तिवारी ने जताई सकारात्मक सहभागिता की उम्मीद
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने मंगलवार को 12वें प्रवासी भारतीय दिवस के युवा सत्र को संबोधित करते हुए उम्मीद जताई कि यह आयोजन भारतवंशी समुदाय, भारत सरकार और देश के लोगों के बीच सकारात्मक सहभागिता का अवसर देगा।
तिवारी ने कहा कि इस आयोजन का श्रेय एनआरआई समुदाय को दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के युग में सीमाओं का नियंत्रण इतना महत्वपूर्ण नहीं रह गया है। इंटरनेट धरती पर सबसे बड़ा अनियंत्रित क्षेत्र है। आज दुनिया में दो तरह की सभ्यताएं हैं- एक है भौतिक सभ्यता और दूसरी आभासी (इंटरनेट की दुनिया की) सभ्यता। एक प्रश्न के उत्तर में तिवारी ने स्वीकार किया कि वैश्विक दर्शकों के लिए और अधिक सक्षम प्रसारण प्रणाली की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि करीब एक दशक पहले युवा भारतवंशियों की ऊर्जा का उपयोग देश के पुनर्निर्माण में होने का विचार सामने आया था जो आज साकार हो रहा है। उन्होंने कहा कि दूरियां, सीमाएं, आव्रजन बाधाएं, वीजा आदि बाधक तत्वों को तकनीक ने बहुत पीछे छोड दिया है।
तिवारी ने कहा कि वह समकालीन जगत में इंटरनेट की ईजाद सबसे बडी क्रांति मानते हैं जिसने संपर्क की भौतिक बाधाओं को लगभग मिटा दिया है। मानव अपने पूरे इतिहास में इतना ताकतवर कभी नहीं रहा जितना इंटरनेट युग में हो गया है। हर दिन, हर क्षण नए आंकडे इंटरनेट को और ताकतवर करते जा रहे हैं और इस पर युवाओं का वर्चस्व है जिनके बीच एक नई ‘वर्चुअल संस्कृति’ तेजी से उभर रही है।
तिवारी ने कहा कि युवाओं में इंटरनेट के प्रति अगाध उत्साह है। इंटरनेट पर मौजूद युवा पीढी की आकांक्षाएं लगभग एक जैसी हैं। वे एक दूसरे से संपर्क करने, सीखने और सूचनाएं साझा करने को तत्पर हैं। लेकिन यह प्रक्रिया अनियोजित और अनौपचारिक है। उन्होंने कहा कि इस अनौपचारिक एवं अनियोजित संपर्क को नियोजित करने तथा विदेशों में रह रहे भारतवंशी युवाओं एवं भारतीय युवाओं के बीच उत्पादक, रचनात्मक और सार्थक संवाद का माध्यम बनाने का प्रयास करने की जरूरत है।
परिचर्चा में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डॉ. चारू वली खन्ना, नीदरलैंड्स से आईं कीर्ति वेदिका माताबादल और अमेरिका में हयूस्टन विश्वविद्यालय की अध्यक्ष एवं चांसलर डॉ. रेणु खटोड़ ने भी भाग लिया। रेणू ने जीवन में कामयाबी की मंजिल पाने को लेकर काफी रोचक अंदाज में लोगों को संबोधित किया और बताया कि बड़ा बनने के लिए बड़े-बड़े सपने देखने जरूरी होते हैं।