ जनता वाले देश में अभी तक केवल 8 लोगों को नोबेल पुरस्कार मिला है। मुखर्जी ने भारतवंशियों को संबोधित करते हुए कहा कि विदेशों में बसा भारतीय समुदाय अपनी सांस्कृतिक विरासत के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रवासी भारतीय केंद्र खुलने जा रहा है जिससे भारतवंशी समुदाय को मदद मिलेगी।
इससे पहले प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री व्यालार रवि ने कहा है कि विदेशों में रहने वाले भारतीयों ने विश्व में भारत की छवि बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और उनकी उपलब्धियों पर भारत को गर्व है। प्रवासी भारतीय दिवस 2014 के समापन सत्र तथा प्रवासी भारतीय सम्मान समारोह में उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस विश्व में रहने वाले भारतीयों का गृह आगमन समारोह भी है। उन्होंने कहा कि भारत तथा विदशों में रहने वाले भारतीयों के बीच संबंध और प्रगाढ़ होने चाहिए।
उन्होंने विदेशों में रहने वाले भारतीय समुदाय का आह्वान किया कि वह भूख तथा शोषण मुक्त समावेशी भारत के निर्माण में सहयोग दें। मंत्री ने कहा कि प्रवासी भारतीय नए भारत में केवल वित्तीय दृष्टि से नहीं बल्कि बौद्धिक, सामाजिक तथा सांस्कृतिक उत्थान में भी योगदान दें। तीन दिन का प्रवासी भारतीय दिवस 2014 समारोह का गुरुवार शाम समापन हो गया।