हिम्मत है तो मोदी बांग्लादेशियों को छूकर दिखाएं : ममता
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नंदीग्राम: तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता ने अवैध बांग्लादेशी मुद्दे को भुनाने की कोशिश के तहत भाजपा के पीएम उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को ललकारा है। ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी को चुनौती दी है कि यदि उनमें (मोदी) हिम्मत है तो बांग्लादेशी प्रवासियों को छूकर भी दिखाएं। 27 अप्रैल को मोदी ने पश्चिम बंगाल में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि अवैध बांग्लादेशी 16 मई के बाद बोरिया-बिस्तर बांध लें। लोकसभा चुनाव के नतीजे 16 मई को ही आने हैं। शुक्रवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने भी कहा था कि यदि केंद्र में बीजेपी की सरकार बनती है तो बांग्लादेशी प्रवासियों के मुद्दे सरकार के सबसे अहम एजेंडों में से एक रहेगा।
शनिवार को ममता बनर्जी मुस्लिम बहुल पूर्व मेदिनीपुर जिले के नंदीग्राम में पहली चुनावी रैली को संबोधित कर रही थीं। ममता ने तब की बुद्धदेव भट्टाचार्य सरकार के खिलाफ नंदीग्राम में ही भूमि अधिग्रहण के खिलाफ अपने आंदोलन का केंद्र बनाया था। इस आंदोलन का बंगाल में वामपंथी पार्टियों को सत्ता से बेदखल करने में सबसे बड़ा योगदान रहा था।
ममता ने इस रैली में कहा, 'बीजेपी पश्चिम बंगाल में लोगों को मजहब और जाति के नाम पर बांटना चाहती है। वह 1971 के शरणार्थियों को बाहर फेंकना चाहती है। यदि एक बंगाली को भी बीजेपी टच करने की कोशिश की तो मैं चुप नहीं बैठूंगी। साहसी होना ठीक है लेकिन दुस्साहसी होना मूर्खता है।' ममता ने कहा कि नरेंद्र मोदी कागज के शेर हैं। इनका पाला रॉयल बंगाल टाइगर से नहीं पड़ा है। नमो बाबू मीडिया में खूब गैस भर रहे हैं।
ममता ने रैली में लोगों से कहा कि बंगालियों को पहले देश में दिल्ली समेत कई क्षेत्रों में बेइज्जत किया गया है। देश में शरणार्थी इंटरनैशनल अग्रीमेंट के तहत रह रहे हैं। बंगाल में हिन्दू, मुस्लिम और गैरबंगाली मिल-जुलकर सद्भावना के साथ रह रहते हैं। इन्हें कभी कोई बांट नहीं सकता है। सारदा स्कैम पर विपक्ष की सीबीआई जांच की जिद को ममता ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सीबीआई नंदीग्राम के लोगों को इंसाफ दिलाने में नाकाम रही है।
ममता ने कहा कि नंदीग्राम के लोगों ने इंसाफ के लिए वीरतापूर्वक लड़ाई की है। इस मामले में सीबीआई से जांच भी कराई गई लेकिन इंसाफ कहां मिला? नंदीग्राम के कई लोग अभी भी लापता हैं। ऐसे सीबीआई जांच कराने का कोई मतलब नहीं है।