सरकार बदली पर नहीं बदली 'ट्रांसफर मैन' की तकदीर
सत्ता विमर्श ब्यूरो
चंडीगढ़: देश और प्रदेश की सरकार बदल गई लेकिन हरियाणा के चर्चित आईएएस डॉ. अशोक खेमका की तकदीर में तबादला पहले भी था और अब भी वैसा ही है। 24 साल की नौकरी में ये उनका 51वां ट्रांसफर है। फिलहाल उनकी प्रदेश के तेज-तर्रार मंत्री अनिल विज के विभाग में वापसी हो गई है। खेमका को खेल और युवा मामलों के विभाग का प्रिंसिपल सेक्रटरी बनाया गया है। यह विभाग अब तक केके खंडेलवाल के पास था। प्रदेश में कुल 13 आईएएस अफसरों का तबादला किया गया है। विज खेमका के काम से खुश रहे हैं। उन्होंने कई बार खेमका की तारीफ की है। खेमका के अलावा हरियाणा सरकार ने 13 और आईएएस अधिकारियों के तबादले किए हैं।
ट्विटर पर जाहिर किया दर्द
तबादले की ख़बर के बाद आईएएस अशोक खेमका ने अपना दर्द ट्वीट के जरिए जाहिर किया। 1991 बैच के खेमकी की 52 वर्ष की उम्र में 51वीं पोस्टिंग है। उन्होंने ट्वीट किया- कई सारे कामों की तैयारियां की थीं और अचानक एक और तबादले की ख़बर मिल गई। एक बार फिर आपातकालीन लैंडिंग हो गई और निहित स्वार्थों की जीत हो गई। लेकिन यह अस्थायी है और काम नए उत्साह और ऊर्जा के साथ जारी रहेगा। फिलहाल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग में भी खेमका भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे।
So much work planned. News of another transfer. Crash landing again. Vested interests win. Déjà vu. But this is temporary.
Will continue with renewed vigour and energy.— Ashok Khemka (@AshokKhemka_IAS) November 12, 2017
अशोक खेमका की पहली पोस्टिंग 1993 में हुई थी। अपनी अब तक की नौकरी के दौरान उनकी ज्यादातर पोस्टिंग कुछ महीनों की ही रहीं। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग विभागों में 8 ऐसी पोस्ट संभालीं, जो एक महीने या उससे भी कम की रहीं।
वाड्रा-डीएलएफ डील पर जताई थी आपत्ति
रॉबर्ट वाड्रा-डीएलएफ लैंड डील की म्यूटेशन को खारिज कर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी अशोक खेमका सुर्खियों में आए थे। रॉबर्ट वाड्रा विवाद के दौरान एक इंटरव्यू में उन्होंने बार-बार ट्रांसफर पर अफसोस जताया था। उन्होंने कहा था, 'सरकार किसी भी पार्टी की रही हो, मुझे हर बार अपनी ईमानदारी की सजा भुगतनी पड़ी क्योंकि मैं लगातार घपलों और घोटालों का पर्दाफाश करता रहा हूं।'
कंप्यूटर साइंस में पीएचडी
पश्चिम बंगाल में पैदा हुए अशोक खेमका ने आईआईटी खड़गपुर से ग्रैजुएशन करने के बाद मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी हासिल की। उन्होंने एमबीए की डिग्री भी हासिल की है। अशोक खेमका 1991 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं। अपनी ईमानदारी के अलावा उन्हें नियमों के जानकार के तौर पर भी जाना जाता है। कहा जाता है कि विभाग के सीनियर अधिकारी भी उनसे कई बार राय लेते हैं। अपने भ्रष्टाचार विरोधी तेवरों के चलते वह काफी लोकप्रिय रहे। 2004 में जब सरकार ने कई शिक्षकों का सत्र के बीच में ही तबादला किया था, तो उन्होंने तत्कालीन सीएम ओमप्रकाश चौटाला तक का आदेश मानने से इनकार कर दिया था।
हमेशा रहे अव्वल
अशोक खेमका के एक दोस्त के मुताबिक कलकत्ता में स्कूलों के दिनों में क्लास 10 के आईसीएसई के टेस्ट के बाद अशोक रो पड़े थे। मैथमेटिक्स के टेस्ट में अशोक ने 99 पर्सेंट मार्क्स हासिल किए थे, पर उनकी आंखों में आंसू थे और उन्हें अफसोस हो रहा था क्योंकि 100 पर्सेंट लाने वाला कोई और था। उनके बैच के ही एक आईएएस उनके बारे में कहते हैं कि उनकी पढ़ने की आदत कमाल है। वो हमेशा सीखने को तैयार रहते हैं। उनके मुताबिक, विभाग में शायद ही कोई और है, जो उनकी तरह खुद को टेक्नॉलजी और दूसरे एरिया में अपडेट रखता है।