कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दूसरी बार संभाली पंजाब की कमान, बने सूबे के 26वें सीएम
सत्ता विमर्श ब्यूरो
चंडीगढ़ : पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई में नई सरकार ने काम काज संभाल लिया है। राज्यपाल वीपी बादनोर ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और उनके मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। पंजाब के 26वें मुख्यमंत्री बने अमरिंदर ने दूसरी बार राज्य की बागडोर संभाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी।
कर्ज के बोझ तले दबे पंजाब को राहत देने का बीड़ा उठाने का दावा करते हुए एक सादे समारोह में कैप्टन ने फ़िलहाल नौ मंत्रियों को शपथ दिलाई। कैबिनेट में नवजोत सिंह सिद्धू तीसरे नंबर पर हैं। शपथ ग्रहण के बाद लगता है इस हकीकत को सिद्धू परिवार ने क़बूल कर लिया है। सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर ने कहा कि मंत्री भी बहुत बड़ी भूमिका होती है। हम कभी मांगते नहीं हैं।
हालांकि सिद्धू को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सिद्धू पंजाब विधानसभा के लिए 4 फरवरी को हुए चुनाव से ठीक पहले जनवरी में कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्होंने अमृतसर पूर्वी विधानसभा सीट से 42,000 के वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
सिद्धू इससे पहले भाजपा में थे और अमृतसर से लोकसभा सदस्य रहे थे। वह 2004, 2007 (उपचुनाव) तथा 2009 में यहां से जीते थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने उन्हें अप्रैल 2016 में राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया था।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह से लेकर तमाम बड़े कांग्रेसी दिग्गज कैप्टन की ताजपोशी में शामिल हुए। हालिया चुनाव में उत्तर भारत में कांग्रेस की नाक पंजाब ने ही बचाई। अब वक्त चुनावों में किए गए वादों को पूरा करने का है। कैबिनेट मंत्री मनप्रीत बादल ने कहा कि पंजाब में रोज़ी, रोटी और रोज़गार के मसले हैं। पंजाब में कारोबार का पहिया जो बंद हो चुका है वो फिर चले, कारख़ाने की चिमनियों से फिर धुआं निकले।
उल्लेखनीय है कि सूबे की कुल 117 सीटों में से 77 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली कांग्रेस की तरफ से फिलहाल 7 कैबिनेट और दो राज्य मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है जिनमें तीन दलित समुदाय से हैं। लम्बे अर्से बाद पंजाब में दलित वोटर कांग्रेस की तरफ़ लौटे हैं।