डोनाल्ड ट्रम्प का गेम खत्म
प्रवीण कुमार
अंदाजा तो पहले से ही था, लेकिन एक पुराने वीडियो में अश्लीलता से भरे विवादित वक्तव्य के सामने आने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प का गेम पूरी तरह से खत्म हो गया लगता है। आने वाले समय में तमाम सर्वे और विश्लेषकों का फैसला दुनिया के सामने होगा।
सबको आजादी, सबको समान अधिकार, सबको समान अवसर ये अमेरिका के लोकतंत्र की बुनियाद हैं। लेकिन डोनाल्ड डॉक्टरिन के बारे में माना जाता है कि वह वो अमेरिका नहीं बना सकती जिसका ख्वाब अमेरिका को गढ़ने वालों ने देखा था। दुनिया के सबसे सजग लोकतंत्र में एक ऐसा ब्रांड जो निडर है, बेबाक है और धनवान भी। एक ऐसा ब्रांड जो जनता की भावनाओं और सपनों से खेलता हो, नए-नए शिगूफे छोड़कर अमेरिकी जनता को चौंकाता हो, एक ऐसा ब्रांड जो समझता हो कि उसके सामने किसी की कोई हैसियत नहीं है। आपको लगता है कि इस तरह का कोई शख्स अमेरिका का अगला राष्ट्रपति बनेगा?
जी हां! डोनाल्ड ट्रम्प अमेरिका को फिर से महान बनाने की बात करते हुए नारा देते हैं 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन।' उनकी इन्हीं बातों पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी ने ट्रम्प कार्ड खेलते हुए डोनाल्ड ट्रम्प को अपना उम्मीदवार बनाया। उसके बाद ट्रम्प ने कई चौंकाने वाले बयान दिए हैं। मसलन मुस्लिमों को अमेरिका से खदेड़ दूंगा, भगवान द्वारा बनाया गया सबसे ज़्यादा नौकरियां देने वाला राष्ट्रपति बनूंगा, मैं अमेरिका को महान बना दूंगा आदि आदि।
हालांकि ट्रम्प ने अपने पुराने वीडियो में अश्लील और विवादित बयान की सच्चाई को तुरंत कबूल कर लिया और माफी भी मांग ली, लेकिन अमेरिकी मतदाता और खासकर महिलाएं ट्रम्प को कभी माफ नहीं करेंगी। सर्वे पहले ही इस बात को बता चुका है कि करीब 70 प्रतिशत महिला वोटर डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन की तरफ हैं। ये तादाद और बढ़े इसके लिए डेमोक्रेटिक पार्टी ट्रम्प के इस नए खुलासे को और उभारेगी। इस टेप की बातें हर अमेरिकी वोटर तक पहुंचाएगी। इससे उन लोगों को ट्रम्प से चिढ़ और बढ़ेगी जो अभी तक तय नहीं कर पा रहे थे कि किसे वोट दें। उनकी दुविधा इससे खत्म हो जाएगी। कम से कम अमेरिकी वोटरों से तो ऐसी उम्मीद की ही जा सकती है।
कहते हैं कि बेशुमार दौलत के मालिक ट्रम्प का सिक्का अमेरिका ही नहीं, पूरी दुनिया के प्रॉपर्टी बाजार में चलता है। आसमान छूती इमारतों में ट्रम्प टॉवर का नाम लगते ही उसका भाव आसमान छूने लगता है। लेकिन दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्र अमेरिका का राष्ट्रपति बनने के लिए यह काबीलियत कोई मायने नहीं रखता है। ट्रम्प का विवादित बयान वाला जो एक पुराना वीडियो सामने आया है उसमें वह महिलाओं के बारे में भद्दी और आपत्तिजनक टिप्पणी करते दिख रहे हैं। वर्ष 2005 में ट्रंप ने एक सोप ओपेरा में ये टिप्पणी की थी। शायद उस समय ट्रम्प को ये अंदाजा नहीं रहा होगा कि उसे एक दिन अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए अमेरिकी जनमानस का सामना करना पड़ेगा।
