बचत खातों में मिनिमम बैलेंस पर एसबीआई ने ग्राहकों को दी बड़ी राहत
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने खातों में मासिक आधार पर न्यूनतम जमा राशि (एएमबी) नहीं रहने पर लगने वाले प्रभार में भारी कटौती की है। एसबीआई की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया कि इस फैसले से बैंक के 25 करोड़ ग्राहकों को फायदा होगा। बैंक की ओर से जारी बयान के मुताबिक, संशोधित प्रभार एक अप्रैल से लागू होगा। एसबीआई ने यह कदम विभिन्न खाताधारकों की ओर से मिली प्रतिक्रिया को ध्यान में रखते हुए उठाया है।
एसबीआई के खुदरा व डिजिटल बैंकिंग विभाग के प्रबंध निदेशक पी. के. गुप्ता ने कहा, हमने अपने ग्राहकों की प्रतिक्रिया और मनोभावों को ध्यान में रखते हुए प्रभार में कटौती की है। बैंक हमेशा पहले अपने ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखता है और हम ग्राहकों की उम्मीदों की पूर्ति करने की कोशिश करते हैं। बैंक ग्राहकों को नियमित बचत खाते से मूल बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाते में परिवर्तन की पेशकश करता है, जिस पर कोई प्रभार नहीं लगता है।
एसबीआई ने महानगर व शहरी क्षेत्र के ग्राहकों के लिए बचत खाते में न्यूनतम मासिक जमा राशि नहीं रखने पर लगने वाला प्रभार 50 रुपये से घटाकर 15 रुपये मासिक, अर्ध-शहरी क्षेत्र के ग्राहकों के लिए 40 रुपये से घटाकर 12 रुपये मासिक और ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहकों के लिए 40 रुपये से घटाकर 10 रुपये मासिक कर दिया है। हालांकि नए प्रभार पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अलग से लगेगा। एसबीआई के पास ग्राहकों के 41 करोड़ बचत खाते हैं जिनमें प्रधानमंत्री जनधन योजना, बीएसबीडी और पेंशनधारी, सामाजिक सुरक्षा हितधारकों के 16 करोड़ खातों पर कोई प्रभार नहीं लगता है। इसके अलावा 21 साल तक की उम्र के छात्रों के खाते पर भी कोई प्रभार नहीं लगता है।