मोदी राज में अटल जी का अपमान, 'राष्ट्रधर्म' की मान्यता खत्म
अगर मोदी सरकार ने संज्ञान नहीं लिया तो भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठतम नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा शुरू की गई 'राष्ट्रधर्म' पत्रिका के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लग जाएगा। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जिंदा रहते उनके राष्ट्रधर्म को अपमान का घूंट पीना पड़ेगा। डीएवीपी ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से प्रकाशित मासिक पत्रिका राष्ट्रधर्म की मान्यता रद्द कर दी है।
लखनऊ रैली में खूब गरजे PM, बोले- मैं कहता हूं कालाधन हटाओ, तो वो कहते हैं मोदी को हटाओ
सपा में मचे पारिवारिक घमासान के बीच और नोटबंदी के 50 दिन पूरे हो जाने के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में भाजपा की परिवर्तन महारैली को संबोधित किया। रैली में प्रधानमंत्री ने नोटबंदी का जिक्र छेड़ते हुए कहा कि मैं कहता हूं कि कालाधन हटाओ तो वो (सपा-बसपा-कांग्रेस) कहते हैं कि मोदी को हटाओ। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कालाधन और भ्रष्टाचार का तड़का लगाकर यह जताने की पूरी कोशिश की कि सपा और बसपा के रहते उत्तर प्रदेश का विकास संभव नहीं है। इसके लिए परिवर्तन लाना होगा, कमल खिलाना होगा।
मन की बात में बोले PM मोदी; कानून सबके लिए समान है, पार्टियों को भी छूट नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2016 में आखिरी बार 'मन की बात' के 27वें संस्करण के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने सबसे पहले देशवासियों को क्रिसमस की बधाई दी। पंडित मदन मोहन मालवीय को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कानून सबके लिए समान है।
संसदीय राजनीति का वो दौर जब अटल...
इसमें कोई दो-राय नहीं कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से अपनी राजनीतिक जीवन यात्रा की शुरुआत की थी और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ बनाते वक्त जिन तीन-चार लोगों को संघ से लिया था उनमें से वाजपेयी एक थे। वाजपेयी के बारे में यह भी कहा जाता है कि वे संघ के अनुशासन को भले ही मानते रहे, लेकिन उनके विचारों की दुनिया में हमेशा खुली हवा का खास स्थान रहा। इसलिए वाजपेयी आरएसएस के पसंदीदा नेताओं में से कभी नहीं रहे।
साल 2016 में आखिरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की ‘मन की बात’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल की आखिरी 'मन की बात' के 27वें संस्करण में आज देशवासियों को क्रिसमस की बधाई देते हुए की। उन्होंने मदन मोहन मालवीय की जयंती और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी। पीएम मोदी ने रेडियो पर इस साल के आखिरी मन की बात में नोटबंदी और कैशलेस सिस्टम पर भी अपने विचार रखे।
सत्ता की कसौटी पर अटल बड़े या मोदी?
देश की वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में एक सवाल यह उठ रहा है कि भाजपा के नेतृत्व में बने अटल सरकार और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही वर्तमान भाजपा सरकार की कार्यप्रणाली में अंतर है या नहीं। और अगर है तो उसकी दिशा क्या है। वाजपेयी की कार्यप्रणाली और मोदी सरकार की कार्यप्रणाली की तुलना इसलिए जरूरी है ताकि यह पता चल सके कि भाजपा की नीतियों के अनुरूप कौन सी कार्यप्रणाली अपनी कसौटी पर खरी उतरती है।
कश्मीर पर बोली महबूबा, समाधान अभी नहीं तो कभी नहीं
कश्मीर में अमन की कोशिश लगातार जारी है। बीते 50 दिन से जारी हिंसा में 68 लोगों की जान जाने के बाद पहली बार सूबे की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आवास 7 रेसकोर्स में मुलाकात की। यह मुलाकात करीब एक घंटे चली। बाद में मीडिया से बातचीत में महबूबा ने कहा, मोदी जी के पास दो तिहाई बहुमत है। अगर आज मसला हल नहीं हुआ तो फिर कभी कुछ नहीं होगा।
अटल जी : राजनीति का ‘करिश्माई नक्षत्र’
अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीतिक के पटल पर एक ऐसी शख्सियत का नाम है जिन्होंने अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व से न केवल व्यापक स्वीकार्यता एवं सम्मान हासिल किया बल्कि तमाम अवरोधों को तोड़ते हुए 90 के दशक में राजनीतिक मंच पर भाजपा को स्थापित करने में भी अहम भूमिका निभाई। यह वाजपेयी के व्यक्तित्व का ही सम्मोहन था कि भाजपा के साथ उस समय नए-नए सहयोगी दल जुड़े जब बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद दक्षिणपंथी झुकाव के कारण उस जमाने में भाजपा को राजनीतिक रूप से ‘अछूत’ माना जाता था।
अटल बिहारी वाजपेयी भारत रत्न से सम्मानित
भारतीय राजनीति का करिश्माई नेता, ओजस्वी वक्ता, प्रखर कवि और विरोधियों में भी हमेशा सम्मान के पात्र रहे राजनेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को शुक्रवार को देश के शीर्ष नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने प्रोटोकोल को दरकिनार करते हुए इन दिनों अस्वस्थ चल रहे पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित निवास पर खुद जाकर उन्हें इस पुरस्कार से नवाजा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ट्वीटर पोस्ट में कहा, ‘करोड़ों भारतीयों के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है।
अटल बिहारी वाजपेयी : भारत के सर्वाधिक करिश्माई नेताओं में से एक
भारत के सर्वाधिक करिश्माई नेताओं में शुमार अटल बिहारी वाजपेयी का देश के राजनीतिक पटल पर एक ऐसे विशाल व्यक्तित्व वाले राजनेता के रूप में सम्मान किया जाता है जिनकी व्यापक स्तर पर स्वीकार्यता है और जिन्होंने तमाम अवरोधों को तोड़ते हुए 90 के दशक में राजनीति के मुख्य मंच पर भाजपा को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।