'मेरे लिए तो इंडिया का मतलब ही इंदिरा गांधी हैं'
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती अपने बेबाक और विवादित बोलों को लेकर चर्चा में हैं। सूबे में भाजपा के साथ मिलकर सरकार चलाने वाली मुफ्ती ने अब इंदिरा गांधी की तारिफ की है। उन्होंने कहा है कि उनके लिए इंडिया का मतलब ही इंदिरा गांधी है क्योंकि वो उन्हीं को देखते और सुनते हुए बड़ी हुई हैं। एक तरह से मुफ्ती ने आरएसएस को आईना दिखाया है जो नेहरू-गांधी परिवार को लेकर अकसर नापसंदगी जाहिर करती आई है।
रायसीना हिल्स में भाजपा के राम
स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा कि भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार जीत कर रायसीना हिल्स की शोभा बढ़ायेंगे। रामनाथ कोविंद देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर उम्मीद के मुताबिक चुने जा चुके हैं। एक बार फिर इस उम्मीदवारी की पटकथा लिखी देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने। हमेशा की तरह सबको चौंकाते हुए एक ऐसे शख्स को आगे किया जिसके बारे में चर्चा तक नहीं थी। एक तीर से कई निशाने साधे। दलितों की राजनीति करने वालों को दलित प्रेमी होने का एहसास कराया तो भविष्य के चुनावों के लिए खास वोट बैंक को भी साधने का प्रयास किया है।
ममता ने ठुकराई राजनाथ सिंह की सलाह, सूबे के एक मंत्री ने गवर्नर को कहा- 'तोता'
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजनाथ सिंह के उस सलाह को ठुकरा दिया जिसमें कहा गया था कि वह राज्यपाल पद की गरिमा का सम्मान करें। राजधानी कोलकाता से सिर्फ 60 किलोमीटर की दूरी पर हो रही हिंसक घटनाओं पर राज्यपाल की कड़ी टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता कैबिनेट के सदस्य सुब्रत मुखर्जी ने राज्यपाल को 'तोता' बताया।
मोदी सरकार के तीन साल : तीन धमाके, तीन सवाल
केंद्र की मोदी सरकार ने अपने तीन साल पूरे कर लिए हैं। इन तीन सालों के कामकाज का निष्पक्ष और तथ्यात्मक विश्लेषण आज इसलिए जरूरी है क्योंकि इसके आधार पर ही भविष्य के बारे में सोचने की संभावना बनेगी। मोदी सरकार के तीन साल में तीन बड़े धमाके हुए जिनका असर वर्तमान में भी है और भविष्य में भी होना निश्चित है। पहला धमाका था नोटबंदी का। दूसरा पशुओं की खरीद-बिक्री पर रोक लगाने का और तीसरा किसानों के कर्ज माफ करने के वायदे से मुकरने का। इनमें से हर धमाके का अलग-अलग असर साफ दिखाई दे रहा है।
सीपीएम महासचिव से हाथापाई, येचुरी बोले- यह संघ की गुंडागर्दी
सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी के साथ सीपीएम दफ्तर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान धक्कामुक्की किए जाने का मामला सामने आया है। येचुरी ने ट्वीट कर कहा, 'हमें चुप कराने की संघ की गुंडागर्दी की किसी भी कोशिश से नहीं डरेंगे। यह भारत की आत्मा की जंग है, जो हम जीतेंगे।' केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने हमले की निंदा करते हुए इसे ‘भारतीय लोकतंत्र पर हमला’ बताया है।
शाह की हुंकार; डरा-धमका कर भाजपा को नहीं रोक सकती माकपा
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने केरल में भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं पर हमले के लिए सत्तारुढ़ माकपा को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इस तरह से डरा-धमका कर प्रदेश में पार्टी के बढ़ते जनाधार को वामपंथी दल नहीं रोक सकते। शाह ने कहा कि यह शर्म की बात है कि सर्वाधिक संघ और भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्याएं कन्नूर में हुईं जो मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन का गृह जनपद है।
RSS को सांप्रदायिक कहने वालों पर जब भड़के योगी आदित्यनाथ
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) को साम्प्रदायिक कहने वालों को आडे हाथों लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कहा कि नि:स्वार्थ और सेवा भाव से काम करने वाले इस संगठन पर उंगली उठाने वालों को पहले अपने भीतर झांकना चाहिए। सुहेलदेव विजयोत्सव दिवस के मौके पर बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम को संबोधित करते हुए योगी ने कहा कि अब चर्चा हो ही जानी चाहिए कि कौन सांप्रदायिक है और कौन राष्ट्रवादी है।
लोकतंत्र या कुलीन तंत्र
लोकतंत्र असल में उन सभ्य लोगों का शासन तंत्र है जो आम सहमति से निर्णय लेने और प्रशासन चलाने में भरोसा रखते हैं। लेकिन हाल की कुछ घटनाओं से यह महसूस होने लगा है कि लोकतंत्र को पीछे धकेला जा रहा है और इस बात की पूरी कोशिश है कि देश को हिन्दू राष्ट्र से आगे उसे कुलीन तंत्र में बदल दिया जाए। यह एक खतरनाक संकेत हैं। यह कौन कर रहा है और कैसे कर रहा है इसपर देश के तमाम राजनीतिक दलों और वैचारिक प्रतिबद्धता की लड़ाई लड़ने वाले बुद्धिजीवियों को सोचना होगा। देर की तो शायद बहुत मुश्किल हो जाएगी।
मध्य प्रदेश में RSS से दो-दो हाथ करेगा राष्ट्रीय कांग्रेस स्वयंसेवक संघ
बिहार के बाद अब मध्यप्रदेश में भी भाजपा को जवाब देने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की तर्ज पर संगठन बनाने का ऐलान किया गया है। इस संघ का नाम राष्ट्रीय कांग्रेस स्वयंसेवक संघ (आरसीएसएस) होगा। इस संघ से उन लोगों को जोड़ा जाएगा, जो कांग्रेस की विचारधारा के पक्षधर हैं।
काशी का किस्सा : बिगड़े दूध से कितना मक्खन निकाल पाएंगे मोदी?
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिन से काशी प्रवास पर हैं। मोदी के रोड शो से पूरी काशी नगरी केसरिया रंग में रंग गया है। चुनाव विशेषज्ञ तो यहां तक कह रहे हैं कि जितनी भीड़ पीएम मोदी के रोड शो में दिखी है अगर वह वोट में परिवर्तित हो जाता है तो कम से कम वाराणसी लोकसभा के सभी विधानसभाओं में तो भाजपा की जीत पक्की समझिए। लेकिन आरएसएस की मानें तो, कोशिश यह की जा रही है कि बिगड़े दूध से जो भी मक्खन निकल सके, उसे निकाल लिया जाए।