भगवान राम की शरण में योगी, बोले- आपसी सहमति से बनाएंगे मंदिर
सत्ता विमर्श ब्यूरो
अयोध्या : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को कहा कि विवादित श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण आपसी बातचीत और सहमति से ही संभव है। योगी यहां श्रीराम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं मणिरामदास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास के 79वें जन्मोत्सव पर योग एवं प्राकृतिक चिकित्सालय में एक जनसभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी मंदिर निर्माण के लिये आपसी बातचीत का सुझाव दिया है। इससे पहले योगी सुबह 9.45 बजे के करीब हनुमान गढ़ी और रामलला के दर्शन किए और सरयू नदी के तट पर आरती में शिरकत की।
सीएम योगी ने कहा कि हिन्दू-मुस्लिम पक्ष आपसी बातचीत से श्रीराम जन्मभूमि मुद्दे का हल निकाल सकते हैं, यदि ऐसा हुआ तो उनकी सरकार हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि नया माहौल बन चुका है। अब नया प्रयास भी होना चाहिये। लखनऊ के ऐसे कई मुस्लिम संगठन हैं जो रामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिये आगे आ रहे हैं, इसलिए बातचीत से ही मंदिर निर्माण का विवाद सुलझाया जा सकता है।
योगी ने कहा कि भारत आस्था का देश है। आस्था देखनी हो तो देश के अंदर देखें। जिस धाम में जाएंगे वहां लाखों श्रद्धालु जयघोष करते हुए दिखायी देंगे। जिस प्रकार काशी में हर-हर महादेव, मथुरा में राधे-राधे की गूंज सुनायी देती है उसी तरह पशुपतिनाथ और गंगोत्री, यमुनोत्री आदि जगहों पर भगवान की गूंज सुनायी देती है।
उन्होंने कहा कि जब अयोध्या धाम में प्राचीन परम्परा के साथ कोई आता है तो उसका स्वाभाविक जुड़ाव मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम के साथ जुड़ जाता है और उसके मुंह से बरबस ही जय श्री राम निकल पड़ता है। अयोध्या के संतों ने धार्मिक जगत को बहुत कुछ दिया। महंत नृत्यगोपाल दास के नेतृत्व में यह नगरी धार्मिक, आध्यामिक एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में आगे बढ़ी। इसलिये आपसी संवाद व सौहार्दपूर्ण राम मंदिर के विवाद का पटाक्षेप करना होगा।
इससे पहले योगी आदित्यनाथ सुबह-सुबह अयोध्या पहुंचकहर सीधे रामजन्मभूमि के इलाके में पहुंचे और हनुमानगढ़ी तथा रामजन्मभूमि में रामलला के दर्शन किए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद वह पहली बार अयोध्या आए हैं। साथ ही बाबरी मस्जिद ढांचा के गिराए जाने के बाद योगी दूसरे ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो राम की शरण में आए हैं।
योगी आदित्यनाथ का यह दौरा इसलिए अहम है क्योंकि एक दिन पहले ही बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भाजपा के शीर्ष नेताओं के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने के आरोप तय किए गए हैं। योगी राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद परिसर में स्थित अस्थायी मंदिर में करीब आधे घंटे तक रहे। बाद में उन्होंने सरयू नदी के तट पर पूजा अर्चना की। योगी के इस अयोध्या दौरे का साधु-संन्यासियों और रामभक्तों ने शानदार स्वागत किया और जगह-जगह खड़ी भीड़ ने 'मंदिर वहीं बनाएंगे' और 'जय श्रीराम' के नारे भी लगाए।