आरक्षण पर क्या कहता है संविधान व कानून
सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के लिए 50 फीसदी की सीमा तय कर रखी है और अगर यह आंकड़ा 50 फीसदी को पार करता है तो निश्चित तौर पर मामला ज्यूडिशियल स्क्रूटनी के लिए सुप्रीम कोर्ट के सामने आएगा और फिर स्क्रूटनी में ऐसे फैसले का टिकना थोड़ा मुश्किल होगा। सुप्रीम कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले में कहा गया है कि आरक्षण 50 फीसदी की सीमा को लांघ नहीं सकती है।
इस आरक्षण से बदलेगा देश!
लोकसभा में आर्थिक आधार पर आरक्षण बिल पारित होने के बाद मीडिया में और राजनीति तौर पर इसे सवर्ण आरक्षण बिल भी कहा जा रहा है, क्योंकि इसका लाभ आर्थिक आधार पर पिछड़े सवर्णों को मिलने की बात कही जा रही है। मैं निजी तौर पर जातिगत आरक्षण का घोर विरोधी हूं और इसीलिए सवर्ण आरक्षण का भी, लेकिन इस आरक्षण का फैसला लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह जरूर साबित करने की कोशिश की है कि सबका साथ सबका विकास सिर्फ चुनावी जुमला नहीं है।