गरीब विरोधी फैसला: हर महीने बढ़ेंगे सब्सिडी वाले सिलेंडर के दाम
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : मोदी सरकार ने गरीबों के खिलाफ एक बड़ा फैसला लिया है। सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत अगले साल मार्च तक हर महीने चार रुपये की दर से बढ़ाने की घोषणा की है। इसका मकसद मार्च, 2018 तक घरेलू सिलेंडरों पर मिलने वाली छूट को पूरी तरह से खत्म करना है। इस संबंध में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को लोकसभा में कहा, 'पिछले साल सरकार ने ऑयल कंपनियों को सब्सिडी पर मिलने वाले सिलेंडरों के दाम हर महीने दो रुपये बढ़ाने का आदेश दिया था, लेकिन अब वह बढ़ोतरी चार रुपये कर दी है।' इस तरह अगले साल मार्च तक सिलेंडर की कीमत 32 रुपये बढ़ जाएगी।
उल्लेखनीय है कि अभी हर एलपीजी सिलेंडर कनेक्शन पर साल भर में 12 सिलेंडर सब्सिडी रेट पर मिले हैं। उसके बाद उपभोक्ताओं को बाजार की दरों पर सिलेंडर को खरीदना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में सरकार ने इसी मई में अपने आदेश में कंपनियों से कहा है कि वो एक जून से लेकर मार्च, 2018 तक या अगले आदेश तक हर महीने प्रति सिलेंडर चार रुपये कीमत बढ़ा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि जुलाई में लोगों को एक सिलेंडर पर 86 रुपये की सब्सिडी दी गई।
सब्सिडीयुक्त गैस सिलेंडर की कीमत हर महीने 4 रुपये बढ़ाने का सरकार का फैसला उज्जवला योजना के तहत गरीबों को सरकार की तरफ से मुफ्त में दिए गए लोगों के खिलाफ भी है क्योंकि कनेक्शन देते समय सरकार ने उन लोगों को ये नहीं बताया था कि हम सब्सिडी खत्म करने जा रहे है या इसकी कीमत हर महीने बढ़ेगी। ऐसे में वो लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं क्योंकि एक तरह से सरकार ने उन गरीबों का खर्चा बढ़ा दिया है।
मालूम हो कि 1 जुलाई 2017 से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर (एलपीजी) के दाम करीब 32 रुपये बढ़ गए। यह छह साल में सबसे बड़ी मूल्यवृद्धि है। दिल्ली में जीएसटी लागू होने के बाद सब्सिडी वाले एलपीजी के दाम 446.65 रुपये से बढ़कर 477.46 रुपये (14.2 किलोग्राम के सिलेंडर) हो गए हैं।
पुरानी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में अलग-अलग फैक्टरी गेट शुल्क या बिक्री कर लगता था। इस व्यवस्था में एलपीजी पर देशभर में शून्य उत्पाद शुल्क था। वैट या बिक्री कर दिल्ली के अलावा चंडीगढ़, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा कुछ पूर्वोत्तर के राज्यों में शून्य था। अन्य राज्यों में यह एक से पांच प्रतिशत था।
हालांकि, जीएसटी व्यवस्था में एक दर्जन से ज्यादा केंद्रीय और राज्य शुल्क समाहित हो गए हैं। इसमें सब्सिडी या रियायती मूल्य वाले रसोई गैस सिलेंडर पर पांच प्रतिशत कर लगाया गया है। ऐसे में जिन राज्यों में वैट शून्य या पांच प्रतिशत से कम है, वहीं एलपीजी का दाम बढ़ेगा।