कश्मीर के पुलवामा में CRPF के काफिले पर बड़ा आत्मघाती हमला, 40 से अधिक जवान शहीद
सत्ता विमर्श ब्यूरो
श्रीनगर : जम्मू एवं कश्मीर में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में एक आत्मघाती हमलवार ने पुलवामा जिले में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी सीआरपीएफ की बस से टकरा दी और उसमें विस्फोट कर दिया। खबर लिखे जाने तक इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के कम से कम 42 जवान शहीद हुए हैं। पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) ने इस नृशंस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है और आत्मघाती हमलावर का एक वीडियो जारी किया है जिसे हमले से पहले शूट किया गया था। हमलावर की पहचान कमांडर आदिल अहमद डार के रूप में हुई है। यह हमला श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर लेथपोरा इलाके में हुआ।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवालों से बताया कि कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्यॉरिटी (सीसीएस) शुक्रवार सुबह 9:15 बजे बैठक करेगी। इस कमेटी में प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री, विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और वित्त मंत्री होते हैं। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में आगे की कार्रवाई पर चर्चा की जाएगी। रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं। पीएम मोदी ने बताया कि सुरक्षा एजेंसियों के टॉप ऑफिसर और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से इस पूरे मामले पर विस्तार से जानकारी ली है। इसके अलावा गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, इंटेलीजेंस ब्यूरों के निदेशक और कई अन्य सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की।
पुलवामा के आदिल डार ने फिदायीन बनकर किया हमला
सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के पीछे पुलवामा के एक स्थानीय फिदायीन आतंकी के शामिल होने की बात सामने आई है। जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले के इतिहास को पलटें तो यह ऐसी पहली घटना है जब कोई स्थानीय शख्स फिदायीन आतंकी बनकर इस तरह के नृशंस हमले को अंजाम दिया है। हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस आतंकी की फोटो जारी करते हुए हमले के लिए जिम्मेदार बताया है। जिस आतंकी के इस हमले में शामिल होने की बात सामने आई है उसे पुलवामा के काकापोरा इलाके का निवासी बताया गया है। पुलवामा के अवंतिपोरा में हुए इस आतंकी हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद के अफजल गुरु स्क्वॉड का नाम भी सामने आया है। जम्मू-कश्मीर में जैश के अफजल गुरु स्क्वॉड ने इससे पहले भी कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है। इससे पहले रविवार को अफजल गुरु स्क्वॉड ने श्रीनगर के लालचौक पर हुए आतंकी हमले की भी जिम्मेदारी ली थी। इस हमले में पुलिस और सीआरपीएफ के 7-7 जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा 30-31 दिसंबर 2017 को भी पुलवामा में बीएसएफ के जवानों पर हुए हमले में भी अफजल गुरु स्क्वॉड के शामिल होने की बात कही गई थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम दलों के नेताओं व समाज के अन्य लोगों ने इस बर्बर घटना की कड़ी निंदा की है। पीएम मोदी ने कहा, यह हमला..घृणित है। मैं इस कायरतापूर्ण हमले की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं। हमारे बहादुर सुरक्षा कर्मियों का त्याग व्यर्थ नहीं जाएगा। पूरा देश बहादुर शहीदों के परिवारों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर खड़ा है। शुक्रवार को बिहार के दौरे पर जाने वाले गृह मंत्री राजनाथ सिंह अब यहां जाने के बजाए श्रीनगर पहुंचने वाले हैं। गृह सचिव राजीव गौबा भूटान का अपना दौरा बीच में छोड़कर शुक्रवार को उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक के लिए श्रीनगर पहुंचेंगे। राजनाथ सिंह ने कहा, आज हुआ नृशंस हमला बहुत ही दुखदायी और परेशान कर देने वाला है। मैं राष्ट्र की सेवा में अपनी जिंदगी का त्याग करने वाले प्रत्येक सीआरपीएफ जवान को नमन करता हूं। गृह मंत्री ने कहा, इस हमले को पाक समर्थित जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया है। इस हमले का माकूल जवाब दिया जाएगा। यह मैं देश के लोगों से वादा करता हूं।
पुलिस सूत्रों की मानें तो स्कॉर्पियो (एसयूवी) चला रहे आत्मघाती हमलावर ने अपराह्न करीब 3.15 बजे अपने वाहन से सीआरपीएफ की बस में टक्कर मारी जिससे जबरदस्त विस्फोट हुआ। घटना उस वक्त की है, जब 78 वाहनों के काफिले में 2,547 सीआरपीएफ जवान जम्मू के ट्रांजिट शिविर से श्रीनगर की ओर जा रहे थे। विस्फोट इतना जबरदस्त था कि सीआरपीएफ बस के परखच्चे उड़ गए। एक रिपोर्ट में कहा गया कि एसयूवी 200 किलो विस्फोटक से भरी हुई थी, जिसमें संभवत: आरडीएक्स भी हो सकता है। सीआरपीएफ अधिकारियों ने कहा कि आतंकियों द्वारा मुख्य रूप से निशाना बनाई गई बस पूरी तरह से तबाह हो गई और अन्य सीआरपीएफ वाहनों को आंशिक नुकसान पहुंचा है। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, इस पर विश्वास करना बहुत मुश्किल है कि बस में कोई जीवित बचा होगा।
खुद को जेईएम का प्रवक्ता बताने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने स्थानीय समाचार एजेंसी जीएनएस को दिए एक बयान में कहा कि यह संगठन द्वारा किया गया एक फिदायीन हमला था। सभी घायलों को श्रीनगर शहर के बादामीबाग छावनी स्थित सेना के 92 बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है। श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर सभी प्रकार के यातायात को रोक दिया गया है। वरिष्ठ पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारी विस्फोट बाद विश्लेषण के लिए घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। एक अधिकारी ने कहा कि हमला किन हालात में हुआ, उसे समझने के लिए सीआरपीएफ और पुलिस एक विस्तृत जांच करेंगी। अधिकारियों ने कहा कि एक बार में इतनी बड़ी संख्या में सीआरपीएफ जवानों के स्थानांतरित होने के पीछे खराब मौसम के कारण पिछले दो दिनों से श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग का बंद होना था। काफिला जम्मू से गुरुवार तड़के 3.30 बजे के करीब निकला था।