केशव मौर्या : उप्र की बिसात पर BJP का पहला दांव
केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अगले साल 2017 में होने वाला विधानसभा चुनाव की कमान 49 साल के एक ऐसे व्यक्ति को सौंपी है, जिसकी छवि तो कट्टर हिंदुत्ववादी की रही है, लेकिन उसका दामन इतना दागदार है कि उससे पार पाकर पार्टी को उत्तर प्रदेश की सत्ता दिला पाना बहुत कठिन होगा।
नहीं पता तो जानिए! क्या है पनामा पेपर्स?
ऐसा देश जहां आपकी आमदनी (वैध या अवैध) पर किसी तरह का टैक्स नहीं लगता या बहुत मामूली लगता है। इन देशों में आमतौर पर एक तरह का फाइनेंशियल सीक्रेसी सिस्टम काम करता है जिससे यह पता लगाना मुश्किल होता है कि आपके खाते में कितना धन जमा है।
पश्चिम बंगाल विस चुनाव 2016 के अहम तथ्य
1952 में पहला विधानसभा गठित होने के बाद से पश्चिम बंगाल भारत का ऐसा लोकप्रिय राज्य है जहां नियमित रूप से विधानसभा चुनाव होता आया है। 295 सीटों वाली इस विधानसभा में 294 सदस्य सीधे चुनाव में निर्वाचित होकर आते हैं और एक सदस्य (एंग्लो-इंडियन समुदाय) को नामित किया जाता है।
खेल से ही नहीं खिलाड़ियों से भी खिलवाड़
राजनीति हमारे देश के खेल पर कितना हावी है उसका सटीक उदाहरण बीसीसीआई या डीडीसीए घोटाला, हॉकी फेडरेशन, बॉक्सिंग फेडरेशन और अन्य कई खेल संघों या संगठनों के हालात बताने को काफी है। कॉमनवेल्थ गेम्स ने तो फायदे के लिए राजनीति करने की नई इबारत ही लिख डाली। वो सरकार हो या फिर ये, दोनों के बीच फर्क करना बेहद मुश्किल है।
मध्यावधि चुनाव की तरफ बढ़ रहा जम्मू कश्मीर!
क्या जम्मू-कश्मीर मध्यावधि चुनाव की ओर बढ़ रहा है? स्वाभाविक है कि इसका जवाब है- हां। क्योंकि जब तक पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस राज्य की राजनीति में अलग-अलग हैं और जम्मू-कश्मीर की जनता की समस्याओं को सुलझाने के लिए अपनी कटुता दफन कर एक-दूसरे के करीब आने का फैसला नहीं करते, स्थिति ऐसी ही रहेगी। मुफ्ती मुहम्मद सईद सही कहा करते थे, राजनीति असंभव परिस्थितियों में भी संभावना तलाशने की कला है। हालांकि अभी यह कहना गलत होगा कि जम्मू कश्मीर में सरकार गठन की संभावनाएं खत्म हो गई हैं।
जानिए! बिहार चुनाव में कौन प्रत्याशी कहां से जीता कहां से हारा
अधिकतर एक्जिट पोल को झुठलाते हुए महागठबंधन ने 243 सीटों वाले बिहार विधानसभा में 178 सीटों पर जीत का परचम फहराया, जबकि भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के हिस्से सिर्फ 58 सीटें आई हैं। निर्वाचन आयोग के अनुसार, नीतीश की पार्टी जनता दल (युनाइटेड) को 71, पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को 80 और कांग्रेस को 27 सीटों पर जीत मिली है। भाजपा के हिस्से में 53 सीटें आई हैं, जबकि उसकी तीनों सहयोगी पार्टियां पांच सीटों पर सिमट गई हैं।
महागठबंधन की 'महाजीत' का चाणक्य कौन?
बिहार चुनाव में नीतीश-लालू-कांग्रेस के महागठबंधन की ऐतिहासिक जीत के साथ ही एक बड़ा सवाल सबके अंतरमन में चल रहा है कि आखिर महागठबंधन और नीतीश कुमार ने महाजीत का जो स्वाद चखा है उसके पीछे का चाणक्य कौन है? कहते हैं साल 2014 के लोकसभा चुनाव में जिस शख्स ने नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री बनने की उम्मीदों के गुब्बारे में हवा भरी थी, उसी शख्स ने बिहार में मोदी के मंसूबों की हवा निकाल कर नीतीश को मुख्यमंत्री का ताज पहना दिया। जी हां! इस चाणक्य का नाम है प्रशांत किशोर।
तेल की कीमतों ने लगाया महंगाई में और पलीता
आम आदमी को रोते बन रहा है, ना हंसते। वो एक मदारी बन गया है जो महंगाई रुपी डुगडुगी पर नाचने के लिए मजबूर है। अभी प्याज और दाल की कीमतें गिरी भी नहीं थी कि खाद्य तेलों ने महंगाई में पलीता लगा दिया। खासकर सरसों तेल के भाव में भारी उछाल देखा जा रहा है। पिछले साल के मुकाबले सरसों तेल के भाव में करीब 40 फीसदी से ज्यादा की तेजी है। दिल्ली में पिछले एक महीने में ही भाव 115 से बढ़कर 147 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया हैं।
अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था के लिए भारत-अफ्रीका गठजोड़ जरूरी
भारत ने अफ्रीकी देशों के साथ व्यापार और आर्थिक सहयोग बढ़ाने का भरोसा देते हुए कहा है कि दोनों पक्षों को नई अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था के लिए संयुक्त प्रयास करने चाहिए। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने नई दिल्ली में भारत-अफ्रीका मंच शिखर सम्मेलन 2015 में मंत्री स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत और अफ्रीका के आर्थिक संबंध सदियों पुराने हैं और इनको नया रूप दिया जा सकता है।
मोदी के गुजरात का चमकता सितारा हार्दिक पटेल
नरेन्द्र मोदी के बाद गुजरात के आकाश में एक नया सितारा उभरा है। 22 साल के इस युवा सितारे का नाम है हार्दिक पटेल। जिसने अपने पाटीदार समुदाय को ओबीसी कोटे के अंतर्गत आरक्षण दिलाने की मुहिम छेड़ रखी है। इस मसले ने प्रदेश सरकार की नाक में दम कर रखा है। हार्दिक पिछले 42 दिनों से गुजरात में पटेल समुदाय को नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में एडमिशन में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन चला रहे हैं। आलम ये है कि हाल ही में मेहसाणा और सूरत में की गई इस युवा तुर्क की रैली में सैकड़ों की संख्या में पटेल समुदाय के लोग जुटे। सूरत की रैली में तो 4.5 लाख लोगों ने शिरकत की। पटेल समुदाय के इस युवक को 'पाटीदार हृदय सम्राट' का नाम दिया गया है।