केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2008 से 2014 के बीच अंधाधुंध कर्ज देने वाले बैंकों पर अंकुश लगाने में नाकाम रहने को लेकर कहा कि इससे बैंकों में फंसे कर्ज (एनपीए) का संकट बढ़ा है। आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल वी. आचार्य ने शुक्रवार को कहा था कि केंद्रीय बैंक की आजादी की उपेक्षा करना बड़ा घातक हो सकता है।