इस वीडियो रिकॉर्डिंग के सामने आने के बाद अमेरिका में ट्रम्प की जबरदस्त आलोचना हो रही है। ट्रम्प ने तीसरी पत्नी मलानिया से शादी करने के कुछ महीनों बाद ही यह आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। ट्रम्प रिकॉर्डिंग में बता रहे थे कि एक लड़की को उन्होंने सेक्स के लिए मनाने की कोशिश की। ट्रम्प ने कहा कि मैंने उसके साथ सेक्स किया और वह महिला शादीशुदा थी। उसे कुछ फर्नीचर चाहिए था। मैं उसे फर्नीचर शॉपिंग के लिए ले गया। मैंने उससे कहा कि मैं उसे बताऊंगा कि अच्छा फर्नीचर कहां मिलता है। इसके बाद ट्रम्प ने उसी शो में एक्ट्रेस एरियाना जकर को देखकर कहा कि उन्हें कुछ मिंट्स चाहिए। उन्होंने कहा, हो सकता है मैं उसे किस करने लग जाऊं क्योंकि मैं खूबसूरत लड़कियों को देखते ही उनकी तरफ आकर्षित हो जाता हूं। यह आकर्षण एक चुंबक की तरह है। मैं किस करने के लिए बिल्कुल भी इंतजार नहीं कर पाऊंगा। ट्रंप यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि अगर आप स्टार हैं तो वे आपको सब कुछ करने देती हैं, आप तब उनके साथ कुछ भी कर सकते हैं।
साल 2005 के इस वीडियो के सार्वजनिक होने के बाद ट्रम्प ने माफी मांगते हुए अपनी सफाई में कहा कि यह हमारे बीच का एक हल्का-फुल्का मजाक था। यह एक निजी बातचीत थी जो सालों पहले हुई थी। बिल क्लिंटन ने तो इससे भी भद्दी टिप्पणी की थी। लेकिन अगर मेरी इस टिप्पणी से कोई अपमानित महसूस कर रहा है तो मैं इसके लिए माफी मांगता हूं। अमेरिका में इसी साल नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होने हैं। मुख्य मुकाबला रिपब्लिकन पार्टी के नेता डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता हिलेरी क्लिंटन के बीच है। हालांकि मैदान में कई उम्मीदवार और भी हैं।
प्रेसिडेंशियल बहस : ट्रम्प हार से बस एक कदम दूर
अमेरिका में राष्ट्रपति चुने जाने के लिए कराए जाने वाली प्रेसिडेंशियल बहस में भी डोनाल्ड ट्रम्प लगातार कमजोर पड़ते दिख रहे हैं। इसकी पुष्टि बहस के तुरंत बाद कराए गए सर्वक्षणों ने भी की है। रविवार को दूसरी बहस के तुरंत बाद कराए गए सर्वेक्षणों के अनुसार, डेमोकेट्रिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन ‘स्पष्ट विजेता’ बनकर उभरीं हैं। सीएनएन : ओआरसी सर्वेक्षण में कहा गया कि हिलेरी इस बहस की स्पष्ट विजेता रहीं क्योंकि सर्वेक्षण में शामिल 57 प्रतिशत लोगों ने हिलेरी के जीतने की बात कही जबकि 34 प्रतिशत ने ट्रम्प का समर्थन किया। राष्ट्रपति चुनाव की तीन में से पहली बहस होने के बाद 27 सितंबर को सीएनएन:ओआरसी ने सर्वेक्षण कराया था। तब भी लगभग 62 प्रतिशत मतदाताओं ने हिलेरी को स्पष्ट विजेता बताया था। ट्रंप को महज 27 प्रतिशत लोगों का समर्थन मिला था।
