SBI समेत कई बैंकों ने ग्राहकों को दिया झटका, कई सेवाएं महंगी
सत्ता विमर्श डेस्क
नई दिल्ली : नोटबंदी के बाद भारतीय स्टेट बैंक समेत दूसरे प्रमुख सरकारी और प्राइवेट बैंकों ने अपनी सेवाओं के लिए शुल्क बढ़ा दिए थे। अब जीएसटी लागू होने के साथ ही 1 जुलाई 2017 से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद तमाम बैंकिंग सेवाओं पर टैक्स को 15 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है। नई टैक्स व्यवस्था ने ग्राहकों की जेब पर भारी असर डाला है।
जीएसटी लागू होने के बाद 100 रुपये के प्रत्येक बैंकिंग ट्रांजैक्शंस पर आपको 3 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। कहने का मतलब यह कि जीएसटी लागू होने से पहले जहां आप 100 रुपये के प्रत्येक बैंकिंग ट्रांजैक्शस पर 15 रुपये देते थे वह अब बढ़कर 18 रुपये हो गए हैं। जिन सेवाओं पर आपको ज्यादा टैक्स देना पड़ेगा उनमें डेबिट कार्ड/क्रेडिट कार्ड, फंड ट्रांसफर, फ्री एटीएम ट्रांजैक्शंस के बाद कैश निकासी, होम लोन प्रोसेसिंग फीस, लॉकर किराया, चेक बुक/ड्राफ्ट/डुप्लीकेट पासबुक इश्यू कराने पर, बिलों के कलेक्शन, आउटस्टेशन चेक के कलेक्शन, कैश हैंडलिंग चार्जेज और SMS अलर्ट।
ज्यादातर बैंक हर महीने आपकी शाखा पर चार जमा/निकासी लेन-देन की सुविधाएं देते हैं। अगर आप इससे ज्यादा लेन-देन करते हैं तो आपको 150 रुपये तक देने पड़ सकते हैं। एचडीएफसी बैंक महीने में चार से ज्यादा जमा/निकासी लेन-देन होने के बाद प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर 150 रुपये चार्ज करता है। आईसीआईसीआई बैंक पहले चार ट्रांजैक्शंस पर कोई चार्ज नहीं लेता है, इसके बाद 1,000 रुपये पर 5 रुपये और अधिकतम 150 रुपये ग्राहकों से लेता है।
एक्सिस बैंक में पहले पांच ट्रांजैक्शंस या 10 लाख रुपये तक के कैश डिपॉजिट या विदड्राल फ्री हैं। इसके बाद प्रति 1000 रुपये पर पांच रुपये या अधिकतम 150 रुपये, जो भी ज्यादा हो वह चार्ज करता है। एसबीआई अपने बचत खाताधारकों को महीने में तीन बार फ्री जमा या निकासी की सुविधा देता है। इसके बाद 50 रुपये और टैक्स देना होगा।
ज्यादातर बैंक आपको 8 फ्री एटीएम ट्रांजैक्शंस (5 कस्टमर्स के लिए और तीन नॉन कस्टमर्स के लिए) की सहूलियत देते हैं। अगर आप इस लिमिट से ज्यादा कैश निकासी करते हैं तो आपको प्रत्येक ट्रांजैक्शंस पर 15-20 रुपये का चार्ज देना होगा।
कस्टमर्स को डेबिट कार्ड इश्यू करने पर बैंक 130-150 रुपये का चार्ज लेगा।
खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं होने पर क्या होगा?
अगर आप अपने बचत बैंक अकाउंट में औसत बैलेंस नहीं बनाए रखते हैं तो आपको चार्ज देना होगा। मेट्रो और नॉन मेट्रो शहरों में यह लिमिट अलग-अलग है जो कि 1000 रुपये से 10000 रुपये तक है। अपने खाते में एवरेज बैलेंस मेंटेन नहीं करने पर आपको हर महीने 50-500 रुपये तक चार्ज देना पड़ सकता है। एसबीआई के खाताधारकों को मेट्रो शहरों में 5,000 रुपये का बैलेंस मेंटेन करना होगा। अगर वह 3,750 रुपये अपने अकाउंट में रखते हैं तो उन्हें 100 रुपये और टैक्स देना होगा। वहीं, खाते में 2,500 रुपये होने पर 50 रुपये की पेनॉल्टी और टैक्स चुकाना होगा।