सपा में तख्तापलट; अखिलेश बने राष्ट्रीय अध्यक्ष, शिवपाल की गई कुर्सी, अमर सिंह पार्टी से आउट
समाजवादी पार्टी में पारिवारिक घमासान थमता नजर नहीं आ रहा है। रविवार को अखिलेश खेमा ने तख्तापलट करते हुए मुलायम सिंह यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से बेदखल कर पार्टी की कमान खुद थाम ली है। प्रदेश अध्यक्ष पद से शिवपाल यादव को हटाकर एमएलसी नरेश उत्तर को जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा राज्यसभा सांसद अमर सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। मुलायम सिंह यादव को पार्टी का संरक्षक घोषित कर दिया गया है। इसके बाद पार्टी समर्थकों ने पार्टी मुख्यालय पर कब्जा कर लिया।
सपा का Family Drama खत्म, सुलह के बाद अखिलेश-रामगोपाल का निष्कासन हुआ रद्द
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बीच शक्ति प्रदर्शन में आखिरकार अखिलेश जीत ही गए है क्योंकि शनिवार को मुलायम और अखिलेश दोनों ने ही अपने-अपने समर्थकों की बैठक बुलाई थी। अखिलेश की बैठक जब शुरू हुई तो इसमें पक्के तौर पर 200 से ज्यादा विधायकों के पहुंचने की बात की गई है। इसके अलावा, करीब 34 एमएलसी और वे उम्मीदवार भी पहुंचे हैं, जिनका नाम अखिलेश की 235 सदस्यों की सूची में शामिल था। अखिलेश से मुलाकात के बाद उनका और रामगोपाल का निष्कासन वापस लेने पर मुलायम राजी हो गए।
'बबुआ को सपने में भी हाथी डराता है'
परिनिर्वाण दिवस पर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो ने समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी पर खुलकर हमला बोला। उनके निशाने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रहे। अखिलेश को बबुआ तो पीएम को उच्च जाति वाला बताया।
अखिलेश बोले- कांग्रेस आए साथ तो 300 सीटों पर होगा हमारा कब्जा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर यकीन करें तो चुनाव के बाद जरुरत के मुताबिक समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सकती है। इसके साथ ही अखिलेश ने बहुजन समाज पार्टी के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से इनकार किया है। अखिलेश एचटी मीडिया सम्मिट में बोल रहे थे।
मायावती जानती हैं कि 'सपा चुनाव हार चुकी है'
इसे बसपा सुप्रीमो मायावती की दूरदर्शिता कहें या तिलमिलाहट लेकिन बहनजी साफ कह रहीं हैं कि महागठबंधन का विचार भर करके समाजवादी पार्टी ने जता दिया है कि वो चुनाव हार चुकी है। मायावती यहां रजत जयंती समारोह में लगे अन्य दलों के नेताओं के मेले पर अपनी राय रख रहीं थीं। बहनजी ने महागठबंधन के बहाने विभिन्न दलों (जनता परिवार) के नेताओं को एक मंच पर लाने के सपा के प्रयास को एक बार फिर 'नाटक' करार दिया। उन्होंने कहा कि सपा से तालमेल का मतलब सीधे भाजपा को मदद करना है इसलिए बाकी दल इसे लेकर सचेत रहें।
सपा रजत जयंती: लोहिया के बहाने अखिलेश ने चाचा शिवपाल पर किया पलटवार
जैसा सोचा और कहा जा रहा था कि विकास यात्रा पूरे परिवार को एक छत के नीचे ले आई है और द ग्रेट सपा ड्रामे का पटाक्षेप हो गया है। लेकिन शनिवार को समाजवादी पार्टी की रजत जयंती समारोह में तल्खियां साफ नजर आई। दिख रहा है कि नाटक अभी लम्बा चलेगा। मंच पर एक तरफ शिवपाल तो दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश नजर आए और इन दोनों के बीच सपा सुप्रीमो मुलायम और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव एक सेतु की तरह नजर आये। सब कुछ ठीक ठाक दिखाने की कोशिश तो बहुत हुई। अखिलेश ने चाचा के पैर भी छूये लेकिन दूरियां जाहिर हो ही गई।
इसे विकास यात्रा कहें या फैमिली पिकनिक का दें नाम!
अब पिछले डेढ़ दो महीनों से इतना भारी ड्रामा खेला गया इसके बाद लाजिमी था कि सपरिवार एक क्वालिटी टाईम बिताया जाए। शायद इसलिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने एक पंथ दो काज वाली कहावत को चरितार्थ किया और 24 घण्टे की विकास-यात्रा पर निकल गए। वो भी किंग खान की सवारी को टक्कर देने वाले समाजवादी रथ पर। चर्चाओं और कयासबाजी का लम्बा दौर चला और फिर किसी फिल्म की हैपी एंडिग की तरह गुरुवार को पूरा यादव कुनबा एकजुट दिखा।
विकास यात्रा: अखिलेश का हाईटेक समाजवादी रथ तैयार, पिता को जगह पर चाचा नदारद
3 नवंबर से शुरु हो रहे विकास यात्रा का रथ कई मायनों में समाजवादी पार्टी की सोच और परम्परा से इतर है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के इस रथ में सुख सुविधाओं का पूरा ख्याल रखा गया है। मीडिया को इस रथ के दर्शन कराते हुए बताया गया कि ये किंग खान के रथ से कई गुणा बेहतर और स्टाइलिश है। अखिलेश के खास और विधान परिषद के सदस्य सुनील सजन ने बड़े जोश के साथ बताया कि हमारा रथ काफी स्तरीय है और शाहरूख के रथ से कहीं ज्यादा बड़ा और बेहतरीन है।
बेटे अखिलेश ने पापा मुलायम को ऐसे पछाड़ा
समाजवादी पार्टी की अंतकर्लह के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश का ग्राफ पिता से ज्यादा बढ़ा है। कम से कम एक ताजा सर्वेक्षण तो यही कहता है। बेटे की लोकप्रियता अपने पिता और समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम के मुकाबले ज्यादा बढ़ी है। स्पष्ट दिख रहा है कि नेताजी और चाचाजी की नजरों में भले सीएम गिरे हों लेकिन उनके चाहने वालों की तादाद में काफी इजाफा हुआ है। करीब 75 फीसदी लोगों की पसंद अखिलेश बन गए हैं। सी-वोटर ने ये सर्वेक्षण कराया है।
रायबरेली में मुख्यमंत्री अखिलेश, राहुल गांधी की तरह दिखते हैं!
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की तरह दिखते हैं। ये बात उन्होंने खुद कही। मौका था धनतेरस पर प्राइमरी स्कूलों के बच्चों को बर्तन बांटने का। इस दौरान सीएम साहब सभी विपक्षी पार्टियों पर बरसे पर राहुल गांधी के प्रति लगाव साफ छलका। हालांकि उन्होंने शिक्षा व्यवस्था की बुरी गत पर अपने विचार जाहिर किए थे। सीएम ने कहा कि जब रायबरेली के प्राथमिक विद्यालय में वो पहुंचे तो उन्हें बच्चे पहचान नहीं पाये और उनस पूछा- आप राहुल गांधी हैं?