चौथी बार कर्नाटक के सीएम बने येदियुरप्पा, विपक्ष ने कहा- राज्यपाल का फैसला लोकतंत्र के खिलाफ
सत्ता विमर्श ब्यूरो
बेंगलुरु : भाजपा के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा ने शुक्रवार शाम कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। मुख्यमंत्री के रूप में यह उनका चौथा कार्यकाल है। राजभवन में राज्यपाल वजूभाई वाला ने 76 वर्षीय येदियुरप्पा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। येदियुरप्पा ने अभी अकेले ही शपथ ली है।
शुक्रवार सुबह येदियुरप्पा ने राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया और उनसे उन्हें शुक्रवार को ही पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाने का अनुरोध किया। इसके बाद राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने का न्योता दिया। शपथ ग्रहण समारोह से पहले येदियुरप्पा ने कहा कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से सलाह मशविरा करने के बाद कैबिनेट के सदस्यों पर फैसला करेंगे।
येदियुरप्पा ने चौथी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। पिछली बार वह मई 2018 विधानसभा चुनावों के बाद मुख्यमंत्री बने थे लेकिन वह पद पर तीन दिन ही टिक पाए। तब वह बहुमत हासिल करने में नाकाम रहे थे। उन्होंने इस आधार पर सरकार बनाने का दावा किया था कि उनकी पार्टी 225 सदस्यीय विधानसभा में 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी है।
कर्नाटक में उभरे सियासी संकट के बीच एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार बीते 23 जुलाई को गिरने के तीन दिन बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद शपथ ली है। कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के 15 विधायकों के अचानक इस्तीफा देने के बाद कर्नाटक में सियासी संकट खड़ा हो गया था। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने विधानसभा में विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया था, जिसमें गठबंधन सरकार को छह मतों से विश्वास मत हासिल करने में असफल साबित हुई थी। विधानसभा में 99 विधायकों ने विश्वास मत प्रस्ताव के पक्ष में वोट दिया, जबकि 105 सदस्यों ने इसके ख़िलाफ़ मत दिया था, जिसके बाद कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार गिर गई थी।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को कहा कि उनके शासन के दौरान प्रतिशोध की राजनीति नहीं होगी और वह विपक्ष को साथ लेकर चलेंगे। इधर, कांग्रेस ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिना बहुमत के सरकार बनाने के येदियुरप्पा को मौका देने के लिए कर्नाटक के राज्यपाल पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने आरोप लगाया, भाजपा के 105 सदस्य हैं, जो 224 सदस्यों वाली विधानसभा में आधी से भी कम है। अगर संविधान का पालन किया जाए तो भाजपा सरकार नहीं बना सकती।
कांग्रेस ने कहा, कर्नाटक भाजपा के लिए राज्य विधानसभा एक प्रयोगशाला बन गई है और भाजपा समर्थित राज्यपाल असंवैधानिक तरीकों से सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं। संविधान के किस अनुच्छेद के तहत राज्यपाल ऐसी पार्टी को सरकार बनाने की अनुमति दे सकते हैं जिसके पास बहुमत नहीं है? वहीं जेडीएस ने ट्वीट कर कहा है, सदन के विधायकों की संख्या 222 है (तीन विधायकों के अयोग्य घोषित होने के बाद) और सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या 112 है। हालांकि बीएस येदियुरप्पा ने यह कहते हुए सरकार बनाने का दावा पेश किया कि उनके पास 105 विधायक हैं। पार्टी ने कहा कि येदियुरप्पा को शपथ लेने की मंजूरी देने का राज्यपाल का फैसला लोकतंत्र के विरुद्ध है।