शशिकला vs पनीरसेलवम को लेकर तमिलनाडु में राजनीतिक संकट गहराया, निगाहें राज्यपाल पर
सत्ता विमर्श ब्यूरो
चेन्नई : तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी एआईएडीएमके में उत्तराधिकार को लेकर चल रही खींचतान की राजनीति बड़े ही रोचक दौर में पहुंच गई है। गुरुवार को एआईएडीएमके की महासचिव वीके शशिकला तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव से मिलीं और विधायकों का समर्थन का हवाला देते हुए सरकार बनाने का दावा पेश किया।
दूसरी तरफ पूरे घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रही डीएमके ने कहा है कि अगर बहुमत साबित करने की जरूरत पड़ी तो वह पन्नीरसेल्वम का समर्थन करेगी। मालूम हो कि एम. करुणानिधि की पार्टी द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी है। इसका मतलब यह है कि डीएमके शशिकला की एआईएडीएमके को तोड़ना चाहती है।
गुरुवार शाम शशिकला जयललिता की समाधि पर पहुंचीं और जयललिता को श्रद्धांजलि देने के बाद राजभवन का रुख किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शशिकला ने राज्यपाल को विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपा। शशिकला ने राज्यपाल के समक्ष तमिलनाडु में नई सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। शशिकला के साथ पार्टी के पांच वरिष्ठ नेता भी राज्यपाल से मिलने पहुंचे थे।
इससे कुछ घंटे पहले पनीरसेल्वम ने भी राज्यपाल से मुलाकात की थी। करीब 10 मिनट तक हुई इस मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि बातचीत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। बताया जा रहा है कि उन्होंने राज्यपाल से कहा है कि उन पर दवाब डाल कर इस्तीफा लिया गया था और अब वह अपना इस्तीफ़ा वापस लेना चाहते हैं।
अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि ओ. पनीरसेल्वम और वीके शशिकला से मिलने के बाद राज्यपाल विद्यासागर राव क्या फैसला लेते हैं। वह पनीरसेल्वम को विधानसभा में विश्वास हासिल करने को कहते हैं या फिर शशिकला को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाते हैं। शशिकला ने दावा किया है कि पार्टी के 134 में से 130 विधायक उनके साथ हैं।