ये कैसी मजबूरी? तमिलनाडु के किसानों ने जंतर मंतर पर किया अब मूत्र पान
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली: स्वतंत्र भारत के इतिहास में शायद पहली बार होगा कि अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शनकारी अन्नदाताओं ने सभी हदें पार कर ली होगीं। जंतर मंतर पर विगत 40 दिनों से अजीबो गरीब तरीकों से बात रखने वाले तमिलनाडु के सूखा ग्रसित किसानों ने शनिवार को सरकार को जगाने के लिए यही किया। उन्होंने मूत्र पान किया। अपनी तरह का ये अहिंसक आंदोलन अब चरम पर है। अपनी मांगों को लेकर अड़े ये किसान अनोखे तरीके से अपना दर्द बयान कर रहें हैं। हाल ही में इन्होंने पीएमओ के सामने निर्वस्त्र होकर भी प्रदर्शन किया था। इनकी मांग करीब 40 हजार करोड़ के कर्ज माफी की है। इन लोगों का कहना है कि भयानक सूखे की वजह से कई किसानों ने खुदकुशी कर ली लेकिन उन तक सरकारी मदद उतनी नहीं पहुंची जितने की दरकार थी।
कर्ज माफी और सूखा राहत पैकेज के लिए प्रदर्शन कर रहे तमिलनाडु के किसानों ने कहा है कि यदि मोदी सरकार उनकी गुहार नहीं सुनती है तो वे आज मूत्र पीने और रविवार को मल खाने को मजबूर हो जाएंगे।
पिछले एक महीने के दौरान किसानों ने सरकार का ध्यान अपनी बदहाली की ओर खींचने के लिए नित नए सांकेतिक तरीके अपनाये है। इस क्रम में उन्होंने कभी गले में खोपड़ी की माला पहनी, सड़क पर सांभर-चावल खाए, तो कभी सांपों को जीभ पर रखा, चूहे खाए यहां तक कि निर्वस्त्र होकर प्रदर्शन किया और अब मूत्र पान। इन किसानों का कहना है कि रविवार को मल खाने के लिए मजबूर होंगे।
एक प्रर्दशनकारी किसान ने कहा,'हमें तमिलनाडु में पीने को पानी नहीं मिल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी हमारी प्यास को नजरअंदाज कर रहे हैं। इसलिए हमारे पास अपना मूत्र पीने के अलावा और कोई चारा नहीं है।'
बता दें कि जंतर-मंतर पर इन किसानों के समर्थन में कई नेता और दक्षिण भारतीय अभिनेता पहुंचे हैं। राहुल गांधी के अलावा मणिशंकर अय्यर और डीएमके सांसद कनिमोझी किसानों से मिल चुकी हैं। भारतीय किसान यूनियन ने भी समर्थन की घोषणा की है।