अच्छे दिनों की सौगात के रूप में खुदरा महंगाई दर के बाद अब थोक महंगाई दर भी बढ़ गई है। सितंबर महीने में थोक मुद्रास्फीति दर बढ़कर 5.13 प्रतिशत तक पहुंच गई। वहीं तेल के दामों में राहत का मोदी सरकार का दावा भी छलावा ही साबित हुआ है।
पेट्रोल व डीजल की कीमतों में वृद्धि तथा फलों सब्जियों के महंगा होने से थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल महीने में बढ़कर 3.18 प्रतिशत हो गई। थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति मार्च में 2.47 प्रतिशत तथा पिछले साल अप्रैल में 3.85 प्रतिशत रही थी।