ट्रम्प को प्रिसिला लैम का भरोसा
इस बीच अमेरिकी चैनल सीएनएन ने हांगकांग की फेंग सुई एक्सपर्ट प्रिसिला लैम से जब पूछा कि बराक ओबामा के बाद अमेरिका का राष्ट्रपति कौन बनेगा? तो उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प का नाम लिया। लैम ने अपनी भविष्वाणी के 80 फीसदी सही होने का दावा भी किया है। प्रिसिला लैम की भविष्यवाणी के मुताबिक, 2016 डोनाल्ड ट्रम्प का साल है। उनका साइन अर्थडॉग है और मौजूदा वर्ष में उनका सितारा बुलंद है। ट्रम्प के जन्म की तारीख बताती है कि वह हिलेरी पर भारी पड़ेंगे। लैम के मुताबिक, ट्रम्प बेहद महत्वाकांक्षी हैं। उनके चेहरे की बनावट वर्गाकार है और ऐसे चेहरे वाले लोग हालांकि व्यवसाय के क्ष्ोत्र में नाम कमाते हैं, लेकिन नाक ऊंची है, इसलिए वह दूसरे क्षेत्रों मसलन राजनीति में भी सफल हो सकते हैं।
जहां तक हिलेरी क्लिंटन की सफलता का सवाल है तो लैम के मुताबिक, हिलेरी का साइन अर्थपिग है। उनका चेहरा बहुत अच्छा है और आंखें शार्प। हिलेरी का चेहरा लंबा है, नाक ऊंची है और होठ फ्लेक्सिबल हैं। ऐसी बनावट वाले पैसा कमाने की जगह लोगों को सुपरवाइज करते हैं और ऊंचे पदों पर आसीन होते हैं। लैम कहती हैं, 'हिलेरी दूसरी बार राष्ट्रपति पद की दौड़ में हैं। आठ साल पहले वह डिफरेंट साइकिल में थी और थोड़ी ज्यादा आक्रामक थीं। उन्हें लगता था कि उन्हें ही जीतना चाहिए, इसलिए वह हार गई थीं। लेकिन इस बार स्थिति उनके लिए थोड़ी ठीक है। लेकिन उनके लिए ट्रम्प को हराना आसान नहीं होगा।
ट्रम्प का 'अति' आत्मविश्वास
व्हाइट हाउस की रेस में डोनाल्ड ट्रम्प वाइल्ड कार्ड की तरह आए। उनके बयानों और बेतरतीब अंदाज ने किसी को चौंकाया तो किसी को डराया। ट्रम्प का दावा है कि वे अमेरिका को फिर से महान बना देंगे। लेकिन ट्रम्प की सबसे बड़ी चिंता ये भी है कि उन्होंने पूरी जिंदगी में मेहनत करके जो कुछ खड़ा किया है, अगर हार गए तो एक झटके में ढह जाएगा। करो या मरो के अंदाज में ट्रम्प जनता से कह रहे हैं कि उनके सामने भी ऐसा ही ख़तरा खड़ा है, और इसीलिए उन्होंने अमेरिकी की जनता से किया है अमेरिका को महान बनाने का वादा। ठीक उसी तरह जिस तरह कभी हिटलर ने जर्मनी को महान बनाने का रोडमैप तैयार किया था। ट्रंप को यकीन है कि ‘मेक अमेरिका ग्रेट अगेन’ का फॉर्मूला उन्हें व्हाइट हाउस का ताज पहना देगा।
कुछ और उम्मीदें जो दे रहीं सहारा
