28 घण्टे बाद शिवराज ने तोड़ा उपवास, किए कई बड़े ऐलान
सत्ता विमर्श ब्यूरो
भोपाल: 28 घण्टे बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपना उपवास तोड़ दिया। इसके साथ ही किसानों की बेहतरी के लिए कई लुभावने ऐलान भी किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम पर अनाज खरीदना अपराध माना जाएगा। इसके लिए सरकार नियम बनाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भेल दशहरा मैदान में दोपहर तीन बजे इस बड़ी घोषणा के साथ उपवास समाप्त कर दिया। किसान आंदोलन के मद्देनजर मुख्यमंत्री की इस घोषणा को सरकार का बड़ा फैसला माना जा सकता है क्योंकि किसानों के गुस्से की सबसे अहम वजह उपज के सही दाम न मिलना ही है।
उपवास के दूसरे दिन रविवार को सुबह 11 बजे ढाई हजार से ज्यादा किसान भेल दशहरा मैदान पर इकठ्ठा हुए। मुख्यमंत्री ने उपवास की वजह को दोहराते हुए कहा कि प्रदेश में कुछ लोग हैं जो नहीं चाहते हैं शांति कायम रहे। वह अराजकता की स्थिति पैदा करना चाहते हैं,जबकि आम प्रदेशवासी शांतिप्रिय है। जिन्होंने प्रदेश को अराजकता की भट्टी में झोंकने का प्रयास किया है, वह अपराधी और पापी हैं। ऐसे हैवान और शैतानों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील करते हुआ कि ऐसे अराजक तत्वों को पहचाने और अलग-थलग करें।
उपवास समाप्त करते हुए उन्होंने कहा कि कल रात 2006 में आई स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट पढ़ रहा था। इसमें जो सिफारिशें की गई हैं, उनमें से कईयों पर प्रदेश में काम शुरू हो गया है। कृषि भूमि का अधिग्रहण बिना किसान की सहमति नहीं होगा। मुआवजे के अधिकार किसान के रहेंगे। आबादी क्षेत्र में किसानों को रहवासी पट्टे दिए जाएंगे। नर्मदा का पानी शिप्रा में पहुंचाने के बाद अन्य नदियों में पहुंचाकर सिंचाई का रकबा बढ़ाया जाएगा। सड़कों का जाल बिछाकर किसानों को उपज मंडियों तक पहुंचाना आसान बनाया जा चुका है, अब खेतों तक सड़कें पहुंचाएंगे ताकि और आसानी हो जाए। जब कभी बाजार में उपज के दाम गिरेंगे तब मूल्य स्थिरीकरण कोष से राशि लगाकर किसान को लाभकारी मूल्य दिलाया जाएगा। लागत मूल्य भी वैज्ञानिक आधार पर निकाला जाएगा।
ये भी किया ऐलान
- स्टेट लैंड यूज एडवाइजरी सर्विस बनेगी। किसानों को सलाह दी जाएगी कि बाजार में किस फसल की क्या स्थिति है। इसके आधार पर किसानों को खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा।
- सोयाबीन की खरीदी समर्थन मूल्य पर होगी। एक-एक दाना सभी उपजों का खरीदेंगे।
- अमूल की तर्ज पर होंगे दूध के दाम तय। फार्मूला अपनाएगी सरकार।
- बिलेज नॉलेज सेंटर (ज्ञान चौपाल) बनेंगे। किसानों को दी जाएगी आधुनिक खेती की जानकारी।
- खसरा और खतौनी साल में एक बार मुफ्त घर पहुंचाई जाएगी।
- नगर निगम, नगर पालिक और नगर पंचायत परिषद में बनेंगे किसान बाजार। किसान और उपभोक्ता के बीच में नहीं रहेगा बिचौलिया।
- डिफाल्टर किसानों को मुख्यधारा में लाने ऋण समाधान योजना आएगी।
- किसान पुत्रों को स्वरोजगार के लिए 10 लाख रुपए से लेकर दो करोड़ रुपए तक का कर्ज सरकार अपनी गारंटी पर दिलाएगी।
- जिन वनवासियों को भूमि अधिकार पत्र नहीं मिलेंगे उनके दावों का परीक्षण कर पट्टे दिए जाएंगे।
- किसान आंदोलन के चलते, जो लोग आगजनी का शिकार हुए उन्हें राहत राशि दी जाएगी।