मंदिर उद्धार और पूजा किट के सहारे विस्तार में जुटी कांग्रेस
प्रवीण कुमार
अहमदाबाद : गुजरात विधानसभा चुनाव में सौराष्ट्र में शानदार प्रदर्शन से उत्साहित कांग्रेस ने हिन्दुत्व की राह पर और आगे बढ़ने का रोडमैप बनाया है। इसके तहत सौराष्ट्र के 148 गांवों में राम मंदिर के कायाकल्प के लिए कांग्रेस 'श्रीराम सूर्योदय आरती कमेटी' का गठन करने जा रही है। पार्टी के इस कदम से घबराई भाजपा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस राम के नाम पर राजनीति कर रही है। स्थानीय भाजपा प्रवक्ता भरत पंड्या का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर न बने ऐसा दावा करने वाली कांग्रेस का आचार-विचार मुंह में राम बगल में छुरी जैसी है।
राधनपुर से नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर ने भाजपा के इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए उल्टे सवाल किया कि क्या मंदिरों पर केवल भाजपा का ही अधिकार है। ठाकोर की मानें तो गुजरात के मंदिरों में पूजा किट बांटने की कांग्रेस की योजना बहुत पुरानी थी। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। जिन मंदिरों की देखभाल नहीं हो रही है उन मंदिरों में हम खुद जाकर शंखनाद कर लोगों को इकट्ठा करेंगे। कांग्रेस हमेशा से सर्वधर्मसम्भाव में विश्वास करती है और सबको साथ लेकर चलती है।
गुजरात प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष परेश धनानी ने कुछ कार्यकर्ताओं को पूजा किट भी दिया है। ये कार्यकर्ता सप्ताह में 14 बार नियम से उन मंदिरों में आरती और पूजा करेंगे जहां भक्तों की संख्या कम होती है। धनानी की मानें तो जो कमेटी बनाई जा रही है उसका उद्देश्य परंपरा के साथ भक्ति की भावना को बनाए रखना है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता मनीष दोशी कहते हैं कि धर्म आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है। चुनाव से पहले भाजपा कहती थी- कसम राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे और अब चुनाव के बाद कह रही है- कसम राम की खाते हैं मंदिर नहीं बनाएंगे।
मालूम हो कि गुजरात चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपनी नई रणनीति के तहत मंदिर राजनीति पर जोर दिया था और राहुल गांधी को प्रचार अभियान के दौरान प्रदेश के 27 मंदिरों में दर्शन व पूजा-अर्चना का कार्यक्रम रखा गया था। राज्य की करीब 87 सीटों पर इन 27 मंदिरों का असर रहता है। चुनाव के बाद जो नतीजे सामने आये इनमें से 47 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली। इस परिणाम से राम और हिन्दुत्व को लेकर कांग्रेस नेता व कार्यकर्ता और आक्रामक हो गए हैं।