योगी सरकार का पहला बजट ; 55 हजार करोड़ सिर्फ नई योजनाओं के लिए
सत्ता विमर्श ब्यूरो
लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार ने वर्ष 2017-18 के लिए 3 लाख 84 हजार 659 करोड़ रुपये का अपना पहला बजट पेश किया जो यूपी के लिए अब तक का सबसे बड़ा बजट है। इस बजट की खास बात यह है कि 55 हजार करोड़ रुपये सिर्फ नई योजनाओं के लिए रखा गया है। योगी सरकार ने बजट में साल 2017-18 में 3 लाख 77 हजार करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्ति का अनुमान, 3 लाख 84 हजार करोड़ के खर्च का अनुमान, 12 हजार 278 करोड़ की बचत का अनुमान, जबकि 42 हजार 967 करोड़ के राजकोषीय घाटे का अनुमान रखा है।
विपक्ष के हंगामे के बीच योगी सरकार का पहला बजट राज्य के वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने पेश किया। बजट की रकम पिछली अखिलेश सरकार की 2016-17 के बजट से 10.9 प्रतिशत ज्यादा है। अग्रवाल ने सदन में कहा कि बजट में प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसानों के फसली ऋण की राज्य सरकार द्वारा अदायगी किए जाने की व्यवस्था की गई है। इसके लिए 36 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। अगले पांच साल में प्रदेश की विकास दर का लक्ष्य 10 प्रतिशत रखा गया है।
उन्होंने सदन को बताया कि पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, पांच शहरों में मेट्रो, मेक इन यूपी, पावर फॉर ऑल समेत अन्य योजनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा और रोजगार सृजन पर विशेष जोर दिया जाएगा। सरकार जल्द ही कपड़ा नीति लेकर आएगी। वित्तमंत्री ने कहा कि 55,781 करोड़ की नई योजनाएं बजट में शामिल की गई हैं। किसान समृद्धि योजना के लिए 10 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। संपर्क मार्गों के रखरखाव के लिए 250 करोड़ का बजट रखा गया है। 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस मनाया जाएगा।
वित्तमंत्री ने कहा कि 5 हजार हेक्टेयर से ज्यादा वन भूमि को खाली कराया गया है। महिला सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 181 जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि सब्जियों के उत्पादन-प्रबंधन के लिए 25 करोड़ का बजट रखा गया है, जबकि कानपुर, वाराणसी, आगरा, गोरखपुर शहरों में मेट्रो रेल परिजयोजनाओं के लिए 288 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल की विशेष योजनाओं के लिए 300 करोड़ का बजट, बुंदलेखंड की विशेष योजनाओं के लिए 200 करोड़ का बजट तथा पडित दीनदयाल उपाध्याय नगर विकास योजना के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गई है।
वित्तमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के लिए तीन हजार करोड़, शहरों में मलिन बस्ती विकास के लिए 385 करोड़ की व्यवस्था की गई है। अग्रवाल ने बताया किया बेसहारा पशुओं के लिए कान्हा गौशाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना शुरू की जाएगी। बेसहारा पशु आश्रय योजना के लिए 40 करोड़ का बजट दिया गया है जबकि वाराणसी, फैजाबाद, अयोध्या, नैमिषारण्य, चित्रकूट, विंध्याचल, कुशीनगर गोला गोकर्णनाथ, मथुरा, गोरखपुर, देवा शरीफ में बस अड्डों का उच्चीकरण किया जाएगा।
अग्रवाल ने कहा कि हर महीने की 25 तारीख को मातृत्व दिवस मनाया जाएगा तथा गर्भवती महिलाओं और 5 वर्ष तक के बच्चों को अतिरिक्त पुष्टाहार की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा कि मथुरा-वृंदावन के सौंदर्यीकरण, घाटों का पुनरुद्धार की योजना शुरू की जाएगी। अयोध्या में रामलीला का आयोजन फिर से शुरू किया जाएगा। कैलाश मानसरोवर यात्रा पर 1 लाख का अनुदान दिया जाएगा, जबकि सिंधु दर्शन के लिए 10 हजार प्रति व्यक्ति की योजना लाई जाएगी।
अग्रवाल ने बताया कि 33,200 पुलिसकर्मियों की भर्ती की जाएगी तथा पीएम आवास योजना के लिए 3 हजार करोड़, वाराणसी संस्कृति केंद्र के लिए 200 करोड़ की व्यवस्था तथा स्वच्छ भारत मिशन शहरों के लिए 1000 करोड़ की व्यवस्था की गई है। इससे पहले, सदन में अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमले की निंदा की गई और मारे गए श्रद्धालुओं के प्रति संवेदना जताई गई।
मंगलवार को पूर्वाह्न् 11 बजे जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। सपा के विधायक सदन के भीतर ही धरने पर बैठ गए। विपक्षी दलों के सदस्य प्रदेश की कानून व्यवस्था और किसानों के मुद्दे को लेकर हंगामा कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदस्यों को समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद अध्यक्ष ने विधानसभा 12.15 बजे तक स्थगित रखी। इससे पहले विधान परिषद की कार्यवाही भी विपक्ष के हंगामे के चलते 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।