केजरीवाल का मोदी और शाह से सवाल- बताएं इस घोटाले का कमीशनखोर कौन?
सत्ता विमर्श ब्यूरो
नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने करेंसी परिवर्तन के सरकारी फैसले पर सवाल खड़े करते हुए इसे एक बड़ा घोटाला करार दिया है। सीएम ने संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि सरकार ने अपने लोगों को पहले ही आगाह कर दिया था। दिल्ली के सीएम ने बताया कि नोट बंद करने के बाद जिस तरह के सबूत सामने आ रहे हैं उससे स्पष्ट हो रहा है कि घोटाला तो हुआ है। आक्रामक तेवर के साथ आम आदमी पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि वो बतायें कि इस घोटाले से किसको, कितना कमीशन मिला है। अपने दावे को साबित करने के लिए सीएम ने एक बिजनेस चैनल का फुटेज भी दिखाया।
केजरीवाल ने कहा दरअसल ये सर्जिकल स्ट्राइक आम गरीब लोगों की छोटी-छोटी बचत के खिलाफ है। उन्होंने कहा- 8 नवंबर को ऐलान से पहले पीएम ने अपने दोस्तों और भाजपा के लोगों को सतर्क किया, जिनके पास काले धन थे उन्होंने अपना माल ठिकाने लगाया। डॉलर को 2000 के नोट से बदला जा रहा था। भारी मात्रा में पैसे बैंक में डिपॉजिट हो रहे थे। उन्होंने कहा- मीडिया में दिखाया जा रहा है कि जुलाई से सितंबर के क्वॉर्टर में अचानक से काफी रुपया जमा किया गया। जबकि कई महीनों से डिपॉजिट नीचे जा रहे थे। ये पैसा किसका पैसा था?
केजरीवाल ने कहा कि इस सारी कवायद से कालेधन का सिर्फ री-डिस्ट्रीब्यूशन हो रहा है। कालेधन वाले सोना, डॉलर खरीद रहे हैं। जिनके पास पैसा है वो ब्लैक में डॉलर खरीद रहें हैं। प्रॉपर्टी खरीद रहें हैं। बहुत बड़े स्तर पर कालाबाजारी हो रही है। इसके साथ ही केजरीवाल ने पीएम और अमित शाह से तीन सवाल किए। उन्होंने पूछा- सरकार बताए कि उनकी नजरों मे किसके पास कालाधन है। ये बताएं- अंबानी, अडानी, शरद पवार, सुभाष चंद्र या बादल के पास या फिर रिक्शेवाला, मोची, नाई, किसान, किराने वाला या मजदूर के पास? उन दोस्तों के नाम सार्वजनिक करें जिन्हें पहले से ही इसकी जानकारी थी। साथ ही ये भी बताएं कि बड़े स्तर पर जो कालाबाजारी हो रही है, उसका कमीशन किसके पास जा रहा है।
मोदी जी का सर्जिकल स्ट्राइक कालेधन के ऊपर नहीं है, आम जनता ने जो सेविंग्स की है उस पर स्ट्राइक है। इसके साथ ही केजरीवाल ने मांग की कि 500 और 1000 के नोट बंद किए जाने के फैसले को वापस लेना चाहिए। अब आम जनता को तंग किया जा रहा है। सरकार कहना चाहती है कि ढाई लाख रुपये से ऊपर जमा मत करवाना, हमारे दलाल आने वाले हैं, उनसे डील कर लेना।
वहीं भाजपा ने पलटवार करते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी को सत्ता की चाहत है, उनका रुख बेतुका है। एक तरफ तो वे कालेधन के खिलाफ हैं और दूसरी तरफ वे इस निर्णय का विरोध कर रहे हैं।