लाभ के पद मामले में चुनाव आयोग ने 20 आप विधायकों को दिया झटका, अर्जी खारिज
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : लाभ के पद मामले में आम आदमी पार्टी को चुनाव आयोग ने जोर का झटका दिया है। आयोग ने संसदीय सचिव पद पर AAP के 20 विधायकों की उस याचिका को शनिवार को खारिज कर दिया है जिसमें विधायकों ने 'लाभ के पद' मामले को खत्म करने की मांग की थी। इस मामले में चुनाव आयोग अगस्त में अंतिम फैसला सुना सकता है।
चुनाव आयोग के इस फैसले से संसदीय सचिव रहे इन 21 विधायकों की विधानसभा सदस्यता जाने का खतरा गहरा गया है। हालांकि इनमें से रजौरी गार्डन से विधायक रहे जरनैल सिंह पहले ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं। उन्होंने पंजाब विधानसभा चुनाव में लड़ने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
हाईकोर्ट ने केजरीवाल सरकार द्वारा आप के 21 विधायकों को दिल्ली सरकार में मंत्रियों का संसदीय सचिव नियुक्त करने के फैसले को शून्य और निष्प्रभावी करार दिया था। इस फैसले के हवाले से आप विधायकों ने आयोग में अर्जी दायर कर कहा था कि जब उनकी बतौर संसदीय सचिव नियुक्ति हुई ही नहीं है तब फिर आयोग में उनके खिलाफ लंबित लाभ के पद के मामले में सुनवाई का कोई अर्थ नहीं रह जाता है। लिहाजा इन सभी ने आयोग से उनके खिलाफ शिकायत रद्द करने का अनुरोध किया था। आयोग ने विधायकों का अनुरोध अस्वीकार करते हुए आप विधायकों की संसदीय सचिव के पद पर नियुक्ति को एक तथ्य के रूप में स्वीकार करते हुए कहा कि ये विधायक 13 मार्च 2015 से 8 सितंबर 2016 तक संसदीय सचिव के पद पर थे।
आयोग ने कहा कि विधायकों द्वारा अदालत के आदेश के आधार पर यह कहना कि उनकी नियुक्ति हुई ही नहीं थी, कानूनी तौर पर यह दलील टिकने लायक नहीं है। आयोग ने इस आधार पर इनकी नियुक्ति में लाभ का पद होने के मामले में की गई शिकायत पर सुनवाई जारी रखने को कहा है। साथ ही राजौरी गार्डन विधानसभा क्षेत्र से विधायक जरनैल सिंह द्वारा विधायक पद से इस्तीफा देने के कारण उन्हें इस मामले में पक्षकारों की सूची से बाहर कर दिया। आयोग ने कहा कि सिंह के इस्तीफे से खाली हुई सीट पर उपचुनाव भी हो चुका है इसलिये अब उन्हें इस मामले में पक्षकार बनाने का कोई अर्थ नहीं रह जाता है।
बता दें कि चुनाव आयोग के सामने प्रशांत पटेल नाम के वकील ने पिछले साल जुलाई में एक याचिका दायर कर इन 21 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की अपील की थी। कांग्रेस और भाजपा ने इस मामले में एक पक्ष बनने की अपील की थी, लेकिन आयोग ने इन अपीलों को खारिज कर दिया। पिछले साल सितंबर में दिल्ली हाईकोर्ट ने 21 संसदीय सचिवों की नियुक्ति को अवैध करार देते हुए उसे तत्काल प्रभाव से रद्द करने का आदेश दिया था। इससे पहले 2006 में आयोग ने राज्यसभा सांसद जया बच्चन की सदस्यता रद्द कर दी थी।