महान विचारक नोम चोमस्की का कहना है कि ट्रम्प को वोट डालना टॉर्चर, ग्लोबल वॉर्मिंग और दुनिया में जंग पर मुहर लगाने जैसा होगा। लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प ने एक मजबूत अमेरिका का जो एजेंडा तैयार किया है उससे नहीं लगता कि वह कहीं से कमजोर हैं। ट्रम्प अमेरिका को मुसलमानों से निजात दिलाने की बात कहते हैं। जॉर्ज बुश ने भी ‘वॉर ऑन टेरर’ कहा था। पहले मुसलमानों के ऊपर ही कहा था, बाद में उसे बदल दिया कि आतंकवादी मुसलमान अलग हैं। उनकी सरकार सिर्फ आतंकवादी मुसलमानों को ही टारगेट करेगी। लेकिन ट्रम्प सीधे तौर पर कह रहे हैं कि मुसलमान ही आतंकवादी हैं। इसलिए ट्रम्प का नारा है- टारगेट ऑन मुस्लिम। ट्रम्प ने इस्लामिक स्टेट के खतरे से नफरत की नई हवा तैयार की है और ट्रम्प को इस हवा में अपना झंडा लहराता दिखता है।
अमेरिकी युवाओं के लिए रोजगार एक अहम मुद्दा है। ओबामा काल में अमेरिका में बेरोजगारी दर बढ़ी है। अमेरिका के अंदर और अमेरिका के बाहर दोनों ही मोर्चों पर अमरीकियों की नौकरी पर ग्रहण लगा है। विदेशी अमेरिका में ही अमरीकियों की नौकरी छीन रहे हैं। इसके अलावा आउटसोर्सिंग के जरिए सरहद पार भी अमरीकियों की नौकरी छिन रही है। डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन के खिलाफ भी अमरीकियों की नौकरी के लिए खुली लड़ाई का ऐलान कर दिया है। ट्रम्प कहते हैं कि चीन से भी अमरीकियों की नौकरी वापस ले आएंगे।
बहरहाल, ट्रम्प युवाओं को चाहे जितना लुभा लें, आतंकवाद पर मतदाताओं को चाहें जितना भी लुभा लें, मेक अमेरिका ग्रेट अगेन जैसे स्लोगन चाहें जितना भी दे लें, लेकिन अमेरिकी मतदाता जब अपने सबसे अहम सांचे में चाल, चरित्र और चेहरा पर राष्ट्रपति पद के प्रत्याशियों को डालेंगे तो तय मानिए डोनाल्ड ट्रम्प उसमें फिट नहीं बैठेंगे। दरअसल, अमेरिकी लोकतंत्र की अच्छाई कहिए या बुराई कि चाल, चरित्र और चेहरा के संदर्भ में अमेरिकन खुद के प्रति भले ही ईमानदार ना हों लेकिन देश के नेता (राष्ट्रपति) से यह जरूर उम्मीद करते हैं कि उसमें किसी तरह का खोट ना हो। और यहीं आकर हिलेरी के मुकाबले ट्रम्प मात खा जाते हैं।
डोनाल्ड ट्रम्प आज जिस मुकाम पर पहुंचे हैं, कोई शक नहीं कि उसको हासिल करने के लिए उन्होंने एक लंबा सफर तय किया है। ट्रम्प दुनिया के एक कामयाब बिल्डर हैं। उनका दावा है कि जिस काम को भी उन्होंने हाथ में लिया वहां कामयाबी मिली। अमेरिका को भी वे अपने ट्रम्प मॉडल से ऊपर ले जाने का दावा करते हैं। लेकिन अमेरिका का राष्ट्रपति बनना दुनिया का एक धनवान शख्स बनने से बिलकुल अलग कहानी होती है। सब कुछ आपके अनुकूल है लेकिन चाल, चरित्र और चेहरा के बनावटीपन को अगर मतदाताओं ने भांप लिया तो आप व्हाइट हाउस अपने दरवाबे बंद कर लेता है। उस शख्स के लिए और भी जो कहता हो कि 'मैं लोगों के सपनों से खेलता हूं, हाइपरबोल किसी काम को प्रमोट करने का सबसे प्रभावशाली तरीका है।'