लालू के 'शहाबुद्दीन' पर गर्माई सियासत
सत्ता विमर्श ब्यूरो
पटना: लालू के शहाबुद्दीन की रिहाई और उसके बाद इस पूर्व सांसद की बयानबाजी से बिहार की सियासत में भूचाल सा आ गया है। महागठबंधन के धुर विरोधियों को जहां नीतीश सरकार पर हमला करने का सुअवसर मिल गया है वहीं डैमेज कंट्रोल की कोशिशें भी तेज हो गई हैं। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव अपने 'खास' शहाबुद्दीन को बचाने की मु्द्रा में दिख रहें हैं। इस पुरे मसले को वो मीडिया का हाईप करार दे रहें हैं। झल्लाहट अपनों और गैरों दोनों पर जाहिर कर रहें हैं।
लालू के बयान लगातार सुर्खियां बटोर रहें हैं। कभी एक बाहुबली की तुलना दूसरे से कर तो कभी अपने ही रघुवंश पर सवाल उठा कर।
मौका देखकर काटते हैं चिटी रघुवंश: लालू
राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने पार्टी उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह को सलाह दी कि वो बिना वजह चीटी नहीं काटें। लालू ने कहा कि वह जानबूझकर चीटी काटते रहते हैं। खाली पिच देखकर बैटिंग करने लगते हैं। हर बॉल पर बैटिंग करने की उनकी आदत बुरी है। हम दमकल हैं। बड़े भाई भी हैं। कोई भी आग बुझाने में सक्षम हैं।
रघुवंश ने उठाये थे सवाल
पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजद के वरिष्ठ नेता डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी में कोई फोरम ना होने की बात कह कर अपने ही दल पर निशाना साधा था। जदयू के बयान से आहत डा सिंह ने कहा कि नीतीश ने अपशब्द बोलने वाले को पार्टी का प्रवक्ता बना रखा है। उन्होंने कहा कि महागंठबंधन का न कोई फोरम है न कोई नेता है।
गौरतलब है कि शहाबुद्दीन मसले को लेकर जदयू ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर राजद अध्यक्ष से अपने नेताओं के बड़बोलेपन पर लगाम लगाने की बात कही थी।
बाहुबली vs शहाबुद्दीन
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने शहाबुद्दीन के बेल पर उठ रहे सवालों पर कहा कि मैं किसी का बचाव नहीं कर रहा हूं। जमानत तो कोर्ट से मिली है। बावजूद इसका भी ख्याल रखना होगा कि वह 11 साल से जेल में थे। नीतीश कुमार के बारे में शहाबुद्दीन के बयान पर उन्होंने कहा कि उन्होंने हमें नेता कहा है, तो क्या गलत किया है। अनंत सिंह ने भी नीतीश कुमार को नेता कहा था। किसी को तकलीफ नहीं है। सब बेकार की बात है।
भाजपा को मुस्लिम शहाबुद्दीन नहीं आ रहे रास
अनंत सिंह पर क्राइम कंट्रोल एक्ट (सीसीए) लगे या नहीं लगे, इसका मुझे नहीं पता है। लेकिन भाजपा द्वारा शहाबुद्दीन पर सीसए लगने पर लालू ने कहा कि भाजपा नेताओं को इतना भी ज्ञान नहीं है कि सीसीए उसी पर लगता है जो जेल के भीतर होता है। उन्होंने अपने अंदाज में कहा कि सुशील मोदी फजुल बात करते हैं। शहाबुद्दीन मुसलमान है, इसलिए उसका विरोध कर रहे हैं।
भाजपा का 'सरकार' पर वार
मौका पाते ही भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने भी चौका मारा है। उन्होंने कहा है कि सरकार का मतलब अकेले नीतीश कुमार नहीं, महागठबंधन के तीनों दल हैं। शहाबुद्दीन के बेल के लिए सभी जिम्मेवार हैं। मोदी ने कहा कि नीतीश सीएम हैं और इस नाते उन्हें विपक्ष के सवालों का सीधे जवाब देना चाहिए। मोदी ने कहा कि प्रवक्ताओं द्वारा मुझे गाली दिलवाने की बजाय वे बताएं कि तीन साल से सभी ट्रायल क्यों बंद थे। गाली दिलवाना है तो रघुवंश प्रसाद को दिलवाएं।
शुतुरमुर्ग सरकार
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार सरकार पर शुतुरमुर्ग की तरह आचरण करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अपनी आंखें बंद रखी हैं। लेकिन जिस तरह शुतुरमुर्ग के गर्दन झुका लेने से आंधी कम नहीं होती उसी तरह सरकार के आंख मूंदने से शहाबुद्दीन का आतंक कम नहीं हुआ है। मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी ने कहा कि शहाबुद्दीन को मिली जमानत से भी बड़ा मामला है तीन साल से ट्रायल का बंद होना। जिनमें ट्रायल बंद हैं उनमें कई ऐसे मामले हैं जिनको लेकर शहाबुद्दीन को मृत्युपर्यंत सजा हो सकती थी। फिर वे बेल पर छूटे नहीं होते।
क्या कहा था शहाबु्द्दीन ने
11 साल बाद जेल से रिहा होने के बाद शहाबुद्दीन ने नीतीश कुमार पर सवाल खड़े किए थे। बाहुबली ने कहा था कि नीतीश परिस्थितियों के सीएम हैं और उनके नेता तो लालू प्रसाद यादव ही हैं।