मोदी सरकार के 3 साल : बाबा की बल्ले-बल्ले, हजारों एकड़ जमीन पर मिली अरबों की सब्सिडी
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : मोदी सरकार के तीन साल पूरे हो चुके हैं। सरकार जश्न मना रही है, लेकिन इन तीन वर्षों में मोदी सरकार के सौजन्य से आसमान की बुलंदियों में पहुंचे योग गुरु बाबा रामदेव की चर्चा चारों दिशाओं में गूज रही है। बाबा रामदेव की इन बुलंदियों की रहस्य गाथा पर मीडिया की नजर तो है और होनी भी चाहिए, लेकिन राष्ट्रवाद उसके आड़े आ रहा है।
बाबा रामदेव और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच की डील से साबुन, तेल और दंत मंजन जैसे रोजमर्रा के उत्पाद लाकर भारतीय बाजार में पूरी तरह से छा जाने वाले बाबा रामदेव आज किसी ब्रांड आइकन से कम नहीं हैं। उन्होंने अपना सिक्का कैसे जमाया, यह समझने के लिए याद करना पड़ेगा 2014 का साल। लोकसभा चुनाव 2014 के ठीक पहले की बात है। देश का प्रधानमंत्री चुना जाना था। नरेंद्र मोदी और भाजपा जीत के लिए अपनी जुगत भिड़ा रही थी। ऐसे में बाबा ने अपने समर्थक मोदी के रथ की रफ्तार को बढ़ाने के लिए सड़कों पर उतार दिए। जैसे-जैसे मोदी और उनके सिपाहसालारों का जनाधार मजबूत हुआ ठीक वैसे ही बाबा भी कंज्यूमर प्रोडक्ट्स में पैठ जमाते गए। घर-घर में उनके पतंजलि प्रोडक्ट्स इस्तेमाल किए जाने लगे। भगवा चोला ओढ़े-ओढ़े ही योग गुरु बाबा रामदेव देश के सफल बिजनेसमैन की श्रेणी में शुमार हो गए।
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बाबा के एक सफल व्यवसायी बनने की कहानी कुछ इस प्रकार है- 23 मार्च 2014 दोपहर का वक्त था। लोकसभा चुनाव होने में दो हफ्ते बचे थे। मोदी दिल्ली में एक जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे। उनके साथ यहां बाबा रामदेव भी मंच पर बैठे थे। वह मोदी के कान में कुछ फुसफुसाए। चंद मिनट बाद उन्होंने जनता से मोदी के लिए वोट की अपील की। इस रैली के दो महीने बाद नतीजे आए। कांग्रेस का सफाया हो चुका था। मोदी के नेतृत्व में भाजपा पूर्ण बहुमत से काफी अधिक सीटों के साथ सत्ता में आई। वैश्विक संवाद एजेंसी रायटर में प्रकाशित एक इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट के मुताबिक नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद बाबा रामदेव की कंपनी को भाजपा शासित राज्यों में 2000 एकड़ के भूमि अधिग्रहण में तकरीबन 46 मिलियन डॉलर (करीब 300 करोड़ रुपए) की सब्सिडी मिली है।
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दिल्ली में एक रैली के तीन हफ्ते बाद बाबा रामदेव के ही एक ट्रस्ट ने यूट्यूब पर वीडियो जारी किया था। उसमें भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेता हस्ताक्षर किए हुए शपथ पत्र के साथ पोज देते दिखे थे। पत्र में गाय की रक्षा और भारत में स्वदेशी उत्पाद बनाने पर जोर देने जैसी बातें शामिल थीं। इस पर विदेश मंत्री, वित्त मंत्री और परिवहन मंत्री के हस्ताक्षर थे, जो वीडियो में भी हैं।
Will Govt of India explain why a private entity is being enriched at the cost of India's taxpayer & land resources?https://t.co/JLlswus5GE pic.twitter.com/wapPjzcbZK
— INC India (@INCIndia) May 24, 2017
बाबा रामदेव उस वीडियो में कहते दिख रहे हैं कि उन्होंने जो करोड़ों लोगों में बदलाव की उम्मीद जगाई है लोग उन्हें पूरा होते देखना चाहते हैं। इसी कारण भाजपा नेताओं ने शपथपत्र पर दस्तखत किए। वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने भी उस पर हस्ताक्षर किए थे। आडवाणी के पीए दीपक चोपड़ा का कहना था कि वह पार्टी का कार्यक्रम था और भाजपा के सभी वरिष्ठ नेताओं ने उस पर दस्तखत किए थे। वहीं, पंतजलि के जानकार ने इस बाबत बताया कि वह रामदेव के समर्थन की बात थी, इसिलए वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने अपने नाम दिए थे।