तो इस अफसर की वजह से 'बागी' बैजयंत पांडा को BJD ने दिखाया बाहर का रास्ता!
सत्ता विमर्श ब्यूरो
भुवनेश्वर: बीजू जनता दल के प्रमुख और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने बुधवार को पार्टी के बागी सांसद बैजयंत जय पांडा को सस्पेंड कर दिया। पांडा को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप के चलते सस्पेंड किया गया है। पार्टी उपाध्यक्ष सूर्य नारायण पात्रों ने इसकी घोषणा की। पात्रो ने उन पर पार्टी को कमजोर करने का भी आरोप लगाया।
पात्रो ने कहा- केन्द्रपाड़ा से सांसद पांडा पार्टी को राज्य और केन्द्र दोनों ही मोर्चों पर कमजोर करने में लगे हुए थे। वो बीजद को अपनी गतिविधियों के कारण प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर कमजोर कर रहें हैं। चाहें संसद हो, राज्य हो, उनका चुनावी क्षेत्र हो या फिर मीडिया हो- हर जगह पांडा बीजद की निंदा करने और विपक्ष की प्रशंसा करने का मौका चूकने नहीं देते।
अपने बयान में पात्रो ने पंचायत चुनावों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि इन चुनावों में भी पांडा ने कोई प्रचार नहीं किया था बल्कि विपक्षी उम्मीदवार का समर्थन किया था...जो उस पार्टी के हित के खिलाफ है जिसने उन्हें एक बार नहीं बल्कि चार बार संसद पहुंचाया है। इसी के मद्दनेजर पार्टी अध्यक्ष और प्रदेश के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्राथमिक सदस्यता से उन्हें सस्पेंड कर दिया है।
ये भी पढ़ें: पांडा जैसा कोई नहीं!
पांडा को मलाल
ट्विटर पर पांडा ने ने लिखा कि पार्टी की इस कार्रवाई से वह हैरान हैं। उन्होंने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप को भी झूठा और निराधार करार दिया। उन्होंने लिखा, 'इस खबर से मैं हैरान हूं। मुझे दुख है कि पटनायक मेरे खिलाफ एक आईएएस ऑफिसर का चलाया षडयंत्र नहीं देख सके, जो इस वक्त पार्टी चला रहा है। मेरे खिलाफ लगाए गए आरोप गलत और निराधार हैं।' मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई थी कि पांडा पर पार्टी विरोधी गतिविधियों के अलावा फंड के गलत उपयोग में भी शामिल होने के आरोप हैं।
*I'm shocked at this news
*Very very sad @Naveen_Odisha didn't see thru the conspiracy agnst me led by an IAS ofcr now controlling th party
*I vehemently deny the allegations agnst me, they are entirely false & baseless
*I will pray to Jagannath for guidance b4 i respond further— Baijayant Jay Panda (@PandaJay) January 24, 2018
IAS विवाद
काफी दिनों से पार्टी के भीतर और बाहर मीडिया फ्रेंडली पांडा अपनी ही पार्टी की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े करते रहें हैं। हाल ही में कटक जिले के एक सार्वजनिक मंच से उन्होंने एक आईएएस अफसर पर पार्टी मामलों में दखलअंदाजी का आरोप लगाया था। हालांकि उन्होंने उस वरिष्ठ अधिकारी का नाम नहीं लिया था लेकिन उनका इशारा मुख्यमंत्री पटनायक के करीबी और उनके निजी सचिव वी कार्तिकेयन पांड्यान की ओर ही था। इसके बाद से ही पार्टी का आरोप था कि वो भाजपा की शैली में बात कर रहें हैं। जबकि मुखर पांडा ने तब भी कहा था कि वो पार्टी की बेहतरी के लिए ही राय जाहिर कर रहें हैं।
अफसर पर पांडा के बयान का नवीन पटनायक ने भी जवाब दिया था। उन्होंने ऐसे इल्जाम को बेबुनियाद करार दिया था। इसके बाद ही पांडा पर निलम्बन की तलवार लटकने लगी थी। बीजद के ही राज्यसभा सांसद पीके देब ने इसे 2019 के लोकसभा चुनावों से जोड़कर देखा। उन्होंने कहा कि- पांडा दरअसल, केन्द्र मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान की जुबान बोल रहें हैं। उन्होंने ही सबसे पहले सीएम के अफसर पर ऐसे आरोप लगाए थे। 2019 के चुनावों से पहले ऐसा होना तय है। बीजद के नेता भाजपा जा सकते हैं और कुछ बीजद में आ भी सकते हैं।
गत वर्ष मुख्यमंत्री पटनायक ने पांडा की संसद में बीजद के प्रवक्ता पद से भी पांडा की छुट्टी कर दी थी। तब भी पांडा ने कहा था कि पार्टी को 2017 में हुए पंचायत चुनावों के नतीजों को लेकर आत्ममंथन करना चाहिए और सोचना चाहिए कि क्यों पार्टी को मौकापरस्त अपना निशाना बना रहें हैं। ये सीएम पर सीधा हमला माना गया था। तभी से पार्टी की हिटलिस्ट में इनका नाम सबसे ऊपर था।