कर्नाटक का सियासी नाटक खत्म, विधानसभा में कुमारस्वामी ने हासिल किया विश्वासमत
सत्ता विमर्श ब्यूरो
बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान विश्वासमत हासिल कर लिया। गठबंधन के समर्थन में 117 विधायकों ने वोट किया। विश्वासमत से पहले भाजपा विधायकों ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया था। विश्वासमत पेश करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि काफी सोच-समझकर ही गठबंधन सरकार बनाई है। उनकी पार्टी का भविष्य भी गठबंधन पर ही टिका है। कुमारस्वामी ने कहा, न तो जेडीएस और न ही किसी अन्य पार्टी को बहुमत मिला। मुझे दुख है कि लोगों ने मुझे नहीं चुना। मैं गठबंधन के कारण मुख्यमंत्री बना और इस स्थिति से मैं खुश नहीं हूं।
इससे पहले कांग्रेस विधायक के.आर. रमेश कुमार को कर्नाटक विधानसभा का निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित किया गया। प्रोटेम अध्यक्ष के.जी बोपैया ने इसकी घोषणा की। कांग्रेस विधायी दल के नेता सिद्धारमैया ने अध्यक्ष पद के लिए रमेश कुमार का नाम प्रस्तावित किया जिसे उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर ने समर्थन दिया। बोपैया ने कहा, कांग्रेस विधायक को निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुना गया है।
भारतीय जनता पार्टी के (भाजपा) के वरिष्ठ विधायक एस. सुरेश कुमार ने विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले ही अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन वापस ले लिया जिसके बाद रमेश कुमार को निर्विरोध चुन लिया गया। रमेश कुमार (68) छह बार विधायक रह चुके हैं। उन्होंने इस बार के चुनाव में कोलार जिले के श्रीनिवासपुर से चुनाव जीता था। रमेश कुमार दूसरी बार विधानसभा अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं। वह इससे पहले जनता दल-सेक्युलर (जेडीएस) नेता एच.डी देवेगौड़ा के मुख्यमंत्री काल (1994-96) में भी इस पद पर रह चुके हैं।
विधानसभा में भाजपा के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने सीएम कुमारस्वामी पर तंज कसते हुए कहा कि अगर किसानों के कर्ज माफ करने का ऐलान नहीं होता है तो भाजपा 28 मई को राज्यव्यापी बंद बुलाएगी। येदियुरप्पा ने कहा कि सत्ता के लिए आप कुछ भी कर सकते हो। येदियुरप्पा ने कांग्रेस नेता शिवकुमार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, आप किसी के लिए विलेन हो और किसी के लिए हीरो। आप सबके हीरो नहीं हो सकते। भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि अगर सीएम कुमारस्वामी ने किसानों का कर्ज माफ नहीं किया तो वह 28 मई को राज्यभर में बंद का ऐलान करेंगे। इससे साफ हो गया है कि कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के खिलाफ भाजपा चुप नहीं बैठने वाली है।