झारखंड में फिर से सोरेन की सत्ता, विपक्षी एकता के बीच हेमंत सोरेन ने ली मुख्यमंत्री पद की शपथ, लिए तीन अहम फैसले
सत्ता विमर्श ब्यूरो
रांची : झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन ने राजधानी स्थित मोरहाबादी मैदान में राज्य के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। हेमंत सोरेन दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं। झारखंड की राजधानी रांची में रविवार को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। हेमंत सोरेन के साथ पाकुड़ से विधायक और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और लोहरदगा से विधायक व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने मंत्री पद की शपथ ली। इसके अलावा चतरा से राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली।
देश के कई राज्यों से विपक्षी पार्टी के नेता, तीन प्रदेशों के मुख्यमंत्री इस समारोह में शामिल हुए। शपथ ग्रहण के बाद सभी दिग्गज नोताओं ने एक दूसरे का हाथ थाम कर विपक्षी एकजुटता का प्रदर्शन भी किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के पर हेमंत सोरेन को रविवार को बधाई दी। इसके साथ ही पीएम मोदी ने राज्य के विकास के लिए केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता दिए जाने का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर लिखा, झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए हेमंत सोरेन जी को बधाई। मैं झारखंड के विकास के लिए केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन देता हूं।
शपथ लेते ही एक्शन में सोरेन, लिए तीन अहम फैसले
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शपथग्रहण के तीन घंटों के भीतर ही कैबिनेट बैठक बुला ली। इस अहम बैठक में हेमंत सोरेन कैबिनेट ने तीन महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगाई। सीएनटी और एसपीटी आंदोलन के साथ-साथ पत्थरगढ़ी आंदोलनों में दर्ज सभी मुकदमें वापस लेने का फैसला लिया गया। साथ ही यौन शोषण से जुड़े जितने भी मामले हैं उनकी त्वरित सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करने का भी फैसला लिया जाएगा। इसके अलावा अनुबंध कर्मी, आंगनबाड़ी, रसोई और पारा शिक्षकों के लंबित वेतनमान और भुगतान के लिए भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आदेश दिया। नई सरकार ने झारखंड की परंपरा और संस्कृति के अनुरूप प्रतीक चिह्न के लिए सुझाव आमंत्रित किए हैं। झारखंड का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया है। 7 जनवरी को विधानसभा में राज्यपाल का अभिभाषण होगा। उससे पहले 6 जनवरी को तीन दिनों की विशेष सत्र बुलाई जाएगी। स्टीफन मरांडी को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया है।
शपथ ग्रहण के बहाने विपक्षी दलों ने दिखाई एकजुटता
हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी दलों की एकता की ताकत भी देखने को मिली। कार्यक्रम में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पहुंचीं। वाम नेताओं में सीताराम येचुरी, डी. राजा और अतुल अंजान ने भी कार्यक्रम में शिरकत की। इसके अलावा डीएमके अध्यक्ष स्टालिन, सांसद टीआर बालू, सांसद कनिमोझी भी पहुंचीं। राजद नेता तेजस्वी यादव, शरद यादव, आप सांसद संजय सिंह के अलावा कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे, सुबोध कांत सहाय, एनसीपी नेता सुप्रिया सुले और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास भी मंच पर मौजूद रहे।
मालूम हो कि झामुमो ने कांग्रेस पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ा था और 81 सदस्यीय सदन में 47 सीटों के साथ स्पष्ट जनादेश हासिल किया। झामुमो ने इस चुनाव में 30 सीटें जीती, जबकि कांग्रेस और राजद ने क्रमश: 16 और एक सीट हासिल की। इसके अलावा हेमंत सरकार को झारखंड विकास मोर्चा का भी समर्थन हासिल है। झाविमो के तीन विधायक हैं। इस प्रकार से हेमंत सोरेन सरकार को 50 विधायकों का समर्थन हासिल है।