Coal Scam में मनमोहन सिंह को क्लीन चिट
कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में सीबीआई ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को क्लीन चिट दे दी है। जांच एजेंसी ने मामले की सुनवाई कर रही पटियाला हाउस की विशेष अदालत को बताया कि उसे मनमोहन सिंह के खिलाफ ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं, जिससे पता चले कि मनमोहन सिंह ने जिंदल ग्रुप को फायदा पहुंचाते हुए कोल खदान का आवंटन किया है।
भारत में राजनीतिक घोटाले
सियासी पार्टियां सत्ता में आती हैं और चली जाती हैं लेकिन सत्ता के दलालों, बिचौलियों का एक समूह पिछले 65 वर्षों से इस देश पर शासन कर रहा है। जब भी कोई चुनाव होता है, ये दलाल किस्म की प्रजाति बड़ी संख्या में जुट जाती है। हम दशकों से यह शिकायत करते आ रहे हैं कि भ्रष्टाचार हमारे देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है, लेकिन हर साल घोटाले बढ़ते ही चले जा रहे हैं और इसके साथ-साथ लूटी गई धनराशि भी।
कोलगेट में मनमोहन को सम्मन पर SC की रोक
सर्वोच्च न्यायालय ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को राहत देते हुए विशेष अदालत की ओर से उन्हें भेजे गए सम्मन पर बुधवार को रोक लगा दी। अदालत ने तालाबीरा-2 कोल ब्लॉक की हिस्सेदारी हिंडाल्को कंपनी को आवंटित करने के संबंध में उन्हें सम्मन भेजा था।
भ्रष्टाचारमुक्त भारत के लिए नीतियां जरूरी
सिर्फ 33 कोयला खदानों की नीलामी और इससे दो लाख करोड़ रुपये सरकारी खजाने में आने से साफ है कि नीतियों के आधार पर सरकार अगर चलना तय करे तो भ्रष्टाचारमुक्त भारत की हम सोच सकते हैं। सरकार ने ये जिम्मेदारी उठाई है और अब देश उसी रास्ते पर चल पड़ा है।
कोलगेट : प्रधानमंत्री को सु्प्रीम कोर्ट से बड़ी राहत
कोयला घोटाले में प्रधानमंत्री को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें प्रधानमंत्री का नाम 14वीं एफआईआर में शामिल करने की अपील की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मामले की जांच सीबीआई कर रही है और एफआईआर का हिस्सा बनाने का फैसला सीबीआई ही लेगी। मालूम हो कि इसी एफआईआर में सीबीआई ने दिग्गज कॉरपोरेट कुमार मंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेख का नाम लिया है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला में प्रधानमंत्री की भूमिका की जांच से भी इनकार कर दिया है।
कोलगेट की गायब फाइलों पर संसद में मचा कोहराम
कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले से जुड़ीं फाइलों के कोयला मंत्रालय से गायब होने के मुद्दे पर मंगलवार को लोकसभा और राज्यसभा में जबरदस्त हंगामा हुआ। विपक्षी पार्टी भाजपा ने इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा है। हालांकि, सरकार का कहना है कि वह गायब दस्तावेजों का पता लगाने में कोई कसर नहीं बाकी रखेगी।