आंध्र प्रदेश को स्पेशल पैकेज के बहाने गुंटुर में भाजपा को घेरेगी कांग्रेस
प्रवीण कुमार
नई दिल्ली : कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश को स्पेशल पैकेज के बहाने विपक्षी दलों को फिर से एकजुट करने की एक महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। कांग्रेस ने तमाम दलों को संदेश दिया कि करुणानिधि के जन्मदिन आयोजन के बाद अगले ही दिन (रविवार 4 जून 2017) आंध्र प्रदेश के गुंटुर में पूरा विपक्ष एकजुट होकर पहुंचे। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की ओर आयोजित इस रैली में लगभग 12 विपक्षी दलों के पहुंचने की बात लगभग तय मानी जा रही है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी विशेष रूप से रैली को संबोधित करेंगे।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ने उन दलों को खास तौर पर न्यौता दिया है, जिन्होंने राज्यसभा में आंध्र प्रदेश बंटवारे के बाद स्पेशल पैकेज को लेकर सामने आए एक प्राइवेट मेंबर बिल का समर्थन किया था। राज्यसभा में केवीपी रामचंद्रन राव ने यह बिल पेश किया था जिसमें केंद्र से आंध्र प्रदेश को वायदा किये गए स्पेशल पैकेज दिलाने की बात कही गई थी। उस समय कांग्रेस के अलावा, लेफ्ट, जेडीयू, एसपी और आरजेडी जैसे दलों ने उसका समर्थन किया था।
राज्य कांग्रेस प्रमुख रघुवीरा रेड्डी के मुताबिक, इस रैली में राहुल गांधी वादा करेंगे कि साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अगर कांग्रेस सत्ता में आई, तो वह आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करेंगे। रेड्डी के अनुसार, इस रैली में जेडीयू से शरद यादव, सीपीएम से सीताराम येचुरी, समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव और रामगापेाल यादव, सीपीआई से डी. राजा और सुधाकर रेड्डी, डीएमके से इलगोवन पहुंच रहे हैं। इनके अलावा, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के आने की भी बात कही जा रही थी लेकिन स्वास्थ्य कारणों से वह शायद इस कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। एनसीपी व टीएमसी से भी प्रतिनिधित्व की बात कही जा रही है। कांग्रेस ने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख वाई.एस.जगमोहन रेड्डी तथा अभिनेता सह नेता पवन कल्याण को भी रैली में आमंत्रित किया है।
दरअसल, आंध्र प्रदेश के बंटवारे के वक्त तत्कालीन यूपीए सरकार ने पांच साल तक आंध्र को स्पेशल पैकेज देने की बात कही थी। राज्यसभा में इस पर चर्चा के दौरान तब विपक्ष के नेता अरुण जेटली व वेंकैया नायडू ने पांच साल की बजाए 10 साल तक पैकेज दिए जाने की बात कही थी। उसके बाद आम चुनाव-2014 के दौरान नरेंद्र मोदी ने 15 सालों तक पैकेज दिए जाने की जरूरत बताई थी। लेकिन एनडीए सरकार के आने के बाद स्पेशल पैकेज पर कोई बात नहीं कर रहा है। भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने 14वें वित्त आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने से इनकार कर दिया। योजना आयोग की जगह आए नीति आयोग ने स्पेशल पैकेज को एक खराब परंपरा बताते हुए इसे खत्म करने तक की बात कही है।
मोदी सरकार के इस उदासीन रवैये से आंध्र प्रदेश के लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। लोगों की इसी भावना को कैश करने के लिए कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश की प्रस्तावित राजधानी अमरावती से सटे गुंटूर में इस मुद्दे को लेकर विपक्ष की हुंकार का कार्यक्रम आयोजित किया है। कांग्रेस ने इस कार्यक्रम को नाम दिया है 'प्रत्येक ओहदा भरोसा सभा'। इतना ही नहीं, आने वाले दिनों में स्पेशल पैकेज को लेकर एक रायशुमारी भी कराने की तैयारी है।
अभियान के तहत कांग्रेस स्पेशल पैकेज को लेकर आम नजता के बीच वोटिंग कराएगी और अगले छह महीनों तक 'प्रजा बैलट' नाम से इस डिब्बे में लोगों की राय इकठ्ठी की जाएगी। फिर प्रदेश कांग्रेस कांग्रेस अध्यक्ष सारे बैलेट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को सौंप देंगे।
माना जा रहा है कि इस कदम से जहां एक ओर कांग्रेस आंध्र प्रदेश में अपने पैर मजबूत करने की कोशिश में है, वहीं दूसरी ओर दक्षिण में जिस तरह से तमाम प्रादेशिक दल टीडीपी, टीआरएस, वाईएसआर व एआईडीएमके जैसे दल भाजपा व एनडीए से नजदीकी बनाते दिख रहे हैं, उसे देखते हुए विपक्षी दल वहां अपनी मजबूती का प्रदर्शन कर देश भर में एनडीए को चुनौती देने का संकेत देने की कोशिश कर रहे हैं।