10 दिनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर 22 राज्यों के किसान, सड़क पर फेंकी दूध, फल और सब्जियां
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कराने और किसानों की आमदनी बढ़ाने की मांग को लेकर राष्ट्रीय किसान महासंघ ने 130 संगठनों के साथ मिलकर 10 दिवसीय प्रदर्शन की शुरूआत 1 जून से हो गई है। इस आंदोलन में मध्य प्रदेश समेत 22 राज्यों के किसान शामिल हैं। किसान संगठनों ने आगामी 10 जून तक सब्जी, फल और दूध की सप्लाई रोकने की घोषणा की है।
राज्य सरकारों ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए शहरों में पुलिस की तैनाती कर दी है। कई जगह स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। अगर 10 दिन तक किसानों का यह आंदोलन चलता है तो शहर में सब्जियों और खाद्य पदार्थ को लेकर बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन के तहत 'गांव बंद' के पहले दिन शुक्रवार को छोटे शहरों में इसका व्यापक असर रहा। किसी भी गांव से फल, सब्जियां व दूध शहर नहीं आया, जिससे लोगों को परेशानी हुई। शहरों में मौजूद सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। मंदसौर के किसानों ने किसी भी हालत में सब्जी और दूध को शहर से बाहर भेजने से इनकार कर दिया है। राज्य के झाबुआ में धारा 144 लगा दी गई है। साथ ही प्रशासन ने किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उत्तर प्रदेश के संभल में भी स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने और कर्ज माफी की मांग को लेकर किसान हड़ताल कर रहे हैं।
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ने 10 जून को भारत बंद का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि देश के किसान मुख्य रूप से अपनी चार मांगों को लेकर आंदोलन पर हैं, जिनमें देश के समस्त किसानों का सम्पूर्ण कर्ज मुक्त करना, किसानों को उनकी उपज का डेढ़ गुना लाभकारी मूल्य मिलना, अत्यंत लघु किसान, जो अपने उत्पादन विक्रय करने मंडी तक नहीं पहुंच पाते, उनके परिवार के जीवनयापन हेतु उनकी आय सुनिश्चित करना एवं दूध, फल, सब्जी, आलू, प्याज, लहसुन, टमाटर इत्यादि का लागत के आधार पर डेढ़ गुना लाभकारी समर्थन मूल्य निर्धारित करना एवं सभी फसलों को क्रय करने की सरकार द्वारा गारंटी का कानून बनाया जाना शामिल है।
पिछले साल 6 जून को मंदसौर जिले में किसानों पर पुलिस जवानों द्वारा की गई फायरिंग और पिटाई में सात किसानों की मौत की पहली बरसी पर किसानों ने 10 दिवसीय आंदोलन शुरू किया है। पंजाब के फरीदकोट में किसानों ने सब्जी, फल और दूध की सप्लाई रोक दी है। किसानों ने सब्जियों के ट्रकों का चक्का जाम कर दिया ताकि शहरों के लिए सप्लाई रोकी जा सके. देश भर के किसान कर्जमाफी और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कराने के लिए शुक्रवार से आंदोलन कर रहे हैं। पंजाब के लुधियाना के समराला में किसानों ने दूध से भरा कंटेनर पलट दिया है. खबर है कि महाराष्ट्र में पुणे के खेडशिवापुर टोल प्लाजा पर किसानों ने 40 हजार लीटर दूध बहा कर विरोध जताया।