बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद शशिकला ने 2 करोड़ में खरीदीं रसोई की सुविधाएं, सरकार ने दिए जांच के आदेश
सत्ता विमर्श ब्यूरो
बेंगलुरु : तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता की जगह उनकी पार्टी एआईएडीएमकी के कमान संभालने वाली वीके शशिकला इस समय बेंगलुरु की सेंट्रल जेल में भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति की दोषी के तौर पर सजा काट रही हैं। लेकिन बुरे कर्म करने पर जेल की रोटी खानी पड़ेगी के मुहावरे को झुठलाते हुए शशिकला जेल में भी फाइवस्टार भोजन का लुत्फ उठा रही हैं।
जी हां! इस वक्त बेंगलुरु की सेंट्रल जेल में बंद एआईएडीएमके प्रमुख वीके शशिकला को स्पेशल ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। लोगों को लगता होगा कि शशिकला आम कैदियों की जिंदगी जी रही हैं लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है। जेल में शशिकला का खाना तैयार करने के लिए अलग से किचन बनवाया गया है और इसके लिए शशिकला ने अधिकारियों को दो करोड़ रूपये दिए थे। शशिकला को विशेष सुविधा दिए जाने के मामले में डीजी सत्यनारायण राव (जेल) ने कहा कि वह सिर्फ कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं। उन्होंने घूस लेने की बात को नकारते हुए कहा कि मैं किसी भी प्रकार की जांच के लिए तैयार हूं।
We have taken serious cognizance of the allegation of irregularities in Bengaluru Central Prison & ordered a high level inquiry. 1/2
— CM of Karnataka (@CMofKarnataka) July 13, 2017
Request all to await the outcome of this inquiry. Strict action will be taken against any person found guilty of wrongdoing. 2/2
— CM of Karnataka (@CMofKarnataka) July 13, 2017
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने इस मामले में ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है, मामले का संज्ञान लिया गया है। बेंगलुरू केंद्रीय जेल में जो कुछ भी गड़बड़ियों के आरोप लगे हैं, उसकी उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं। रूपा स्टांप पेपर घोटाले के दोषी अब्दुल करीम तेलगी पर भी जेल में विशेष सुविधाएं प्राप्त करने के आरोप लगा चुकी हैं।
बेंगलुरु सेंट्रल जेल की वरिष्ठ अधिकारी डी. रूपा की रिपोर्ट के अनुसार इस बात के संकेत मिलते हैं कि जेल प्रशासन को इस गैर-कानूनी हरकत की जानकारी थी लेकिन उसने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल डी. रूपा ने अपने विभाग के ही पुलिस महानिदेशक (डीजीपी, जेल) एचएन सत्यनारायण राव पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके केंद्र में शशिकला हैं। डी. रूपा ने एचएन सत्यनारायण और राज्य के डीडीपी आरके दत्ता को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि 'शशिकला को खुद का भोजन बनाने के लिए विशेष कमरा दिया गया है, जो जेल नियमों का उल्लंघन है।' उन्होंने पत्र में लिखा है, जेल नियमों के उल्लंघन का मामला मेरे संज्ञान में आया है। ऐसी चर्चा है कि विशेष सुविधाएं देने के लिए दो करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई है। मैं आपसे अपील करती हूं कि नियमों को तोड़ने वाले लोगों पर सख़्त और तत्काल कर्रवाई हो।'
राव ने रूपा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, शशिकला को किसी भी तरह की विशेष सुविधा प्रदान नहीं की गई है। वो पहले माले पर स्थित महिला कैदियों के वार्ड में रहती हैं। उन्हें किसी भी तरह का वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया गया है। यहां तक कि सांसद व मंत्रियों के मिलने के लिए साधारण प्रक्रिया अपनाई गई है। रूपा ने बताया, यह आरोप किसी के खिलाफ नहीं है। मैंने डीआईजी के तौर पर जो चीजें देखी, उसके बारे में पत्र में लिखा। मेरा उद्देश्य है कि व्यवस्था सुधरे और जो भी कमियां है उसे खत्म किया जा सके। पत्र लिखने के पीछे मेरा कोई निजी हित नहीं है। अगर किसी को इसमें सच्चाई नहीं दिखती है तो इसकी जांच करवाई जाए।
रूपा डी. मुदगिल : तेज-तर्रार और बहादुर पुलिस अफसर
पैसा देकर बेंगलुरू सेंट्रल जेल में कोई कैदी फाइव स्टार का मजा उठा रही हो, वो चलने नहीं देंगी। ये कहना है अपने करियर के शुरुआती दौर से ही एक तेज-तर्रार और बहादुर अफसर के रूप में पहचानी जाने वाली रूपा डी. मुदगिल का। कर्नाटक की रूपा डी. सबसे पहले तब देशभर में सुर्खियों में आई थीं जब उन्होंने 2004 में मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री उमा भारती को गिरफ्तार किया था। दंगे से जुड़े एक मामले में कोर्ट ने उमा भारती की गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। उमा भारती को उस समय भाजपा की फायर ब्रान्ड नेता माना जाता था और उनकी गिरफ्तारी के बाद रूपा अचनाक सबकी नजरों में आ गईं थीं।
रूपा डी. कर्नाटक कैडर से 2000 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। 2016 में उन्हें प्रेसिडेंट पुलिस मैडल से सम्मानित किया जा चुका है। रूपा शानदार शूटर हैं और कई अवार्ड जीत चुकी हैं। साथ ही वह एक प्रशिक्षित भरतनाट्यम डांसर भी हैं। इसके साथ-साथ वह अखबारों के लिए भी लिखती हैं। रूपा के 17 साल के करियर में ऐसे कई किस्से हैं जो बताते हैं कि वह किस तरह की अधिकारी हैं। कुछ समय पहले रूपा ने फेसबुक पोस्ट लिख मैसूर के सांसद प्रताप सिन्हा पर आरोप लगाया था कि नेता अपनी पसंद से अफसरों की पोस्टिंग कराते हैं। ये पोस्ट काफी चर्चा में रहा था।
रूपा ने बेंगलुरु की डीसीपी रहते हुए वीवीआईपी और नेताओं की सुरक्षा में गैर-जरूरी तरीके से लगाए गए पुलिसकर्मियों को सुरक्षा से हटवा दिया था। यही नहीं, उन्होंने उस समय के मुख्यमंत्री बीएस येदुरप्पा के काफिले से बिना परमिट के चल रहे पुलिस वाहनों को हटाने का आदेश देकर खलबली मचा दी थी। अब डीआईजी (जेल) रुपा डी. ने जेल में बंद शशिकला को वीआईपी ट्रीटमेंट मिलने की बात उठाकर सियासी खलबली मचा दी है। रूपा ने कर्नाटक के डीजी (जेल) एचएन सत्यनारायण राव पर भी सवाल खड़े किए हैं और उन्हें भी रिश्वत में हिस्से मिलने की बात कही है। रूपा डी. ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जो लोग मोटी रकम खर्च कर सकते हैं, उनके लिए बेंगलुरु जेल में खास सुविधाएं मिलना मुश्किल काम नहीं है।