चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की राजनीतिक पारी शुरू, नीतीश की जेडीयू का थामा दामन
सत्ता विमर्श ब्यूरो
पटना : लोकसभा चुनाव 2014 में भाजपा की ऐतिहासिक जीत के शिल्पी के तौर पर चर्चित चुनावी रणनीतिकार और इंडियन पॉलीटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) की स्थापना करने वाले प्रशांत किशोर ने राजनीतिक पारी की शुरूआत कर दी है। इसके लिए पीके ने नीतीश कुमार की जेडीयू का दामन थामा है। जेडीयू में पीके की नंबर-2 की हैसियत रहेगी।
पटना में रविवार को जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने पीके को पार्टी की सदस्यता दिलाई। 2014 के आम चुनाव में पीके नरेंद्र मोदी के खास सिपहसालार थे और केंद्र में तीन दशकों बाद भाजपा के रूप में किसी एक पार्टी को बहुमत के पीछे पीके की अहम भूमिका मानी जाती है। 2014 के बाद सियासी गलियारों में वह तेजी से चर्चित हुए।
नरेंद्र मोदी की अगुआई में भाजपा की जीत की पटकथा लिखने वाले प्रशांत किशोर का भाजपा हाईकमान से विवाद हुआ और फिर वह जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार के करीब आने लगे। 2015 में उन्होंने बिहार में जेडीयू के लिए चुनावी रणनीति तैयार की। यहां भी उन्हें कामयाबी मिली और बिहार में जेडीयू, आरजेडी व कांग्रेस के महागठबंधन को प्रचंड जीत मिली।
पेशेवर चुनावी रणनीतिकार के तौर पर स्थापित पीके की कई पार्टियों ने चुनावों के दौरान मदद ली। 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के लिए काम किया लेकिन यहां उन्हें नाकामी हाथ लगी। पिछले कुछ समय से पीके की राजनीति में आने की अटकलें थी। पिछले दिनों हैदराबाद स्थित इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस में एक संवाद के दौरान पीके ने यह संकेत दे दिया था कि अब वह चुनावों में किसी पार्टी के साथ जुड़कर काम नहीं करेंगे। इस संवाद के दौरान पीके ने कहा था कि वह जनता के बीच जाकर उनके बीच काम करना चाहते हैं जो कि उनका पसंसदीदा काम है। इस बारे में पूछे जाने पर कि वह कहां काम करना पसंद करेंगे, किशोर ने बिहार और गुजरात का नाम लिया था। तभी से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि प्रशांत जेडीयू के साथ राजनीतिक करियर शुरू कर सकते हैं।