दादा ने पूछा- क्या उनको गुरमेहर में अपनी बेटी नहीं नजर आती?
सत्ता विमर्श ब्यूरो
जालंधर: गुरमेहर कौर को जो कहना था, जो समझाना था उसने साफगोई से कह डाला। उतनी ही शालीनता का परिचय तब भी दिया जब खुद को उस एबीवीपी विरोधी अभियान से अलग किया जिसे लेकर उन पर लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे थे। अब गुरमेहर के दादा और करगिल शहीद के पिता कंवलजीत सिंह ने बड़ी सादगी से अपनी पोती को बख्श देने की गुजारिश की है। उन्होंने राजनीतिज्ञों से, दिल से सरल सा सवाल किया है। पूछा है पिता को खो देने वाली उस युवती को देखकर क्या नेताओं को अपनी बेटी नजर नहीं आती?
कंवलजीत सिंह को पोती की फिक्र है लेकिन इस मसले पर हो रही राजनीति से चिंतित भी हैं। कहा है कि राजनीतिज्ञों को इस मुद्दे पर बयान नहीं जारी करना चाहिए। उन्होंने आगे कहा- मैं अपनी पोती के कदम की सराहना करता हूं, मैं उसके साथ हूं। उसने जो भी कहा, कुछ गलत नहीं कहा, लेकिन मैं उसकी सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं। हमारी राष्ट्रीयता पर कोई उंगली नहीं उठा सकता। मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि इस मामले को अब खत्म किया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि छात्र स्कूल एवं कॉलेज पढ़ने जाते हैं न की लड़ाई झगड़ा करने। उन्हें केवल पढ़ाई की और ध्यान देना चाहिए लेकिन साथ ही अपनी बात रखने से भी नहीं डरना चाहिए। उन्होंने सरकार से अपील की कि अब इस मामले को ख़त्म किया जाना चाहिए। एक कॉलेज की लड़की अगर अपनी बात रखती है तो यह इतना बड़ा मुद्दा कैसे बन सकता है?
वामपंथी छात्र गुट जहां एबीवीपी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं सियासी दलों से लेकर बॉलीवुड और खेल जगत की हस्तियां भी इस पर अपनी राय सोशल मीडिया पर रख रही हैं। उन्होंने कहा कि पंजाबी तो देश के लिए जान भी दे देते हैं। हमारे तमाम सगे संबंधी सेना में काम कर रहे हैं। गुरमेहर ने बिल्कुल सही कहा कि उनके पिता को पाकिस्तान ने नहीं, जंग ने मार दिया।